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करवा चौथ के व्रत में सास का इतना महत्व क्यों होता है? (What Is The Importance Of The Mother In Law Karwa Chauth)

करवा चौथ के व्रत में सास का बहुत महत्व होता है. सास अपनी बहू से कहती है कि वो उनके बेटे की लंबी उम्र के लिए व्रत रखे. करवा चौथ के व्रत में सास का इतना महत्व क्यों है? बता रही हैं एस्ट्रो-टैरो, न्यूमरोलॉजिस्ट, नेम थेरेपी, वास्तु-फेंगशुई एक्सपर्ट मनीषा कौशिक. Mother In Law Karwa Chauth ऐसा इसलिए है, क्योंकि आपको जो पति मिला है, उसे पैदा करने से लेकर, उसके पालन-पोषण की तमाम ज़िम्मेदारियां आपकी सास ने उठाई हैं, आपके पति को जब भी कोई कष्ट होता है, तो सबसे ज़्यादा तकलीफ़ आपकी सास को ही होती है, इसीलिए करवाचौथ के व्रत में सास का महत्वपूर्ण स्थान है. उस मां की पूजा होनी ज़रूरी है. सास जब बहू को सरगी देती है, तो एक तरह से वो आपको ये आशीर्वाद देती है कि जो तप तुम मेरे बेटे के लिए करने जा रही हो, उसे तुम अच्छी तरह से पूरा कर पाओ.
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करवा चौथ के दिन सास का महत्व * सुबह सूरज उगने से पहले सास अपनी बहू को सरगी देती है, जिसमें बहू के लिए कपड़े, उसके सुहान की चीज़ें जैसे चूड़ी, बिंदी, सिंदूर आदि, साथ ही फेनिया, फ्रूट, ड्राईफ्रूट, नारियल आदि रखा जाता है. * सास द्वारा दी हुई सरगी से बहू अपने व्रत की शुरुआत करती है. अगर सास साथ में नहीं हैं, तो वो बहू को पैसे भिजवा सकती हैं, ताकि वो अपने लिए सारा सामान ख़रीद सके. * सुबह सूरज निकलने से पहले सास की दी हुई फेनिया बनाकर पहले अपने पित्रों, गाय, कुत्ते और कौए का हिस्सा अलग रख लें. फिर अपने पति और परिवार के लोगों के लिए भी अलग निकाल दें. फिर उस फेनिया और सास के दिए हुए फ्रूट, ड्राईफ्रूट, नारियल खाकर ही व्रत की शुरुआत करें. * फिर सास के दिए हुए कपड़े और शृंगार की चीज़ें पहनें. [amazon_link asins='B01DF1FNAC,B073WWNH34,B019MIEQFU,B01L3XN4LO,B01LW9MUVQ,B01H0MLC3E' template='ProductCarousel' store='pbc02-21' marketplace='IN' link_id='c9802020-acb3-11e7-857b-8df6370968f8']
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यदि सास न हो या विधवा हो तो क्या करें? करवाचौथ के व्रत में सास का बहुत महत्व होता है, लेकिन जिन लोगों की सास नहीं हैं या सास विधवा हैं, तो उन्हें क्या करना चाहिए? आइए, जानते हैं. * यदि आपकी सास जीवित नहीं हैं, तो भी सास के हिस्से का बायना ज़रूर निकालें और उसे किसी ऐसी महिला को दें, जिसे आप सास के समान मानती हैं. * कई लोग ये मानते हैं कि सास यदि विधवा हैं, तो उनके लिए बायना नहीं निकालना चाहिए, लेकिन ये बिल्कुल ग़लत है. आप अपनी सास के बेटे की लंबी उम्र के लिए व्रत कर रही हैं इसलिए पति के लिए व्रत रखने के लिए उनकी मां से शुभ और कोई नहीं हो सकता. आपके पति की उतनी चिंता किसी को नहीं हो सकती, जितनी आपकी सास को है. अत: विधवा सास के लिए भी बायना ज़रूर निकालें.
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