गदर के 22 साल बाद गदर2 के रूप में अनिल शर्मा ने एक बेहतरीन फिल्म दी है इसमें कोई दो राय नहीं है. पूरी फिल्म में सनी देओल छाए रहते हैं और उनका भरपूर साथ निभाती है अमीषा पटेल, उत्कर्ष शर्मा, मनीष वाधवा व सिमरत कौर. गदर में सनी देओल अमीषा पटेल को पाकिस्तान से लाने के लिए जाते हैं और ग़दर 2 में भी अपने युवा बेटे को पाकिस्तान की चुंगल से छुड़ाने जाते हैं. सनी के बेटे के रूप में उत्कर्ष शर्मा को एक बार फिर रिलॉन्च किया है उनके निर्माता-निर्देशक पिता अनिल शर्मा ने. क्योंकि पांच साल पहले आई उनकी 'जीनियस' फिल्म बुरी तरह पिट गई थी, पर इस फिल्म में उत्कर्ष ने ठीक-ठाक अभिनय किया है. सनी देओल के साथ उनकी ट्यूनिंग देखते ही बनती है.
भाईचारा, आपसी रंजिश, देश के बंटवारे का दर्द, देशभक्ति और मानवीय दृष्टिकोण हर पहलू को दिखाने की कोशिश की गई है और इसमें निर्देशक कामयाब भी हुए हैं. फिल्म की जान इसके डायलॉग हैं, जिस पर सनी देओल का एक्शन सोने पर सुहागा है.
फिल्म का गीत-संगीत पहले से ही हिट हो चुका है. जिस तरह से लोगों ने 22 साल पहले गदर फिल्म को हिट किया व अपना भरपूर प्यार दिया, वही इतिहास गदर २ में भी यक़ीनन दोहराया जाएगा.
ओह माय गॉड २ भरपूर मनोरंजन के साथ एक अच्छा संदेश भी देती है, जो है सेक्स शिक्षा. आज भी हमारे देश में सेक्स एजुकेशन को लेकर कई भ्रांतियां और सवालिया निगाहें उठती हैं. इस फिल्म के ज़रिए निर्देशक अमित राय ने यही बताने और जताने की कोशिश की है कि क्यों ज़रूरी है टीनएजर्स या बच्चों को सेक्स एजुकेशन देना. कहानी बस इतनी सी है कि पंकज त्रिपाठी का बेटा स्कूल में ग़लत हरकत कर देता है. पीयर प्रेशर कहें या फिर बच्चों की आपसी गैर समझ बेटा ग़लत करता है और दबाव में आकर आत्महत्या करने की भी कोशिश करता है. लेकिन बात तब बिगड़ जाती जब उसे इस कारण स्कूल से सस्पैंड कर दिया जाता है.
बेटे के साथ पिता भी बदनाम हो जाते हैं. पिता बेहद दुखी हैं. उन्होंने बहुत मुश्किलों से बेटे का एडमिशन स्कूल में कराया था और उस पर उन्हें शर्मिंदा होना पड़रहा है. वे शिव के भक्त हैं और प्रार्थना करते हैं, तब अक्षय कुमार शिव दूत के रूप में उनकी ज़िंदगी में आते. इसके बाद उनके जीवन में बहुत ही सकारात्मक और चमत्कारी चीज़ें होने लगती हैं.
फिल्म की जान इसका कोर्ट सीन है, जिसमें पंकज स्कूल पर केस कर देते हैं कि उनके बेटे के साथ में अन्याय हुआ है. फिर वह अपने बेटे का केस कोर्ट में लड़ते हैं और कई ऐसे तर्क देते हैं, जिससे लोग और जज भी प्रभावित हुए बिना नहीं रहते. लेकिन वकील बनी यामी गौतम तब उनके हर बात पर सवाल खड़े करती हैं. दोनों के बहस दिलचस्प और देखने काबिल हैं. सभी कलाकारों ने बेहतरीन एक्टिंग की है, फिर चाहे वह अक्षय कुमार, पंकज त्रिपाठी हो या जज-एडवोकेट बने पवन मल्होत्रा-यामी गौतम.
अरसे बाद एक साथ दो ऐसी फिल्म आई है, जो मनोरंजन के साथ मैसेज भी देती है. गदर २ और ओह माय गॉड २ दोनों का ही अपना ज़बरदस्त अंदाज़ है. दोनों ही फिल्में बहुत कुछ कहती हैं. एक्शन-इमोशन-ड्रामा का प्रभावशाली तड़का है दोनों ही फिल्मों में.
हर फिल्म के साथ बहुत अच्छी बातें होती हैं, तो कुछ नकारात्मक और आलोचनात्मक चीज़ें भी रहती हैं. फिर अमीषा पटेल का एक्स्ट्रा मेकअप हो या शिव बने अक्षय का कचौड़ी लेने वाला दृश्य, लोगों को खटकती ज़रूर है. इन सब के बावजूद दोनों ही फिल्में लाजवाब बनी हैं.
रेटिंग: ३ ***
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