पेट हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है, जो पाचन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. हम भारतीय खानपान के बहुत शौकीन है. कई बार स्वाद के चलते या लोगों के मनुहार पर ओवर ईटिंग हो जाती है और पेट दर्द, गैस-एसिडिटी, लूज़ मोशन, उल्टी जैसी परेशानियां शुरू हो जाती हैं. बिगड़ी हुई जीवनशैली और गलत खानपान के कारण भी लोगों में पेट की समस्याएं बढ़ गई हैं. पेट की समस्या ज़्यादा खाना खाने से लेकर खाना न खाने तक किसी भी स्थिति में हो सकती है.
कई बार पेट की समस्या का कोई बड़ा कारण नहीं होता. जल्दी-जल्दी खाना खाने, खाने को ठीक से नहीं चबाने या खाना खाते समय बहुत बात करने से भी समस्या हो जाती है, इसलिए खान-पान पर बहुत ध्यान देना चाहिए, तभी पेट की सेहत ठीक रह सकती है.

क्या होती हैं पेट की समस्याएं?
- पेट दर्द
- पेट में ऐंठन, मरोड़
- अपच
- गैस होना
- ब्लोटिंग
- कब्ज़
- एसिडिटी
- पेट में जलन
- खट्टी डकार आना
- पेट फूलना
- पेट में भारीपन
- बदहज़मी
- उल्टी मतली आने जैसी फीलिंग
- दस्त लगना (लूज़ मोशन)
सामान्यतः पेट खराब होने के कारण...
- अधिक मात्रा में भोजन करना यानी ओवर ईटिंग.
- तला, वसायुक्त, मिर्च मसालेदार, गरिष्ठ भोजन करना.
- जंकफूड, पिज़्ज़ा, बर्गर, मैगी तथा प्रिज़र्वेटिव युक्त भोजन का ज़्यादा सेवन.
- बहुत ज़्यादा चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक का सेवन करना. इससे गैस बनती है और एसिडिटी होती है.
- बासी खाना खाने से, कई बार होटल में खाने से तथा होटल का खाना पैक कर घर लाकर दूसरे दिन खाने से भी पेट खराब होता है.
- खाना ठीक से ना चबाकर जल्दी-जल्दी खाना.
- खाने के बाद बैठे रहना या एकदम से सो जाना.
- नॉन वेज पदार्थ का पूरी तरह से पका ना होना.
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होम रेमेडीज़
* सदियों से पुदीने का इस्तेमाल पेट संबंधी समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है. पुदीने के अर्क की 8 से 10 बूंदें यदि दो चम्मच पानी में मिलाकर पी ली जाए, तो पेट की कोई भी तकलीफ जैसे गैस बनना, पेट फूलना, अपच, डकार, पेट की जलन, बदहजमी और एसिडिटी में तुरंत फायदा होता है. पुदीने का अर्क केमिस्ट की दुकान में आसानी से उपलब्ध है. इसे हमेशा घर में रखें.
* यदि घर में ताज़ा पुदीना उपलब्ध हो, तो उसका उपयोग करें. पुदीने के थोड़े से पत्तों को पीस लें. एक गिलास खौलता हुआ पानी लें. उसमें यह पेस्ट डाल दें. थोड़ी देर बाद गुनगुना होने पर इसे छान कर पी लें. इसे पुदीने की चाय भी कहा जाता है. दिन में दो बार इनका उपयोग कर सकते हैं.
* सप्ताह में दो बार भोजन में पुदीने की चटनी का प्रयोग करें. इसके लिए पुदीना, हरा धनिया, जीरा, अदरक, सेंधा नमक और खटास के लिए आंवला या नींबू का रस डालें. इस चटनी में डाला गया प्रत्येक पदार्थ पेट के लिए लाभदायक है. इसे खाने से पेट की समस्याएं नहीं होतीं.
* अदरक पेट दर्द और बेचैनी कम करने में मदद करता है. जिस दिन तला-भुना या भारी खाना-खाना हो, उस दिन खाने की शुरुआत में रोटी के पहले कौर में छोटा सा अदरक का टुकड़ा डालकर खूब चबा-चबा कर खाएं और बाद में भोजन शुरू करें. इससे खाना आसानी से पचता है. गैस, अपच, पेट फूलना या पेट दर्द की समस्या नहीं होती.
* अदरक का रोज़ाना इस्तेमाल पेट की समस्याएं तो दूर करता ही है, ये वज़न घटाने में भी सहायक ह. इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक बढ़ती है और शरीर बीमारियों से लड़ने के लिए मजबूत बनता है.
* पेट की सभी प्रॉब्लम्स में अजवाइन बहुत फायदा करता है. खाना खाने के बाद मुखवास के रूप मे अजवाइन चबाने की आदत डालें.
* कोई भी तला हुआ खाना जैसे पकोड़े, भजिए, पराठे, समोसा, कचोरी या अन्य कोई भी पदार्थ बना रहे हो, तो उनमें अजवाइन अवश्य डालें. इससे पाचन अच्छी तरह होगा.
* यदि पेट में मरोड़, ऐंठन, भारीपन या पेट दर्द की शिकायत हो, तो एक गिलास पानी में एक चम्मच अजवाइन को उबालें और गुनगुना होने पर पानी पी लें.
* थोड़ी सी पिसी हुई अजवाइन, स्वादानुसार नमक और चुटकी भर हींग ले लें. इसे दो चम्मच गर्म पानी में अच्छे से मिलाकर सुबह-शाम लें. काफी आराम मिलेगा.
* जीरा खाने में स्वाद तो बढ़ाता ही है, पाचक भी होता है. यह कब्ज़, गैस, पेट की जलन और एसिडिटी को दूर भगाता है. अपने खाने में भुने हुए जीरे का प्रयोग अवश्य करें.
* पेट खराब होने पर जीरा और अजवाइन का पानी भी पिया जा सकता है. इसके लिए एक गिलास पानी में एक छोटा चम्मच जीरा और एक छोटा चम्मच अजवाइन रात में भिगो दें. सुबह इस पानी को तब तक उबालें जब तक कि आधा न रह जाए. अब इसे चाय की तरह छान कर पी लें. यदि आप इसका स्वाद बढ़ाना चाहते हैं, तो इसमें अदरक या नींबू का रस मिला दें. यह दोनों ही पाचक होते हैं.
* भुने हुए जीरे के पाउडर का प्रयोग सलाद, रायता, चटनी आदि में अवश्य करें.
* आधा चम्मच भुना हुआ जीरा, आधा चम्मच सोंठ पाउडर और चुटकी भर सेंधा नमक को गर्म पानी में मिलाकर पीने से बदहजमी दूर होती है.
* आधा चम्मच सोंठ का पाउडर, एक चुटकी हींग और सेंधा नमक एक कप गर्म पानी में डालकर पीएं. इससे बदहजमी भी दूर होती है.
* एसिडिटी और पेट की जलन में नारियल पानी पीने से आराम मिलता है.
* अजवाइन और लौंग चबाने से भी एसिडिटी में राहत मिलती है.
* जब एसिडिटी या पेट की कोई भी समस्या होने पर दूध न पीएं. इससे एसिडिटी बढ़ सकती है.
* रोज़ाना के भोजन में केला, पपीता, तरबूज और खीरा शामिल करें. इससे पेट की जलन, एसिडिटी, पेट फूलना और पेट में भारीपन लगना आदि तकलीफें नहीं होतीं.
* कभी भी कब्ज़ न होने दें. इससे पेट की समस्याएं उग्र रूप ले सकती हैं. पुरानी कब्ज़ के लिए इसबगोल या त्रिफला चूर्ण का प्रयोग करें.
* कब्ज़ में भिगोई हुई काली किशमिश बहुत फायदा करती है. 8- 10 काली किशमिश एक गिलास पानी में भिगोएं. यह फूल जाएगी. इसे सुबह खूब चबा-चबा कर पानी के साथ पी लें. कब्ज़ में राहत मिलेगी. यह प्रयोग कम से कम 7 दिन अवश्य करें.
प दस्त या लूज मोशन होने पर आहार पर ध्यान दें . नमक चीनी और पानी का घोल पिए . इससे डिहाइड्रेशन या कमजोरी नहीं होगी. बाजार में ओ.आर.एस.के पैकेट भी मिलते हैं. इनका भी उपयोग किया जा सकता है.
* लूज मोशन में खाना ना खाएं. तरल पदार्थ ही लें. इसमें नारियल पानी भी काफी फायदा करता है.
* जब लूज मोशन बंद हो जाए, तो पतली मूंग दाल की खिचड़ी और छाछ से ही खाने की शुरुआत करें. साथ ही तरल पदार्थ भी लेते रहें.
* कई बार उल्टा-सीधा खाने से या गरिष्ठ भोजन करने से जी मिचलाने लगता है. जी मिचलाना या उल्टी आना कोई रोग नहीं है. इसका अर्थ है पेट अपने आपको खाली करना चाहता है. उसकी सुनें. उल्टी होने दें. इसके बाद आराम मिलता है.
* उल्टी होने पर शरीर में पानी की कमी हो जाती है. नमक-चीनी का घोल या ओआरएस पीते रहें.
* गुलाब के फूलों से बना गुलकंद पेट और आंतों की सफाई के लिए अमृत के समान है. यह कब्ज़, एसिडिटी, अपच और खट्टी डकार आने की प्रॉब्लम से छुटकारा दिलाता है. यह पेट और सीने की जलन में भी ठंडक पहुंचाता है.
* गुलकंद का नियमित प्रयोग पेट की सभी समस्याओं में आराम पहुंचता हैे, परंतु यदि आपको डायबिटीज़ है, तो कृपया इसका सेवन न करें.
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उल्टी होने पर आज़माएं ये
घरेलू नुस्ख़े
- अजवायन तथा लौंग के फूलों को पानी के साथ पीसकर शहद के साथ चाटने से उल्टी बंद हो जाती है.
- बिजौरा नींबू को बीच से काटकर उस पर काली मिर्च का चूर्ण और सेंधा नमक डालकर चूसने से उल्टी बंद हो जाती है.
- अदरक का 10 ग्राम रस और इतना ही प्याज़ का रस मिलाकर पीने से उल्टी में राहत मिलती है.
- शहद में तुलसी के रस को मिलाकर एक चम्मच पीने से वमन पर काबू होगा.
- 6 ग्राम पुदीना, 2 ग्राम सेंधा नमक पीसकर ठंडे पानी में घोलकर पीने से उल्टी में शीघ्र लाभ होता है.
- नारंगी के छिलकों को सुखाकर, पीसकर शहद के साथ चाटने से उल्टी बंद हो जाती है.
- एक नींबू का रस और एक चम्मच चीनी को दो चम्मच पानी में मिलाकर एक-एक घंटे मेें पीने से उल्टी रुक जाएगी.
हेल्थ अलर्ट
- हमेशा सादा और हेल्दी खाना खाएं.
- हफ्ते में कम से कम दो-तीन दिन भोजन में पतली छाछ (एक भाग दही और 3 से 4 भाग पानी) में भुना जीरा पाउडर और सेंधा नमक डालकर प्रयोग करें. इससे पाचन में सुधार होगा और पेट की समस्या धीरे-धीरे हल हो जाएगी.
- गरिष्ठ, खूब मिर्च मसालेदार और तले हुए भोजन की ओवर ईटिंग ना करें. यदि ओवर ईटिंग हो ही जाए, तो भोजन करने के बाद कम से कम आधा घंटा टहलें. इससे भोजन के पाचन में आसानी होगी.
- जिस दिन गरिष्ठ, तला, मसालेदार, जंक फूड या शादी वाला खाना खाया हो, उसके दूसरे दिन एकदम सादा भोजन जैसे कद्दू, लौकी की सब्जी, पतली दाल या मूंगदाल खिचड़ी खाने का नियम बना लें. कभी भी पेट की समस्या नहीं होगी.
- खाने में हमेशा फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ जैसे फल, सब्जियां और साबुत अनाज का सेवन करें.
- रात का भोजन सोने से 2 घंटे पहले अवश्य कर लें.
ऊपर बताए गए सारे उपायों को सही तरीके से अपनाने और सावधानियां अपनाने पर पेट संबंधी सभी समस्याएं खत्म हो जाती हैं. अगर घरेलू उपाय आजमाने के बाद भी 3 से 4 दिन तक पेट रोग के लक्षण खत्म ना हों तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें, क्योंकि यह किसी बीमारी की शुरुआत भी हो सकती है.
- डॉ. सुषमा श्रीराव

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