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स्वास्थ्य के लिए शरद पूर्णिमा पर विशेष वास्तु टिप्स (Special Vastu Tips On Sharad Purnima For Health)

शरद पूर्णिमा, जिसे कोजागरी पूर्णिमा या रास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है. यह पूर्णिमा की रात वर्षा ऋतु के अंत और शरद ऋतु की शुरुआत का प्रतीक है. इस दिन को धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत शुभ माना जाता है और इसे विशेष श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. शरद पूर्णिमा 16 अक्टूबर को रात्रि 08 बजकर 40 बजे से शुरू होकर 17 अक्टूबर की शाम को 04 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगी.

इस दिन विशेष रूप से रात के समय चंद्रमा की पूजा की जाती है, क्योंकि इसे स्वास्थ्य और आध्यात्मिक उन्नति के लिए अत्यधिक लाभकारी माना जाता है.

शरद पूर्णिमा का धार्मिक महत्व
हिंदू मान्यता के अनुसार, इस रात भगवान श्रीकृष्ण ने महा रास का आयोजन किया था, जो भक्त और भगवान के बीच के अद्वितीय प्रेम का प्रतीक है. यह भी कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा की किरणों में औषधीय गुण होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं.

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इस रात मां लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है और माना जाता है कि जो लोग जागकर पूजा करते हैं, उन्हें मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

स्वास्थ्य के लिए वास्तु टिप्स

चंद्रमा की रोशनी में ध्यान
पूर्व या उत्तर दिशा में बैठकर चंद्रमा की रोशनी में ध्यान करें. यह मानसिक तनाव को कम करता है और मानसिक शांति प्रदान करता है.

चांदी के बर्तनों का उपयोग
शरद पूर्णिमा की रात चांदी के बर्तनों में भोजन करने से शरीर में ठंडक और स्वास्थ्य सुधार होता है.

उत्तर-पूर्व दिशा में पानी रखें
घर के उत्तर-पूर्व कोने में पानी का एक बर्तन रखें. यह सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है.

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चंद्र स्नान
शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की रोशनी में थोड़ा समय बिताएं. यह त्वचा और मानसिक स्वास्थ्य के लिए फ़ायदेमंद माना जाता है.

पूर्णिमा का पानी
रातभर पानी को चंद्रमा की रोशनी में रखें और सुबह इसका सेवन करें. इसे स्वास्थ्य और मानसिक संतुलन के लिए लाभकारी माना जाता है.

इस शरद पूर्णिमा पर इन वास्तु उपायों को अपनाकर आप अपने स्वास्थ्य में सुधार और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं.
शरद पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं!

- ज्योतिषी ऋचा पाठक
वेबसाइट: www.jyotishdham.com

Photo Courtesy: Freepik

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