चाहे पैदल यात्री हों या वाहन चालक, सड़क संबंधी नियमों का पालन सभी के लिए बेहद ज़रूरी है, ताकि आकस्मिक दुर्घटनाओं से बचा जा सके. ऐसे में ज़रूरी है कि आप न स़िर्फ रोड सेफ्टी रूल्स के बारे में जानें, बल्कि इनका पालन भी करें.एक नज़र इन आंकड़ों पर डालें-
- भारत में हर साल 1,20,000 लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं और 12,70,000 लोग गंभीर रूप से घायल होते हैं.
- अगर आंकड़ों की बात करें, तो भारत में हर छह मिनट में एक मौत सड़क दुर्घटना में होती है और वर्ष 2020 तक यह आंकड़ा हो जाएगा- हर 3 मिनट में एक मौत.
- यह आंकड़े भी स़िर्फ उन दुर्घटनाओं के हैं, जिनके बारे में रिकॉर्ड रहता है, जबकि ग्रामीण इलाकों में कई दुर्घटनाओं के बारे में पता तक नहीं चलता, जिसका सीधा-सीधा मतलब यह है कि सही आंकड़े इससे कहीं अधिक गंभीर हो सकते हैं.
- पूरे विश्व के मुक़ाबले अकेले भारत में 10% मौतें सड़क दुर्घटनाओं में होती हैं.
- नेशनल ट्रांसपोर्टेशन प्लानिंग एंड रिसर्च सेंटर (एनटीपीआरसी) के एक्सपर्ट्स के मुताबिक, विकसित देशों के मुक़ाबले भारत में सड़क दुर्घटनाएं 3 गुना अधिक होती हैं. आंकड़े और भी बहुत हैं, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि इन दुर्घटनाओं को कम कैसे किया जाए?
- सबसे ज़रूरी है कि सड़क से संबंधित मूल नियमों का ईमानदारी से पालन किया जाए, चाहे वो सड़क पर चलनेवाले लोग हों या वाहन
चालक. यदि सभी नियमों का सही तरी़के से पालन करेंगे, तो दुर्घटनाएं कम होंगी.
- सुरक्षा नियमों का पालन बच्चों को सिखाना बहुत ज़रूरी है और यह तभी संभव है, जब पैरेंट्स और टीचर्स ख़ुद इन नियमों का पालन करें.
- चलते व़क्त हमेशा फुटपाथ का उपयोग करें. जहां फुटपाथ न हों, वहां सड़क के एकदम बाईं ओर ही चलें.
- कभी भी धैर्य खोकर जल्दबाज़ी न दिखाएं. सिग्नल तोड़कर या सामने से गाड़ी को आता देख भागकर रोड क्रॉस कभी न करें.
- सड़क क्रॉस करते व़क्त ज़ेब्रा क्रॉसिंग सिग्नल, सब-वे, फुट ओवर ब्रिज का उपयोग करें. जिन जगहों पर ये सुविधाएं न हों, वहां सुरक्षित जगह देखकर क्रॉस करें.
- ग्रीन सिग्नल के व़क्त ही रोड क्रॉस करें या फिर यदि वहां ट्रैफिक पुलिस है, तो उसके निर्देशों के अनुसार सड़क क्रॉस करें.
- जो लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें भी ध्यान रखना चाहिए कि कभी भी भागकर बस न पकड़ें.
- हमेशा कतार में रहें और उसी के अनुसार बस में चढ़ें. हैंडल पकड़कर रखें.
- उतरते व़क्त भी बस के पूरी तरह से रुकने पर ही उतरें, चलती बस से कभी न उतरें.
- सड़क क्रॉस करते व़क्त या सामान्य रूप से सड़क पर चलते व़क्त भी मोबाइल या हैंड्स फ्री का इस्तेमाल न करें. यदि बात करनी है, तो एक सुरक्षित जगह देखकर, रुककर बात करें.
- हैंड सेट को तेज़ वॉल्यूम पर रखकर गाने सुनते हुए न चलें, इससे गाड़ी के हॉर्न की आवाज़ वग़ैरह आप सुन नहीं पाएंगे.
- सड़क क्रॉस करते समय दोनों तरफ़ अच्छी तरह देखकर ही क्रॉस करें.
यह भी पढ़ें:‘वाहन’ से जानें किसी भी वाहन की जानकारीजो लोग गाड़ी चलाते हैं-
- कीप लेफ्ट यानी बाईं ओर ही वाहन चलाएं.
- बाईं ओर से टर्न लेना हो, तो टर्न लेने के बाद भी बाईं ओर ही गाड़ी चलाएं.
- लेन को कट-क्रॉस न करें, जैसे- आपको बाईं तरफ़ टर्न लेना है, तो गाड़ी को दाहिनी तरफ़ रखकर फिर बाईं ओर मुड़ने का जोख़िम न उठाएं. शुरू से ही बाईं ओर गाड़ी रखें.
- अगर दाहिनी ओर मुड़ना है, तो पहले सड़क के बीच सुरक्षित तरी़के से आएं, फिर दाहिनी ओर पहुंचें. टर्न लेने के बाद गाड़ी वापस सड़क की बाईं तरफ़ ही रखकर ड्राइव करें.
- यू टर्न लेते व़क्त भी इंडिकेशन ज़रूर दें और जहां यू टर्न की अनुमति नहीं है, वहां से यू टर्न कभी न लें.
- वन वे में कभी भी रिवर्स या अपोज़िट डायरेक्शन में गाड़ी न चलाएं.
- यदि इंडिकेशन व ब्रेक लाइट्स काम नहीं करें, तो जब तक वो रिपेयर न हो जाएं, तब तक हाथों के साइन्स का प्रयोग करें.
- इन साइन्स को आप इन स्थितियों में ज़रूर इस्तेमाल करें- जब गाड़ी धीमी कर रहे हों, गाड़ी रोक रहे हों, जब राइट या लेफ्ट टर्न ले रहे हों या साइड की गाड़ी को ओवरटेक कर रहे हों, जब पीछेवाली गाड़ी को यह इशारा देना हो कि वो आगे निकलने के लिए सुरक्षित है.
- कभी भी यह सोचकर गाड़ी न चलाएं कि आप किसी प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं और सड़क के बाकी लोग आपके प्रतियोगी हैं, जिनसे आपको आगे निकलना है.
- बेवजह के स्टंट्स न दिखाएं. यही सोचें कि जान से ज़्यादा क़ीमती कुछ भी नहीं.
- अपने वाहन की नियमित सर्विसिंग करवाएं.
- बेवजह हॉर्न न बजाएं.
- कर्कश या तेज़ आवाज़वाले हार्न का इस्तेमाल न करें.
- अपने सभी ज़रूरी काग़ज़ात साथ ही रखें, जैसे- ड्राइविंग लाइसेंस, इंश्योरेंस और टैक्सेशन के पेपर्स, गाड़ी के रजिस्ट्रेशन संबंधी काग़ज़ात.
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- सीट बेल्ट्स हमेशा बांधें. अगर साथ में कोई है, तो उसे भी कहें बेल्ट बांधने को.
- 4 साल तक के बच्चों के लिए चाइल्ड सीट का ही प्रयोग करें.
- ट्रैफिक सिग्नल्स को कभी भी अनदेखा न करें.
- वाहन की रफ़्तार से संबंधित नियमों को कभी न तोड़ें.
- पैदल चलनेवालों को पहले रोड क्रॉस करने दें.
- एमर्जेंसी गाड़ियां, जैसे- एंबुलेंस या फायर ब्रिगेड को पहले जाने दें.
- लेन बदलते व़क्त हमेशा इंडिकेटर्स और रियर व्यू मिरर्स का प्रयोग करें.
- चौराहे पर हमेशा गाड़ी की रफ़्तार कम कर दें.
- आगे वाली गाड़ी से हमेशा सुरक्षित दूरी बनाकर रखें.
- हमेशा अपनी लेन में ही गाड़ी चलाएं. ओवरटेक के चक्कर में लेन तोड़ने की कोशिश न करें.
- मोबाइल का उपयोग न करें.
क्या न करें?
- सिग्नल न तोड़ें.
- ड्रंक-ड्राइव से बचें यानी शराब पीकर गाड़ी न चलाएं.
- शहर में 60 कि.मी. प्रति घंटे की रफ़्तार से अधिक पर गाड़ी न चलाएं.
- 18 से कम उम्रवाले ड्राइव न करें.
- व्यस्त सड़कों पर गाड़ी पार्क न करें.
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- अच्छी क्वालिटी का फुल मास्क हेलमेट पहनें.
- आगे और पीछे की लाइट्स काम कर रही हैं कि नहीं, इसका ध्यान हमेशा रखें.
- मुड़ते व़क्त इंडिकेशन ज़रूर दें.
- आगे और पीछे दोनों ब्रेक्स का इस्तेमाल एक साथ सही ढंग से करें.
- सुरक्षित दूरी बनाकर ही ड्राइव करें.
क्या न करें?
- कभी भी टेढ़े-मेढ़े यानी ज़िग-ज़ैग तरी़के से ड्राइव न करें, जो अक्सर टू व्हीलर वाले करते हैं.
- बहुत तेज़ रफ़्तार से बचें.
- अचानक ब्रेक न लगाएं.
- ग़लत साइड से ओवरटेक न करें.
- फोन का इस्तेमाल न करें.
- शराब पीकर ड्राइव न करें.
- बहुत ज़्यादा वज़न लेकर ड्राइव न करें.
चाहे पैदल यात्री हों या वाहन चालक, आप हमेशा यह बात याद रखें कि आपकी जरा-सी लापरवाही न स़िर्फ आपकी, बल्कि दूसरों की भी जान ले सकती है. कोशिश करें कि ज़िम्मेदार नागरिक बनें और नियमों का उल्लंघन न करें.
बच्चों को सिखाएं रोड सेफ्टी रूल्सबच्चों के लिए स्कूल की तरफ़ से ही बहुत-सी वर्कशॉप्स होती हैं, जिसमें उन्हें इन नियमों के बारे में बताया व समझाया जाता है. इसी क्रम में हाल ही में इंदौर ट्रैफिक पुलिस ने वहां के स्कूली बच्चों को सड़क सुरक्षा नियमों की जानकारी दी कि क्या करें, क्या न करें. ट्रैफिक पुलिस की रोड सेफ्टी कमिटी ने 20 स्कूल्स के 350 बच्चों को यह जानकारी दी कि रोड कैसे क्रॉस की जाए और स्कूल बस में भी चढ़ते-उतरते व़क्त क्या सावधानियां बरती जाएं. इसमें विद्यार्थियों को सेफ्टी मैन्युल दी गई, जिसमें सही और ग़लत दोनों बातों का उल्लेख है, जैसे- ज़ेब्रा क्रॉसिंग का इस्तेमाल, सिग्नल संबंधी नियम, फुटपाथ का प्रयोग आदि.