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कहानी- झरोखा‌ (Short Story- Jharokha)

वो जाते-जाते मेरी ओर देखकर अर्थपूर्ण ढंग से मुस्कुराईं, "ऐसा नहीं है भाभीजी, कुछ औरतें तो पहनावा बदलती ही नहीं चाहे आदमी से कितनी भी बहस हो जाए."
मेरा माथा ठनका! कल ही मेरे पति ने टोका था कि  स्लीवलेस ना पहना करो, बांहें और मोटी दिखती हैं… इसको किसने बताया?

"पांच सौ के छुट्टे हैं?" पड़ोसन मीता ने हवा में नोट हिलाते हुए पूछा, हालांकि मुझे पता था ये सिर्फ़ बहाना है, घर आने का और इधर-उधर की पंचायत करने का. ऊपर से नीचे तक मेरा मुआयना करते हुए बोलीं, "स्लीवलेस ब्लाउज़ बहुत पसंद हैं ना आपको? पसंद तो हमें भी हैं, लेकिन हमारे ये बहुत कायदे वाले हैं ना… जरा सी बिटिया को भी फ्रॉक के नीचे लेगिंग पहनाते हैं, ऐसे में बिना बांह का ब्लाउज़ हम कैसे… हे हे हे…"
मुझे पता है. इनके 'ये' इतने कायदे वाले हैं कि उनकी जांघिया-बनियान वाली छवि से बचने के लिए ही मैंने अपनी बालकनी पर अनगिनत गमले लगा रखे हैं. मैंने बात टाली, "चलिए ठीक है. जैसा भाईसाहब को पसंद हो." 
वो जाते-जाते मेरी ओर देखकर अर्थपूर्ण ढंग से मुस्कुराईं, "ऐसा नहीं है भाभीजी, कुछ औरतें तो पहनावा बदलती ही नहीं चाहे आदमी से कितनी भी बहस हो जाए."
मेरा माथा ठनका! कल ही मेरे पति ने टोका था कि  स्लीवलेस ना पहना करो, बांहें और मोटी दिखती हैं… इसको किसने बताया?
"सोनी, तुम काम करने आती हो या इधर की उधर लगाने? कल तुम्हारे सामने साहब ने ब्लाउज़ के लिए टोका और तुमने बगल में बता दिया…"

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सोनी पोंछा लगाना छोड़कर खड़ी हो गई, "मैं कैसे बताऊंगी दीदी… मैंने उनका काम छोड़ दिया है. वो जो जाली लगी है ना दोनों बालकनी के बीच में, वहीं चिपके सुनती हैं आपकी बातें."
"ओह! ये बात है… वैसे काम क्यों छोड़ा?"
"जब मीता भाभी मायके गई थीं ना… भइया हमको मोबाइल पर गंदी फोटो दिखा रहे थे, बोले भाभी को बताया, तो चोरी का इल्ज़ाम लगा देंगे. दीदी, कैसे भी ये बात उनको पता चल जाए, बहुत होशियार बनती हैं…"
हाय! इच्छा तो मेरी भी यही है, लेकिन कैसे कहूं? सीधे जाकर तो कह नहीं सकती… ऊपर नज़र गई. बस, यही चुगलखोर झरोखा मदद करेगा.
फोन लेकर बालकनी में ज़ोर-ज़ोर से बातें करने लगी. थोड़ी देर में एक छाया जाली पर उभरी. मैं और तेज़ बोलने लगी, "हां मां, सही कहा… बिल्कुल बेशर्म आदमी है, इसीलिए तो बालकनी पर गमले लगा रखे हैं. कामवाली को भी गंदी फोटो दिखा रहा था, तभी तो काम छोड़ दिया उसने… हां-हां पूरी बिल्डिंग जानती है ये बात…और क्या, बीवी बेवकूफ़ है, कोई और हो तो चप्पल मारकर ठीक कर दे."


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थोड़ी देर बाद बगल वाले घर से चिल्लाने और बर्तन फेंकने की आवाज़ें आ रही थीं; मैंने लाठी उठाई भी नहीं थी और सांप चित्त पड़ा था.

Lucky Rajiv
लकी राजीव

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Photo Courtesy: Freepik

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