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शाहिद कपूर- मेरी ज़िंदगी का सबसे अच्छा दौर मेरी शादी के बाद शुरू हुआ… (Shahid Kapoor- Meri Zindagi Ka Sabse Achcha Daur Meri Shadi Ke Baad Shuru Huwa… )

शाहिद कपूर लवएबल, स्टाइलिश व एक्शन के ज़बर्दस्त अभिनेता होने के साथ बेमिसाल फैमिली मैन भी हैं. तभी तो वे कहते हैं कि मेरे लिए परिवार ही सब कुछ है. एक नज़र उनके कुछ अनछुए पहलुओं पर.

  • करियर के हर दौर में मेेरे लिए कुछ न कुछ चुनौतियां रहीं. जैसे ‘कबीर सिंह’ फिल्म के बाद तक़रीबन छह-सात महीने तक मेरे पास कोई फिल्म नहीं थी. मैं घर पर ही रहा. दूसरों को जो कुछ आसानी से मिल जाता था, मुझे उसे पाने में बहुत मेहनत करनी पड़ी थी.
  • मुझे म्यूज़िक से काफ़ी लगाव है. मैं अपनी अधिकतर फिल्म के गाने के सीटिंग व रिकॉर्डिंग में जाता हूं. मुझे अच्छा लगता है.
  • ‘तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया’ फिल्म के ज़रिए पहली बार धर्मेंद्र व डिंपल कापड़िया के साथ काम करने का मौक़ा मिला. उनके साथ का अनुभव लाजवाब रहा. धरमजी को कॉमेडी करना पसंद है और कई बार तो वे अपनी ही पंच लाइन कह देते थे, जिससे हर किसी के चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाती थी. 

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  • मेरा यह मानना है कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में एक्टर तो बहुत हैं, लेकिन एक्ट्रेसेस की कमी रही है. कृति सेनॉन टैलेंटेड एक्ट्रेस हैं और दिनोंदिन निखरती भी जा रही हैं.
  • मेरे लिए परिवार सब कुछ है. मेरी ज़िंदगी का सबसे अच्छा दौर मेरी शादी के बाद शुरू हुआ. पहले आपके जीवन में पैरेंट्स होते हैं. शादी के बाद परिवार, पत्नी व बच्चे आपको ज़मीन से जोड़े रखते हैं.
  • मैं ‘कबीर सिंह’ फिल्म नहीं करना चाहता था, पर मेरी पत्नी मीरा ने इसे करने के लिए मुझे फोर्स किया.
  • पैपराजी व लोगों द्वारा पीछा किया जाना एक सीमा तक ही सही है. उन्हें कितना क़रीब लाना और कहां तक रोकना है, इसे कलाकार को ही समझना होगा. जब आप एक एक्टर को ज़्यादा पुश करोगे, तो वो आपको शट डाउन कर देगा. इसलिए आपको पास आना, हाथ मिलाना सीखना होगा और दोनों में बैलेंस बनाए रखना होगा.
  • हमारी ज़िंदगी काफ़ी हद तक मशीनी होती जा रही है. हम अपना सबसे अधिक समय फोन के साथ बिताते हैं. हमें हर चीज़ कस्टमाइज चाहिए. इसकी हमें आदत सी हो गई है. आज प्यार करना और निभाना मुश्किल लगता जा रहा है. ऐसे में अगर दो लोग एक-दूसरे के साथ नहीं हो सकते, तो भविष्य में क्या होगा, आप समझ सकते हैं.

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  • एक्शन, रोमांच व ड्रामा से भरपूर ‘देवा’ में एक विद्रोही पुलिस अफसर की भूमिका में आप मुझे एक अलग अवतार में देखेंगे. एक हाई प्रोफाइल केस के तहक़ीकात करते हुए अफसर किस तरह विश्‍वासघात व धोखे के जाल को तोड़ता हुआ आगे बढ़ता है, वो देखना दिलचस्प होगा.

- ऊषा गुप्ता

Photo Courtesy: Social Media

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