जब से 'आदिपुरुष' (Adipurush) का विवाद शुरू हुआ है, तभी से लोगों को बार बार रामानंद सागर (Ramanand Sagar) की 'रामायण' (Ramayan) याद आ रही है. लोग 'आदिपुरुष' के डायलॉग, उनके किरदारों की तुलना 'रामायण' के किरदारों से कर रहे हैं और लगातार 'आदिपुरुष' को ट्रोल (Adipurush controversy) कर रहे हैं. नेटीजन्स का कहना है कि ना वीएफएक्स ना भारी भरकम बजट फिर भी सीरियल रामायण ने लोगों के मन मस्तिष्क में बसी हुई है. इस सबके बीच 'रामायण' के फैंस के लिए खुशखबरी है. इस शो के प्रति लोगों के प्यार को देखते हुए फिर से ऑन एयर (Ramayan to returns to TV) होने जा रहा है. यह अनाउंसमेंट 'आदिपुरुष' विवादों के बीच हुई है.
दरअसल आदिपुरुष की रिलीज़ के बाद से ही फिल्म में श्रीराम, सीता, हनुमान और रावण को गलत तरीके से प्रस्तुत करने, फिल्म के डायलॉग और कंटेंट को लेकर लोग भड़के हुए थे और मांग कर रहे थे कि रामानंद सागर की 'रामायण' फिर से टेलिकास्ट की जाए ये अब उनकी ये डिमांड जल्द ही पूरी होने जा रही है.
शेमारू टीवी ने अनाउंस किया है कि 'रामायण का टेलीकास्ट 3 जुलाई 2023 से शुरू होगा. चैनल ने सोशल मीडिया पर रामायण की छोटी सी क्लिप शेयर पोस्ट की है और अनाउंस किया है, "'विश्व प्रसिद्ध पौराणिक धारावाहिक रामायण सभी फैंस और हमारे दर्शकों के लिए वापस आ गया है. इसे 3 जुलाई, शाम 7.30 बजे से अपने पसंदीदा चैनल शेमारू टीवी पर देखें."
इस अनाउंसमेंट के बाद लोग गदगद हो उठे हैं और एक बार फिर रामायण देखने के लिए काफी एक्साइटड हैं. यूजर्स का कहना है कि आदिपुरुष देखने से अच्छा है कि एक बार फिर से रामायण देख ली जाए. वहीं कुछ यूजर्स का कहना है कि आदिपुरुष देखकर दर्शकों को जो सहना पड़ा है, रामायण उससे लोगों को उबारने में मदद करेगी, वहीं कुछ यूजर ने कमेंट किया है, आदिपुरुष का वायरस खत्म करने के लिए रामायण ज़रूरी था.
बता दें कोरोना की पहली लहर के दौरान भी 'रामायण' को दूरदर्शन पर दोबारा प्रसारित किया गया था और दोबारा प्रसारित होने पर भी सीरियल को दर्शकों का उतना ही प्यार मिला था और लोगों ने उसी श्रद्धा भक्ति के साथ इस सीरियल का आनंद उठाया था.
बता दें कि रामायण का टेलीकास्ट दूरदर्शन पर 1987 में शुरू हुआ था. ये सीरियल जब सुबह 9 बजे टीवी पर आता था तो सड़कों पर सन्नाटा छा जाता था. घरों के बाहर कर्फ्यू जैसे हालात हो जाते थे, क्योंकि हर कोई रामायण में डूबा रहता. इस सीरियल में काम करनेवाले कलाकारों को लोग भगवान मानने लगे थे और आज भी वो जहां भी जाते हैं लोग उन्हें दंडवत प्रणाम करते हैं.