मैं 18 वर्षीया युवती हूं. हर महीने पीरियड्स के पहले मेरे ब्रेस्ट्स में बहुत दर्द होता है और गांठ भी आ जाती है, जिसके लिए मुझे पेनकिलर लेनी पड़ती है. पर पीरियड्स के बाद न दर्द रहता है और न ही कोई गांठ. मुझे गायनाकोलॉजिस्ट के पास जाने में डर लग रहा है. कहीं ये कैंसर तो नहीं?
- कशिश शुक्ला, इंदौर.
हर महीने चलनेवाले इस चक्र को साइकलिकल मस्ताल्गिया कहते हैं. पीरियड्स के सेकंड हाफ में प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन के कारण शरीर में वॉटर रिटेंशन बढ़ जाता है, जिसके कारण ब्रेस्ट्स में भारीपन और दर्द होता है. यह एक सामान्य प्रक्रिया है, जो ज़्यादातर महिलाएं महसूस करती हैं. पर अगर दर्द ज़्यादा है, तो डॉक्टर को दिखाएं. आत्मसंतुष्टि के लिए एक बार डॉक्टर से ब्रेस्ट चेकअप ज़रूर करवाएं. यह भी पढ़ें: पर्सनल प्रॉब्लम्स: गर्भधारण नहीं कर पा रही हूं, क्या मुझमें कोई प्रॉब्लम है?मेरी शादी को तीन साल हो गए हैं, पर अभी तक मैं कंसीव नहीं कर पाई हूं. हम दोनों ने सारे टेस्ट्स करवाए, पर मेरे पति का स्पर्म काउंट कम है, इसलिए डॉक्टर ने तीन महीने की दवा दी है. क्या यह 1-2 महीने में नहीं हो सकता?
- सुमन मिश्रा, मेरठ.
स्पर्म की कमी पुरुषों में आम समस्या है. दवाई का नियमित सेवन, किसी तरह का ट्रॉमा या इंफेक्शन, कोई सर्जरी, डायबिटीज़, कीमो थेरेपी या रेडियो थेरेपी आदि स्पर्म काउंट कम होने के कारण हैं. इस स्थिति को ओलिगो स्पर्मिना कहते हैं. दरअसल, स्पर्म का साइकल 72-90 दिनों का होता है, जिसमें स्पर्म मैच्योर होते हैं. इसीलिए आपके डॉक्टर ने 3 महीने की दवा दी है. 3 महीने बाद टेस्ट ज़रूर करवाएं. यह भी पढ़ें: पर्सनल प्रॉब्लम्स: सेक्स के दौरान वेजाइनल ब्लीडिंग के क्या कारण हो सकते हैं? डॉ. राजश्री कुमार स्त्रीरोग व कैंसर विशेषज्ञ [email protected]हेल्थ से जुड़ी और जानकारी के लिए हमारा एेप इंस्टॉल करें: Ayurvedic Home Remedies
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