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टीवी स्टार्स ने की ईको-फ्रेंडली गणपति मनाने की अपील (Tv celebs pledge to celebrate Eco Friendly Ganesh Chathurthi)
त्यौहार हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में नई जान फूंकने का काम करते हैं, लेकिन त्यौहार का आनंद लेने के साथ ही एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में पर्यावरण को सुरक्षित रखना हमारा कर्तव्य है. इसी को बढ़ावा देने के लिए हमारे मशहूर टीवी स्टार्स अपने फैन्स को ईको-फ्रेंडली गणपति मनाने की अपील रहे हैं, ताकि हमारा पर्यावरण सुरक्षित रहे व भविष्य उज्जवल.
तेजस्वी प्रकाशः बाज़ार में तरह-तरह की ईको-फ्रेंडली मूर्तियां मौजूद हैं, जिन्हें बनाने के लिए मिट्टी व पेपर पल्प का प्रयोग किया जाता है व इन्हें रंगने के प्राकृतिक कलर्स इस्तेमाल किए जाते हैं. मैं गणपति के भक्तजनों व अपने फैन्स से अनुरोध करती हूं कि कृपया इस तरह की मूर्तियां ही घर लाएं. प्रकृति भगवान की देन है. हमें त्यौहार के नाम पर इसे प्रदूषित नहीं करना चाहिए. लोगों को आर्टिशियल पॉन्ड्स में गणपति वसर्जित करना चाहिए. त्यौहार का आनंद लेना ज़रूरी है, लेकिन इसके साथ ही पर्यावरण का ध्यान रखना हमारी ज़िम्मेदारी है.
कुणाल जयसिंहः जो लोग अपने घर पर छोटी मूर्तियां लेकर आते हैं, उन्हें मूर्ति को घर पर ही बाल्टी या वॉटर टैंक में विसर्जित कर देना चाहिए. मेरा मानना है कि हर लोग मूर्ति खरीदकर उसे विसर्जित करने के बजाय तांबे या पत्थर की मूर्ति ले लेनी चाहिए और हर साल उसी मूर्ति की पूजा करनी चाहिए. पीओपी से मूर्ति बनानेवाले कलाकारों को मटीरियल को रीसाइकल और रीपेंट करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. हम चाहता हूं कि लोग पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त रखते हुए त्यौहार मनाएं.
हेली शाहः मैं भक्तजनों से अनुरोध करती हूं कि वे इस गणेश चतुर्थी पर पारंपरिक मिट्टी की मूर्तियों का प्रयोग करें. पहले के समय में मूर्ति बनाने के लिए मिट्टी का प्रयोग किया जाता था और विजर्सित करने पर वे पानी में घुल जाते थे, जो इस बात का प्रतीक था कि जिस चीज़ का निर्माण होता है, वो नष्ट भी हो जाती है. मैं चाहती हूं कि लोग पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त रखते हुए त्यौहार का मज़ा उठाएं.
सुयश रायः लोगों को बड़ी मूर्तियों को विसर्जित करने के लिए सोसायटी में आर्टिफिशियल पूल्स का प्रपोजल स्वीकार करना चाहिए, क्योंकि समुद्र में विजर्सित करने के कारण मूर्ति सजाने के लिए प्रयोग की जाने वाली अघुलनशील चीज़ें समुद्री तटों पर लेयर्स में एकत्रित हो जाती हैं, जो बहुत हानिकारण होती है. प्रकृति भगवान की देन है, इसलिए हमें अपनी ख़ुशी या फ़ायदे के लिए उसे प्रदूषित नहीं करना चाहिए. मैं चाहता हूं कि हम हर साल प्रदूषण मुक्त त्यौहार मनाएं.
महिका शर्माः कुछ जगहों पर प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी मूर्तियों की ब्रिकी पर रोक लगा दिया गया है. हमें इस तरह की मूर्तियां इस्तेमाल नहीं करनी चाहिए. इसकी जगह हमें बप्पा की फोटो या फिर मिट्टी से बनी मूर्ति का प्रयोग करना चाहिए. गणपति को रंगने के लिए प्रयोग में लाई जानेवाले केमिकल पेन्ट में बहुत अधिक मात्रा में मरकरी और कैडमियम होता है. ये केमिकल पानी में घुलकर न स़िर्फ उसे प्रदूषित करते हैं, बल्कि पानी में मौजूद जीवों के लिए ख़तरनाक होते हैं.
मनीष गोपलानीः गणपति के त्यौहार में भक्तगण अपनी ख़ुशी का इज़हार करने के लिए ख़ूब पटाखे छोड़ते हैं, जिससे हानिकारक गैस व जहरीले पदार्थ निकलते हैं, जो पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं. इसके साथ ही पटाखों से निकलनेवाले छोटे-छोटे कणों के कारण पर्यावरण में रेस्पिरेबल सस्पेंडेड पर्टिकुलेट मैटर का लेवल बढ़ जाता है. मैं लोगों से अनुरोध करता हूं कि कृपया पटाखों का प्रयोग न करें और अपने पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त रखें. अगर आप भगवान द्वारा भेंट की गई प्रकृति को क्षतिग्रस्त करेंगे तो भगवान कभी ख़ुश नहीं होंगे.
देवोलीना भट्टाचार्यः बप्पा के भक्त तेज़ म्यूज़िक व स्पीकर्स लगाकर त्यौहार सेलिब्रेट करते हैं. अनंत चतुर्दशी यानी त्यौहार के आख़िरी दिन सड़कों पर भारी ट्रैफिक हो जाता है. नतीजतन एयर व नॉइज़ पॉल्यूशन बढ़ जाता है. हम भक्तगणों से स़िर्फ इतना अनुरोध करती हूं कि कृपया पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए त्यौहार मनाएं.
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