दांपत्य जीवन में ज़रूरी है शिष्टाचार (How to Live a Happy Married Life)
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पति-पत्नी के बीच छोटी-छोटी बातों पर तकरार या झगड़ा होना आम बात है. झगड़ा करते समय अक्सर पति-पत्नी असभ्य भाषा का प्रयोग करते हुए एक-दूसरे को अपमानित करते हैं, जिससे उनके दांपत्य जीवन में दरार आ सकती है. ख़ुशहाल दांपत्य जीवन की सफलता में शिष्टाचार और बेसिक मैनर्स (How to Live a Happy Married Life) की भूमिका भी अहम् होती है. इससे पार्टनर्स में एक-दूसरे के प्रति प्यार और सम्मान की भावना बढ़ती है.
शादी दो लोगों के बीच एक ऐसा खट्टा-मीठा रिश्ता है, जो जितना पुराना होता जाता है, उनके बीच प्यार और विश्वास की नींव उतनी ही गहरी होती जाती है. इस नींव की मज़बूती तभी कायम रह सकती है, जब उनके रिश्ते में एक-दूसरे के लिए आदर, सम्मान और शिष्टाचार की भावना हो. आज तलाक़ लेनेवाले दंपतियों की संख्या जिस तेज़ी से बढ़ रही है, उसके पीछे एक मुख्य कारण यह भी है कि उनके दांपत्य जीवन से ‘शिष्टाचार’ और ‘एटीकेट्स’ जैसे शब्द गायब होते जा रहे हैं. पति-पत्नी के बीच अशिष्ट भाषा का चलन तेज़ी से बढ़ रहा है, जो धीरे-धीरे उनके सुखी वैवाहिक जीवन को खोखला बना रहा है.
क्यों ज़रूरी है दांपत्य जीवन में शिष्टता?
- आपसी रिश्ते में मज़बूती लाने के लिए.
- एक-दूसरे के प्रति आदर-सम्मान का भाव बनाए रखने के लिए.
- एक-दूसरे के लिए प्यार बनाए रखने के लिए.
शिष्टाचार संबंधी कुछ ज़रूरी बातें पतियों के लिए
- कुछ पतियों की आदत होती है कि घर के कामों में पत्नियों की मदद नहीं करते, बल्कि उनके कामों को और बढ़ा देते हैं. यदि आप घर के कामों में पत्नी की मदद नहीं कर सकते हैं, तो उनके कामों को और बढ़ाएं भी नहीं.
- यदि आप पत्नी की मदद करना चाहते हैं, तो पहले उनसे पूछ लें कि आप किस तरह से उनकी मदद कर सकते हैं.
- ऐसा करने से पति का सम्मान कम नहीं होता है, बल्कि उन्हें अच्छा लगता है कि पति उन्हें सपोर्ट करना चाह रहे हैं.
- पति अपनी चीज़ों की देखभाल, साज-संभाल स्वयं करें.
- हर छोटे-छोटे काम के लिए पत्नी को बोलने की बजाय कुछ काम ख़ुद करें.
- कुछ व्यक्तियों की काम को टालने की आदत होती है. बेहतर होगा कि काम को टालने की बजाय पत्नी को पहले ही स्पष्ट रूप से बता दें कि आप उनकी मदद नहीं कर सकते, क्योंकि यदि आप काम टालते रहेंगे, तो आपकी इस आदत से परेशान होकर वह धीरे-धीरे आप पर विश्वास खोने लगेगी, जो दांपत्य जीवन के लिए ठीक नहीं है.
- पत्नी चाहे हाउसवाइफ हो या वर्किंग, बातचीत के दौरान शिष्टता बनाए रखें. अधिकतर पतियों की यह आदत होती है कि वे पत्नियों के साथ सही ढंग से बात नहीं करते. उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि वह आपकी पत्नी है. वह भी आपसे उतना ही सम्मान चाहती है, जितना आप उनसे. यदि आप उनसे बेसिक मैनर्स, शिष्टाचार और आदर-सम्मान की उम्मीद रखते हैं, तो वे भी आप से ऐसे ही व्यवहार की अपेक्षा रखती हैं.
- पत्नी के साथ बाहर जाते समय कुछ छोटी किंतु महत्वपूर्ण शिष्टाचार संबंधी बातों का ध्यान ज़रूर रखें, जैसे- शॉपिंग बैग्स उठाना, कार में बैठने से पहले उनके लिए दरवाज़ा खोलना, बाहर लंच या डिनर के समय चेयर ऑफर करना आदि. ये बेसिक मैनर्स महिलाओं को, ख़ासकर पत्नियों को बेहद अच्छे लगते हैं. पत्नियों को भी यह एहसास होता है कि वे अपने पति के लिए ‘स्पेशल’ हैं.
- समय-समय पर पत्नी को उपहार ज़रूर दें. ज़रूरी नहीं कि उपहार में डायमंड-गोल्ड की ज्वेलरी, डिज़ाइनर साड़ियां, क़ीमती सामान आदि ही दिए जाएं. उपहार देकर उन्हें यह एहसास कराएं कि वे आपके लिए ख़ास हैं.
- पत्नी के सामने कभी भी उनकी सहेलियों की तारीफ़ न करें, न ही उनसे ज़्यादा घुलने-मिलने की कोशिश करें. पत्नियों को पति की यह आदत बिल्कुल अच्छी नहीं लगती.
- समय-समय पर पत्नी को ‘मिस यू’, ‘लव यू’ ज़रूर कहें. अच्छा काम करने पर उन्हें कॉम्प्लीमेंट्स दें या एप्रिशिएट करें.
- ऑफिस के काम को घर में न लाएं.
- घर या बाहर, जब भी पत्नी आपके साथ हो, तो मोबाइल, लैपटॉप आदि को नज़रअंदाज़ करें. नहीं तो उन्हें यह महसूस होगा कि आप उन्हें अनदेखा कर रहे हैं.
- आप चाहे कितने ही व्यस्त क्यों न हों, परिवार के लिए समय ज़रूर निकालें.
- शारीरिक स्वच्छता का ध्यान रखें.
- गंदे मोजे, गंदी बनियान और गंदा रुमाल आदि चीज़ें कहीं भी फेंकने की बजाय लॉन्ड्री बैग में रखें.
- गीला तौलिया बिस्तर पर छोड़ने की बजाय सूखने के लिए डाल दें.
शिष्टाचार संबंधी कुछ ज़रूरी बातेंपत्नियों के लिए
- पतियों को यह बिल्कुल अच्छा नहीं लगता कि पत्नियां उन्हें बात-बात पर टोकें, उनमें कमी निकालें.
- पति को स्पेस दें. हर समय उन पर शक करने या जासूसी करने से आपका दांपत्य जीवन ख़तरे में पड़ सकता है.
- अपनी सहेलियों, पति के दोस्तों, ससुराल व मायकेवालों के सामने पति की बुराई न करें. इससे न केवल पति की इमेज ख़राब होगी, बल्कि आपका इम्प्रेशन भी ख़राब होगा.
- घर हो या बाहर, दोस्तों, रिश्तेदारों के सामने पति को रिसपेक्ट दें. उनकी कमियों के बारे में दूसरों से न बोलें, न ही ताने मारें.
- हर समय पति के सामने ससुराल व बच्चों की शिकायतों का रोना न रोएं. आपके ऐसे व्यवहार से परेशान होकर पति आपसे बचने की कोशिश करने लगेंगे.
- पति को हर छोटी-छोटी बात के लिए फोन या एसएमएस करके परेशान न करें.
- भावनात्मक तौर पर ब्लैकमेल करने की कोशिश न करें.
- छोटी-छोटी तकरार होने पर बार-बार मायके जाने या बच्चों को छोड़कर जाने की धमकी न दें.
- व़क्त-बेव़क्त पति के सामने उनकी कम तनख़्वाह और महंगाई का रोना न रोएं.
- छोटी-छोटी बातों की ज़िद न करें, जैसे- मुझे आज ही शॉपिंग के लिए जाना है या आज डिनर के लिए हम बाहर जाएंगे आदि.
- पति व बच्चों के साथ बाहर जाते समय पहनावे का ख़ास ध्यान रखें.
- पति के लिए कुछ समय ज़रूर निकालें, जैसे- साथ बैठकर कॉफी पीएं, वॉक पर जाएं.
- घर-बाहर की ज़िम्मेदारियां निभाते हुए अपनी फिटनेस व ब्यूटी का भी ध्यान रखें.