- यह विषय काफ़ी हद तक स्त्रियों से संबंधित है. घर में अगर स्त्री वर्किंग नहीं है, तो ख़रीददारी को लेकर काफ़ी एहतियात बरतने की ज़रूरत है.
- कोई भी ख़रीददारी हमेशा पूर्व नियोजित होनी चाहिए. किसी भी ख़रीददारी पर जाने से पहले क्या ख़रीदना है, कितने दाम का ख़रीदना है? यह पहले से तय कर लें. ऐसे में फ़िज़ूलख़र्ची नहीं होगी.
- शॉपिंग पर जाने से पहले शॉपिंग काग़ज़ पर हो जानी चाहिए यानी क्या-क्या लेना है और उसके लिए आपका बजट क्या है, सब लिस्ट में लिख लेें. इससे आपको एक सही बजट मिल जाता है और शॉपिंग करते व़क्त फ़िजूलख़र्ची नहीं होती.
- प्री-प्लानिंग बहुत ज़रूरी है. यह आदत आपको स़िर्फ पैसों के मामले में ही नहीं, बल्कि शारीरिक और मानसिक तौर पर भी स्वस्थ रखेगी.
- पैसे का मैनेजमेंट बहुत ज़रूरी है और यह तब और अनिवार्य हो जाता है, जब घर की आर्थिक ज़िम्मेदारी किसी एक व्यक्ति पर हो.
- प्री-प्लानिंग का मतलब है कि जैसे आपको पता है कि दो महीने बाद आपको किसी शादी या समारोह में शरीक होने कहीं शहर से बाहर जाना है, तो आप अपनी तैयारी अभी से शुरू कर दें. फिर चाहे वह शादी की ख़रीददारी हो, तोह़फे हों या फिर आने-जाने की टिकट. धीरे-धीरे अपनी तैयारी शुरू कर दें.
- यह तो स़िर्फ एक उदाहरण था, पर ऐसे ही कई चीज़ों की प्री-प्लानिंग की जा सकती है, जैसे कोई बड़ी वस्तु आप ख़रीदना चाह रहे हों या फिर कहीं दूर घूमने का इरादा हो.
- आपने हमेशा सुना होगा पैसों के निवेश के बारे में, पर वास्तव में पैसों का निवेश काफ़ी पेचीदा विषय है. तो अगर आप पैसे कमाने के लिए कहीं बाहर नहीं जाते हैं, तो अपने पैसों का निवेश आप अच्छी तरह से कर सकते हैं.
- इसके लिए बिना किसी जानकारी के निवेश करना ख़तरनाक हो सकता है. चूंकि आपके पास समय है, तो आप किसी आर्थिक विशेषज्ञ से सलाह-मशवरे के बाद निवेश करके अपनी आर्थिक स्थिति को मज़बूत कर सकते हैं.
- यह बात सच है कि घर के साथ बाहर जाकर नौकरी करना वाक़ई मुश्किल काम है, पर बच्चों के स्कूल जाने के बाद आप कोई पार्ट टाइम जॉब कर सकती हैं, जैसे- किसी मॉन्टेसरी स्कूल में टीचर बन सकती हैं या आप घर पर ट्यूशन ले सकती हैं या आजकल बहुत सारे ऐसे काम होते हैं, जो घर बैठे किए जा सकते हैं, इन्हे फ्रीलांसिंग कहते हैं.
- इससे होनेवाली कमाई चाहे कम हो, पर यक़ीन मानिए, इससे काफ़ी मदद मिलेगी.
- आपका समय भी कटेगा और अतिरिक्त पैसे भी मिल जाएंगे.
- सामान्य तौर पर यह देखा गया है कि अगर घर का वह सदस्य, जो पैसे नहीं कमाता, वह अपना बैंक अकाउंट नहीं खुलवाता है.
- यह ग़लत है, जब घर में एक ही कमानेवाला हो, तो आपका अकाउंट होना बहुतज़रूरी है.
- उसमें हर महीने आप ख़र्चों और निवेश के बाद बचे अतिरिक्त पैसे डाल सकते हैं, जिससे बचत होगी.
- उसे आप एक आपातकालीन व्यवस्था की तरह उपयोग में ला सकते हैं.
- चूंकि घर में कमानेवाला एक ही है, इसलिए जब कभी पैसा ख़र्च करने की बात हो या निवेश की बात आए, तो ज़रूरी है कि दोनों साथ में निर्णय लें. इसके अलावा महीने का बजट बनाने में भी दोनों का एकमत होना ज़रूरी है.
- यह शायद पैसे से परोक्ष रूप से संबंधित ना हो, पर अपरोक्ष रूप से यह होता है, जब घर किसी एक की कमाई पर चलता है, तब कमानेवाले को ईगो की समस्या नहीं होनी चाहिए. इससे आपसी संबंध ख़राब होंगे और आपकी मुश्किलें और बढ़ जाएंगी.
- हमेशा याद रखें कि अगर आप पैसे कमा रहे हैं, तो उनका मैनेजमेंट आपका साथी कर रहा है, जो कहीं ना कहीं आपको आर्थिक रूप से सहयोग देता है.
- विजया कठाले निबंधे
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