दही:
हाल ही में हुए एक शोध में यह सिद्ध हुआ है कि जो बच्चे दही खाते हैं, उन्हें कान-गले का संक्रमण और सर्दी-ज़ुकाम के होने की संभावना 19% तक कम होती है. दही में गुड बैक्टीरिया होते हैं, जो बच्चों के इम्युनिटी सिस्टम को स्ट्रॉन्ग बनाने में मदद करते हैं. गुड बैक्टीरिया (जिन्हें प्रोबायोटिक्स भी कहते हैं) की संख्या बढ़ने से रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, साथ ही दही खाने से सूजन, संक्रमण और एलर्जी संबंधी समस्याएं भी दूर होती हैं. कैसे खिलाएं? - सादा दही खिलाने की बजाय स्मूदी व शेक बनाकर बच्चों को दें. दही में इच्छानुसार कोई भी फल काटकर बच्चोें को खाने के लिए दें. - दही में शक्कर और रोस्टेड ड्राइफ्रूट्स मिलाकर चॉकलेट सॉस से सजाकर उन्हें खाने के लिए दें. टिप: रोज़ाना बच्चों को 1 कटोरी दही ज़रूर खिलाएं.नट्स:
नट्स खाने में जितने स्वादिष्ट होते हैं, उतने ही पौष्टिक भी होते हैं. इनमें सैचुरेटेड फैट्स की मात्रा कम और प्रोटीन व फाइबर प्रचुर मात्रा में होते हैं. नट्स में रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ानेवाले ज़िंक, आयरन और विटामिन बी जैसे तत्व ही नहीं होते, बल्कि ऐसे मिनरल्स और विटामिन्स भी होते हैं, जो बच्चों के इम्युनिटी सिस्टम को सपोर्ट भी करते हैं. कैसे खिलाएं? - बच्चों को दलिया या सीरियल्स में नट्स डालकर खाने को दें. इसके अलावा स्नैक्स के तौर पर नट्स खा सकते हैं. - फ्रूट सलाद, वेज स्टर फ्राई, करी आदि में डालकर भी बच्चों को नट्स खिला सकते हैं टिप: स्नैक्स के तौर पर जंक फूड की बजाय भुने हुए नट्स उन्हें खाने के लिए दें.बेरीज:
बेरीज़ में ऐसे एंटीऑक्सीडेंट्स और पोषक तत्व होते हैं, जो बच्चों की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं. इसलिए उन्हें किसी न किसी रूप में बेरीज़ ज़रूर खिलाएं. बेरीज़ का लाल, नीला और पर्पल कलर इस बात की ओर संकेत करता है कि उनमें एंथोसायनिन्स की मात्रा बहुत अधिक है. एंथोसायनिन्स बहुत पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो अनेक बीमारियों से बच्चों की रक्षा करता है. बेरीज़ में विटामिन सी भी प्रचुर मात्रा में होता है, जो इम्युनिटी को मज़बूत बनाने के साथ-साथ बच्चों में संक्रमण के ज़ोखिम को भी कम करता है. कैसे खिलाएं? - ब्रेकफास्ट या हेल्दी स्नैक्स के तौर पर बेरीज़ को दलिया, दही या बेक्रफास्ट सीरियल में मिलाकर खिला सकते हैं. टिप: चाहें तो बेरीज़ की प्यूरी, स्मूदी (शेक) या जूस बनाकर भी बच्चों को पिला सकते हैं.अंडा:
विटामिन और प्रोटीन का सबसे बेहतरीन स्रोत है अंडा. यह भी ङ्गसुपर फूडफ की श्रेणी में आता है. एग योक (अंडे के पीले भाग) में ऐसे पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो बच्चों की इम्युनिटी क्षमता को बढ़ाते हैं. एग योक में ज़िंक, सेलेनियम और मिनरल्स भी होते हैं, जो बच्चों के मस्तिष्क का विकास और आंखों की रोशनी को भी तेज़ करते हैं. कैसे खिलाएं? - एग पुलाव, एग उपमा, एग पकौड़ा, एग सैंडविच व एग परांठा बनाकर बच्चों को खिला सकते हैं. टिप: बच्चों को कम से कम 1 अंडा रोज़ाना खिलाएं. एक अंडे में 6 ग्राम प्रोटीन होता है, जो बच्चों को स्ट्रॉन्ग बनाने में मदद करता है.सालमन:
ओमेगा 3 फैटी एसिड का सबसे उत्तम स्रोत है सालमन. इसमें मौजूद फैट्स बच्चों के मानसिक विकास और इम्युनिटी सिस्टम को स्ट्रॉन्ग बनाने में मदद करता है. सालमन में ज़िंक, मिनरल्स और विटामिन डी भी प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो इम्युनिटी सिस्टम को बूस्ट करते हैं. कैसे खिलाएं? - सालमन फिश के पकौड़े, टिक्की, कबाब और कटलेट बनाकर बच्चों को खिलाएं. टिप: बच्चों के इम्युनिटी सिस्टम को मज़बूत बनाने के लिए उन्हें सप्ताह में 2-3 बार सालमन फिश ज़रूर खिलाएं.लहसुन:
इसमें ऐसे एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल ऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो बच्चों की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं. लहसुन में ऐसे पोषक तत्व भी होते हैं, जो इम्युनिटी सेल्स में होनेवाले इंफेक्शन से लड़ने में सहायता करते हैं. यह बच्चों के शरीर में मौजूद सल्फर नामक तत्व को नियंत्रित करता है, ताकि उनके शरीर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स की एक्टिविटीज़ तेज़ हो सके. इसलिए इसे ङ्गइम्युनिटी बूस्टर फूडफ भी कहते हैं. कैसे खिलाएं: - दाल-सब्ज़ी के अलावा बच्चों को उनके फेवरेट फूड, जैसे- स्पेगेटी, पास्ता, सूप, गार्लिक ब्रेड, डिप्स-चटनी और ड्रेसिंग में भी लहसुन डालकर खिला सकते हैं. टिप: कुकिंग करते समय लहसुन को केवल हल्का-सुनहरा होने तक भूनें, नहीं तो लहसुन में स्थित इम्युनिटी बढ़ानेवाले एंटीऑक्सीडेेंट्स नष्ट हो जाते हैं.टमाटर:
लाल टमाटर में ऐसे पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो बच्चों में फ्री रैडिकल्स से होनेवाले डेमैज को रोकते हैं और उनकी इम्युनिटी क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं. इसमें विटामिन सी और बीटा-कैरोटीन नामक एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होता है, जो इम्युनिटी सिस्टम में होनेवाले संक्रमण से बच्चों की रक्षा करता है. कैसे खिलाएं? - दाल-सब्ज़ी के अलावा टोमैटो प्यूरी, सॉस, सूप, सलाद, डिप बनाकर बच्चों को खिलाएं. टिप: 8 महीने से कम उम्रवाले बच्चों को टमाटर से बनी प्यूरी, डिप आदि न दें. इससे उन्हें रैशेज़ होने की संभावना होती है.रंग-बिरंगी सब्ज़ियां:
लाल-पीली-हरी शिमला मिर्च, गाजर, आलू, फूलगोभी और पत्तागोभी आदि सब्ज़ियों में कलरफुल कंपोनेंट केरोटेनाइड्स (जैसे- बीटा कैरोटीन) नामक एंटीऑक्सीडेंट्स होता है, जो बच्चों की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. गाजर में विटामिन्स ए, बी, सी और जी, पोटैशियम और सोडियम बहुत अधिक मात्रा में होते हैं, जो बच्चों की ग्लोइंग स्किन, आंखों की रोशनी, पाचन तंत्र और दांतों के लिए फ़ायदेमंद होते हैं. इसी तरह से लाल शिमला मिर्च में बीटा कैरोटीन और विटामिन सी बहुत अधिक मात्रा में होता है, जो बच्चों की आंख और त्वचा को हेल्दी बनाए रखने में मदद करता है. कैसे खिलाएं? - कलरफुल वेजीटेबल्स से सैंडविच, परांठा, रोल्स, कबाब, टिक्की आदि बनाकर बच्चों को खिला सकते हैं. टिप: कलरफुल वेजीटेबल्स में मौज़ूद बीटा कैरोटीन बच्चों में बार-बार होनेवाले कोल्ड एंड फ्लू से उनकी रक्षा करता है.हरी पत्तेदार सब्ज़ियां:
पालक, मेथी, बथुआ आदि हरी पत्तेदार सब्ज़ियों में आयरन प्रचुर मात्रा में होता है, जो बच्चों के इम्युनिटी सिस्टम को मज़बूत बनाने में मदद करता है. आयरन में मौजूद तत्व शरीर में व्हाइट ब्लड सेल्स और एंडीबॉडीज़ के उत्पादन का काम करते हैं. जिन बच्चों में आयरन की कमी होती हैं, उन्हें बार-बार कोल्ड और फ्लू होने की संभावना होती है. हरी पत्तेदार सब्ज़ियों में बीटा-कैरोटीन सहित ऐसे अनेक एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो बच्चों के इम्युनिटी सिस्टम को हेल्दी बनाए रखने के साथ-साथ अन्य बीमारियों से भी उनका बचाव करते हैं. कैसे खिलाएं? - सब्ज़ी व परांठे के अलावा हरी पत्तेदार सब्ज़ियों से बने हेल्दी स्नैक्स, चीला, डोसा और पूरी भी बच्चों को खिला सकते हैं. टिप: हरी सब्ज़ियों में मौज़ूद पोषक तत्व इम्युनिटी सेल्स को नियंत्रित करके पाचन तंत्र को हेल्दी बनाए रखने में मदद करते हैं.ब्रोकोली:
इसे सुपर फूड भी कहते हैैं. ब्रोकोली में ऐसे एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटीइनफ्लेमेट्री और डिटॉक्सिफाइंग कंपोनेंट होते हैं, जो इम्युनिटी सिस्टम को मज़बूत बनाने में मदद करते हैं. इसमें उपस्थित मिनरल्स और विटामिन्स ए, सी व ई बच्चों की शारीरिक क्षमता को ब़ढ़ाने में सहायता करते हैं. कैसे खिलाएं? - पास्ता, सूप और डिप के साथ बच्चों को ब्रोकोली खिला सकते हैं. इसके अलावा उबली हुई ब्रोकोली में चीज़ डालकर अवन में सुनहरा होने तक बेक करें. फिर उन्हें खाने के लिए दें. टिप: कुकिंग करते समय ब्रोकोली को बहुत देर तक पकाना नहीं चाहिए. अधिक देर तक पकाने से इसमें मौजूद पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं.बीन्स:
काबुली चना और दालें: बीन्स और दालों में फाइबर और अघुलनशील स्टार्च प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो पेट को स्ट्रॉन्ग बनानेवाले गुड बैक्टीरिया का निर्माण करते हैं, जिससे पाचन तंत्र और इम्युनिटी सिस्टम मज़बूत होता है. कैसे खिलाएं? - दाल-बीन्स आदि से कबाब, टिक्की, रोल्स और पकौड़े बनाकर बच्चों को खिलाएं. टिप: दालों में प्रोटीन बहुत अधिक मात्रा में होता है, जो बच्चों के शरीर में ऊतकों के निर्माण में मदद करता है.- पूनम नागेंद्र शर्मा
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