बहुमुखी प्रतिभा की धनी विद्या बालन अपने विभिन्न क़िरदार और ज़बरदस्त अदाकारी के लिए जानी जाती हैं. उनकी फिल्मों का इंतज़ार उनके फैंस को हमेशा ही रहता है. लंबे अंतराल के बाद क़रीब चार साल बाद उनकी फिल्म 'नीयत' थिएटर में दिखाई जा रही है. इसके पहले लॉकडाउन में उनकी ओटीटी प्लेटफॉर्म पर तीन फिल्में आई थीं, तीनों ही अलग तरह की आकर्षक फिल्में थीं, शकुंतला देवी, शेरनी और जलसा. 'शकुंतला' की ही निर्देशक अनु मेनन ने उनके साथ एक बार फिर 'नीयत' एक मर्डर मिस्ट्री से भरपूर थ्रिलर मूवी बनाई है.
नीयत में विद्या बालन की अदाकारी सराहनीय है. एक जासूस के रूप में उन्होंने बेहतरीन काम किया है. इसके पहले वे 'बॉबी जासूस' में अपना अलग जलवा दिखा चुकी हैं. उनकी आख़िरी फिल्म थिएटर में 'मिशन मंगल' आई थी, जो साल 2019 में रिलीज़ हुई थी. नीयत में विद्या बालन एक अलग अंदाज़ में दिखाई दी हैं.
नीयत की कहानी एक मर्डर मिस्ट्री पर केंद्र बिंदु है. मुंबई के बिज़नेसमैन आशीष कपूर बैंकों में बीस हज़ार करोड़ का घोटाला करके देश से रफ़ूचक्कर हो जाते हैं. विदेश में एक शानदार ज़िंदगी बिता रहे हैं. इसी बीच स्कॉटलैंड में वे अपने जन्मदिन की एक शानदार पार्टी का आयोजन करते हैं, जिसमें उनकी क़रीबी दोस्त और परिवार के लोग शामिल होते हैं. मशहूर भगौड़े बिजनेसमैन विजय माल्या से मिलती-जुलती फिल्म की कहानी लगी, जो विदेश में अपनी जान बचाते हुए इधर-उधर भटक रहे हैं. कुछ ऐसी स्थिति फिल्म कै आशीष की है. इस क़िरदार में राम कपूर ने ज़बरदस्त अभिनय किया है. वैसे भी राम कपूर अपने हर क़िरदार में जान फूंक देते हैं और उनका हर रोल ख़ास बन जाता है.
आशीष पुलिस को आत्मसमर्पण करने का प्लानिंग करते हैं और इसके लिए भारत से सीबीआई ऑफिसर मीरा राव यानी विद्या बालन आती हैं. वह आशीष को गिरफ्तार करें उससे पहले अनोखे ढंग से उसकी हत्या हो जाती है. वहां मौजूद हर व्यक्ति पर शक की सुई रहती है. मीरा नए सिरे से इस केस की छानबीन करना शुरू कर देती है. इसमें आशीष की प्रेमिका सहित जितने भी शख़्स इस ख़ास फंक्शन में शामिल हुए थे शक के घेरे में आ जाते हैं. फिर शुरू होता है परत दर परत सस्पेंस से भरपूर खुलासा. कहीं पत्नी-दोस्त की बेवफ़ाई, तो कहीं पर गे-लेस्बियन के शेड्स भी नज़र आते हैं.
इसमें कोई दो राय नहीं कि अनु मेनन ने एक बढ़िया फिल्म बनाने की कोशिश की है और वे काफ़ी हद तक इसमें कामयाब भी रहीं. फिल्म का सस्पेंस-थ्रिलर उत्सुकता पैदा करता है.
राहुल बोस से लेकर मीता वशिष्ठ, दीपनिता शर्मा, शशांक अरोड़ा, नीरज काबी, शाहाना गोस्वामी, अमृता पुरी, प्राजक्ता कोली, इशिका मेहरा, दानिश रिज़वी हर किसी ने अपने क़िरदार के साथ न्याय किया है. लेकिन ख़ास आकर्षण निकी वालिया रहीं, जो काफ़ी लंबे अरसे के बाद अभिनय करते हुए दिखाई दीं. फिल्म में वे का वास्तु-टैरो कार्ड रीडर बनी हैं. विद्या बालन हर किसी से अपने स्तर पर अलग-थलग पूछताछ करती हैं और एक खास नतीजे पर भी वे पहुंचती हैं. मूवी का सरप्राइज़ पैकेट शेफाली शाह रही हैं, जो एक अलग ही सस्पेंस पैदा करती हैं.
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सिनेमैटोग्राफर एंड्रीज नियो ने अपने बेहतरीन छायांकन से जिज्ञासा के साथ धड़कनों को बढ़ाने का काम किया है. स्कॉटलैंड हो लोकेशंस लुभाते हैं. कौसर मुनीर के डायलॉग्स प्रभावशाली हैं. एडम मॉस की एडिटिंग ठीक है.
मिकी मैक्लेरी का म्यूज़िक ठीक-ठाक है. लोथिका झा का गाया फरेबी... गाना ख़ास पसंद किया जा रहा है. अमेज़न प्राइम वीडियो के बैनर तले बनी नीयत की कहानी अनु मेनन के साथ प्रिया वेंकटरमन, गिरवानी ज्ञानी और अद्वैत काला ने मिलकर लिखी है. निर्माता विक्रम मल्होत्रा ने एक बढ़िया सस्पेंस फिल्म बनाई है.
रेटिंग: ३ ***
Photo Courtesy: Social Media
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