आदत- बातें छिपाना या झूठ बोलना
शादीशुदा ज़िंदगी में अक्सर पति-पत्नी एक-दूसरे से कई बातें छुपाते हैं, बहाने बनाते हैं और अपनी ग़लतियों को छुपाने के लिए अक्सर झूठ भी बोलते हैं, पर हमें यह एहसास ही नहीं होता कि ये छोटे-छोटे झूठ हमारे रिश्ते को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं. और सबसे बड़ी बात कि ये आपके रिश्ते से विश्वास को ख़त्म कर देते हैं. डिलीट करें: अगर आपसे कोई ग़लती हुई है, तो झूठ बोलने की बजाय उसे मान लें. पार्टनर को इस बारे में बताएं, भले ही उस समय पार्टनर आपसे ग़ुस्सा होगा, लेकिन आपकी बात को ज़रूर समझेगा और सबसे बड़ी बात आपके रिश्ते में हमेशा विश्वास बना रहेगा.आदत- बदलने की कोशिश करना
यह एक बहुत ही ख़तरनाक आदत है. कभी-कभी तो लगता है कि लोग एक-दूसरे को सुधारने के मक़सद से ही शादी करते हैं, ख़ासकर नए शादीशुदा जोड़े, जो सब कुछ अपने मुताबिक़ चाहते हैं. याद रहे, आपकी यह आदत पार्टनर को ग़ुस्सा दिलाने और चिड़चिड़ा बनाने के लिए काफ़ी है, जो आपके रिश्ते के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं. डिलीट करें: शादी का मतलब एक-दूसरे को अपने मुताबिक़ ढालना नहीं, बल्कि ज़रूरत के मुताबिक़ ढल जाना है. आपको यह बात समझनी होगी कि आप दोनों ही अब तक अलग-अलग माहौल में पले-बढ़े हैं, जिससे आपकी आदतें भी काफ़ी अलग हैं, पर इसका यह बिल्कुल मतलब नहीं कि आपकी आदतें अच्छी हैं और उनकी ग़लत. अपने रिश्ते को थोड़ा समय दें और एक-दूसरे को समझने की कोशिश करें. ये भी पढें: 7 मज़ेदार वजहें: जानें क्यों होती है कपल्स में तू तू-मैं मैं?आदत- फॉर ग्रांटेड लेना
अक्सर शादी के कुछ सालों बाद लोग अपने रिश्ते को फॉर ग्रांटेड लेने लगते हैं. फॉर ग्रांटेड लेना यानी पार्टनर व रिश्ते के प्रति लापरवाही भरा रवैया अपनाना, उसके त्याग-समर्पण को महत्व न देना आदि. आपका यह रवैया आपके पार्टनर के मन में आपके लिए चिढ़ और ग़ुस्से के अलावा कुछ और नहीं लाएगा. डिलीट करें: अपने रिश्ते को इससे बचाना आपकी ज़िम्मेदारी है. पार्टनर जब भी आपके लिए कुछ स्पेशल करता है या आपकी किसी समस्या को बिना कहे सुलझा देता है, तो ङ्गथैंक्यूफ कहकर उसे प्रोत्साहित करें और कोशिश करें कि आप भी समय-समय पर कुछ ऐसा करें, जिससे आपके रिश्ते में हमेशा गर्माहट बनी रहे.आदत- बातचीत से उठकर चले जाना
अक्सर पार्टनर्स अपनी बात कहकर, सामनेवाले की बात बिना सुने वहां से हट जाते हैं. उन्हें लगता है कि इससे वो बहस को टाल रहे हैं, पर वो यह नहीं जानते कि अपने पार्टनर को अपनी बात रखने का मौक़ा न देकर, वो उसके साथ ज़्यादती कर रहे हैं. ऐसा करने से पार्टनर को बुरा लग सकता है, जिससे वो अगली बार किसी भी मुद्दे पर अपनी बात रखना बंद कर सकता है. इससे रिश्ते में खटास आती है, जो आपके रिश्ते को बिगाड़ सकती है. डिलीट करें: पति-पत्नी के बीच यह एक नियम होना चाहिए कि जब भी एक किसी समस्या या मुद्दे पर अपनी बात रख रहा हो या सफ़ाई मांग रहा हो, तो दूसरा उसे सुनेगा और उस पर अपनी राय रखेगा और किसी भी हाल में वहां से उठकर नहीं जाएगा. यह नियम आपकी हर समस्या को सुलझा देगा. इस ख़्याल को दिमाग़ से निकाल दें कि उठकर चले जाने से आप बात को ख़त्म कर रहे हैं, बल्कि आप उसे और बढ़ा रहे हैं.आदत- हर बात में तुलना करना
तुलना किसी को भी अच्छी नहीं लगती, क्योंकि हर व्यक्ति अपनी समझ व क्षमतानुसार काम व व्यवहार करता है, पर कुछ लोगों की आदत होती है, हर बात में पार्टनर की तुलना अपने दोस्तों, पड़ोसी या कलीग्स से करने की. हमेशा तुलना का मकसद पाटर्नर को नीचा दिखाना ही नहीं होता है, बल्कि जाने-अनजाने की गई तुलना भी किसी के आत्मविश्वास को कमज़ोर कर सकती है. इसलिए इस तुलनात्मक आदत से अपने रिश्ते को कमज़ोर न होने दें. डिलीट करें: किसी भी रिश्ते की मज़बूती दो लोगों के मान-सम्मान से बनती है, पर अगर आपके पार्टनर का आत्मविश्वास ही कमज़ोर हो, तो भला वह अपने रिश्ते को क्या मज़बूती देगा. पार्टनर का मान-सम्मान आपकी ज़िम्मेदारी है, इसे निभाएं और हर बात में किसी और से तुलना करना छोड़ दें. ये भी पढें:20 यूज़फुल टिप्सः पति को कैसे सिखाएं सहयोग?आदत- पार्टनर पर नज़र रखना
पार्टनर के मोबाइल में कॉल लॉग चेक करना, सभी मैसेजेस पढ़ना, ईमेल और सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर नज़र रखना कुछ लोगों की आदत होती है. इस तरह नज़र रखने का मतलब है कि आप अपने पार्टनर पर शक कर रहे हैं और आपको उन पर विश्वास नहीं. ऐसा करके आप अपने पार्टनर के विश्वास को तोड़ते हैं, जो आपके रिश्ते के लिए ठीक नहीं. डिलीट करें: पार्टनर पर नज़र रखने से पहले यह ध्यान रखें कि हर व्यक्ति का अपना पर्सनल स्पेस होता है, जिसमें अतिक्रमण किसी को भी पसंद नहीं आता. आपको हर व़क्त सैटेलाइट बनकर घूमने की ज़रूरत नहीं, अपने पार्टनर पर विश्वास करना भी सीखें. कुछ लोग एहतियात के तौर पर ऐसा करते हैं, ताकि समय रहते अपने रिश्ते को संभाल सकें, पर अक्सर बेवजह का शक रिश्तों को बर्बाद कर देता है. अगर आपके मन में कोई बात है, तो जासूसी करने की बजाय पार्टनर से आमने-सामने बैठकर बात करें.आदत- दूसरों के सामने बेइज़्ज़ती करना
दूसरों के सामने ख़ुद की अहमियत बढ़ाने के लिए पार्टनर की बेइज़्ज़ती करना एक बचकानी आदत है. इसका इस्तेमाल ज़्यादातर पुरुष करते हैं, पर महिलाएं भी इस मामले में पीछे नहीं. ऐसा करनेवाले पार्टनर्स अक्सर यह भूल जाते हैं कि उनकी इस आदत को लोग उनके रिश्ते की असफलता मानते हैं. डिलीट करें: पति-पत्नी का व्यवहार घर-बाहर एक समान होना चाहिए. आप एक-दूसरे का सम्मान जितना घर में करते हैं, उतना ही दूसरों के सामने भी करें. अगर कभी मन-मुटाव भी हो गया है, तो उसे अपने घर के बाहर न ले जाएं. दूसरों के सामने हमेशा अपने पार्टनर की तारीफ़ करें, पर अगर यह नहीं कर सकते, तो कम से कम ऐसी बात न कहें, जिससे उन्हें बेइज़्ज़ती महसूस हो.आदत- हर व़क्त कमियां गिनाना
ङ्गआप किसी काम के नहीं हो,फ ङ्गआपने ऐसा क्यों किया,फ ङ्गआपको कुछ आता भी है,फ जैसे उलाहनों से अपने पार्टनर की कमियां गिनाना बहुत ग़लत आदत है. पार्टनर में कमियां और ख़ामियां निकालना बहुत आसान है, पर उनकी ख़ूबियों को पहचानकर उनकी तारीफ़ करना बहुत मुश्किल. डिलीट करें: पति-पत्नी का फज़र्र् एक-दूसरे की कमियां गिनाना नहीं, बल्कि उन कमियों के साथ अपनाना है. आख़िर कमियां किसमें नहीं होतीं, इस दुनिया में कोई भी परफेक्ट नहीं है. हम सबमें कुछ न कुछ कमी है. शादी का मतलब ही होता है, पार्टनर को उसकी ख़ूबियों और कमियों के साथ अपनाना, फिर शिकायत किस बात की. पार्टनर की कमियां गिनाने से पहले ख़ुद का आकलन भी कर लें. अगर आप परफेक्ट नहीं, तो भला दूसरों से ऐसी उम्मीद क्यों.आदत- इमोशनल ब्लैकमेल करना
अपने पार्टनर को इमोशनली ब्लैकमेल करना कुछ लोगों की आदत में शुमार होता है. अक्सर अपनी ज़िद मनवाने के लिए कपल्स इसका इस्तेमाल करते हैं. ङ्गङ्घअगर आप मुझसे प्यार करते हैं, तो ऐसा ज़रूर करेंगे...फफ जैसी इमोशनल बातों से अपनी ज़िद मनवाते हैं. अपनी बात को मनवाने के लिए कभी रोना-धोना, तो कभी सेक्स को हथियार की तरह इस्तेमाल करते हैं. डिलीट करें: अपने पार्टनर को इमोशनली ब्लैकमेल करके भले ही आप अपनी बात मनवा लेते हैं, पर इससे पार्टनर आपको ज़िद्दी और स्वार्थी समझने लगता है. उनके मन में अपनी ऐसी छवि न बनने दें और जल्द से जल्द अपनी इस आदत को डिलीट करें.आदत- स़िर्फ अपने बारे में सोचना
मेरी पसंद, मेरी आदतें, मेरा विचार, मेरा रहन-सहन, मेरा कंफर्ट... जैसी बातें आपके वैवाहिक जीवन के लिए उचित नहीं. अपने बारे में सोचना अच्छी आदत है, पर स़िर्फ अपने बारे में सोचकर पार्टनर को तवज्जो न देना सही नहीं है, जो आपके वैवाहिक जीवन को भी प्रभावित करता है. शादी का मतलब पहले स़िर्फ मैं नहीं, बल्कि हम होता है, इस बात को समझें. डिलीट करें: ध्यान रखें, वैवाहिक जीवन दो लोगों से जुड़ा रिश्ता है. शादी में कई समझौते करने पड़ते हैं, इसलिए हमेशा ख़ुद को आगे रखने की बजाय, अपने रिश्ते को आगे रखें, जिससे आपकी शादीशुदा ज़िंदगी हमेशा ख़ुशहाल बनी रहे.- सुनीता सिंह
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