- पॉलिसी ख़रीदने की सही उम्र.
- ज़रूरी मेडिकल टेस्ट, जो पॉलिसी ख़रीदने से पहले कराने होते हैं.
- पॉलिसी से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के तरी़के.
- बीमारियां, जिन्हें पॉलिसी कवर करती है.
- पहले से मौजूद बीमारियों का वेटिंग टाइम.
- हेल्थ बीमा पॉलिसी ख़रीदने के मामले में सबसे उपयुक्त नियम है- जितनी जल्दी उतना ही बेहतर.
- अपेक्षाकृत कम उम‘ में ही अपना और अपने परिवार का इंश्योरेंस कराने से पॉलिसी धारक को किफ़ायती दामों पर पॉलिसी उपलब्ध हो जाती है.
- बेहतर होगा कि हॉस्पिटल में एडमिट होने के दौरान होनेवाले ख़र्च को कवर करनेवाली मूल हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने के अलावा, बाज़ार में उपलब्ध अन्य पॉलिसियों पर भी नज़र डालें, जो पूरा मेडिकल कवरेज प्रदान करती हैं. ऐसे ही कुछ प्रोडक्ट हैं-
- कि‘टिकल इलनेस पॉलिसी
- हॉस्पिटल कैश पॉलिसी
- हाई डिडक्टेबल पॉलिसी
- पॉलिसी पर्याप्त बीमा कवर लेकर समय पर प्रीमियम देकर पॉलिसी रिन्यू कराने पर क्लेम लेने मेंं भी काफ़ी सुविधा होती है.
- हेल्थ इंश्योरेंस लेने के लिए अधिकतर कंपनियों ने न्यूनतम और अधिकतम आयु सीमा तय कर रखी होती है और बीमा पॉलिसी लेने से पहले इसे चेक कर लेना ज़रूरी होता है. अधिकतर कंपनियां एक निश्चित आयु (सामान्यतः 40 से 45 की उम‘ सीमा) होने पर अनिवार्य मेडिकल टेस्ट कराने पर ज़ोर देती हैं, इसलिए इस आयु से पहले ही बीमा सुरक्षा प्राप्त कर लेना बेहतर रहता है.
- विभिन्न बीमा पॉलिसियों के बीच तुलना करना ज़रूरी है. इसके लिए- www.insurancepandit.com, www.policybazaar.com पर लॉग ऑन कर मार्केट की स्थिति देख सकते हैं.
- सभी तरह की हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों में कुछ इंश्योरेंस से जुड़ी वजहें भी होती हैं. इसके लिए यह समझना भी ज़रूरी है कि पॉलिसी में क्या कवर किया जाएगा और क्या नहीं.
- पॉलिसी के अंतर्गत इसे समझने से आपके सामने यह स्पष्ट हो जाएगा कि आप किस चीज़ के लिए क्लेम कर सकते हैं और किसके लिए नहीं.
- अधिकतर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियां या तो निःशुल्क या मामूली अतिरिक्त लागतों पर एड-ऑन फ़ायदे उपलब्ध कराती हैं.
- इन लाभों के बारे में जानकारी लेना ठीक रहता है, क्योंकि इनमें कुछ ऐसे ख़र्च कवर किए जाते हैं, जो अन्य रूप में कवर नहीं किए गए होते.
- कुछ प्रमुख एड-ऑन लाभों में निम्नलिखित शामिल हैं-
- हॉस्पिटल कैश बेनीफिट
- घर में ट्रीटमेंट
- बच्चों के साथ सहायक रूप में पैरेंट्स का ठहरने का ख़र्च.
- एंबुलेंस फी
- बीमा कंपनी से पैसों का क्लेम दो तरह से किया जा सकता है- पहले आपको बिल भरने होंगे, फिर आपको उस रक़म का क्लेम करना होगा.
- बीमा कंपनी आपको रक़म का भुगतान करेगी.
- कैशलेस सेटलमेंट भी होता है. इसमें बीमा कंपनी के पैनल में शामिल अस्पताल पॉलिसीधारक का पूरा इलाज करता है और उसे बीमा कंपनी सीधे भुगतान करती है.
- अभिषेक गुप्ता
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