वर्किंग पैरेंट्स होने के नाते आजकल माता पिता के पास इतना समय नहीं कि वे बच्चों की जरूरतों को समझें या फिर आवश्यकता पड़ने पर बच्चों को मेंटली और इमोशनली सपोर्ट कर सकें. पैरेंट्स के ऐसे व्यवहार से बच्चे कहीं न कहीं मानसिक रूप से आहत होते हैं. बच्चों का बदला हुआ व्यवहार पैरेंट्स को समझ जाना चाहिए कि उन्हें अटेंशन की ज़रूरत है. चलिए जानते हैं उन संकेतों को , जिनसे पता चले कि बच्चे को अटेंशन की ज़रूरत है-
- अपने काम की व्यस्तता के चलते जब पैरेंट्स बच्चे पर ध्यान नहीं दे पाते हैं, तो बच्चा भी छोटी-छोटी बात पर ओवर रिएक्ट कर सकता है और हर छोटी-छोटी बात रोना शुरू कर देता है.
- कुछ बच्चे स्वभाव से इंट्रोवर्ट होते हैं. पैरेंट्स को अपनी बात खुलकर नहीं बताते हैं, ऐसी स्थिति में भी बच्चे बात-बात पर रोने लगते हैं या फिर ओवर रिएक्ट करने लगते हैं.
- पैरेंट्स का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए कुछ बच्चे निगेटिव बातें बोलते हैं. इन नेगेटिव बातों को सुनकर पेरेंट्स को गुस्सा आता है और जब पैरेंट्स समझाते हैं तो उनके साथ भी बुरा बर्ताव करता है. ऐसी स्थिति में पैरेंट्स को बच्चे पर नाराज़ होने की बजाय यह समझें कि बच्चे को आपकी ज़रूरत है और बच्चा आपका ध्यान अपनी तरफ़ खींचने के लिए ऐसा कर रहा है.
- ऑफिस से घर आने के बाद जब बच्चा पैरेंट्स के साथ आगे-पीछे घूमने की कोशिश करें. उनके साथ ज्यादा समय बिताने की कोशिश करे तो पैरेंट्स को समझ जाना चाहिए कि बच्चा आपका अटेंशन चाहता है. ऐसे में पैरेंट्स कुछ समय के लिए अपना सारा काम छोड़ दें और सिर्फ बच्चे के साथ टाइम बिताएं.
- जब बच्चा हर छोटी-छोटी बात पर ज़िद करने लगे, बार-बार समझाने या टोकने पर भी पर भी उसी काम को बार बार करता है, तो पैरेंट्स को गुस्सा होने की जगह ये समझ जाना चाहिए कि बच्चा आपका अटेंशन चाहता है. इसलिए उस पर नाराज़ होने की बजाय उसे प्यार दें और उसके साथ फन और क्वालिटी टाइम बिताएं.
- अपने स्वभाव के विपरीत जब बच्चा चुप हो जाए या अपना अधिकतर समय एकांत में बिताए, तो माता-पिता को समझ जाना चाहिए कि बच्चा परेशान है. बच्चे को कोई परेशानी है जो उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रही है. बच्चे के ऐसे व्यवहार के कई कारण हो सकते हैं, जैसे- कोई उसे बुली कर रहा हो, बीमार हो, या तनाव में हो. ये सभी कारण बच्चे की मानसिक परेशानी का कारण भी बन सकते हैं.
- पैरेंट्स के बात करने व कुछ पूछने पर जब बच्चा चिल्लाकर, मुंह बनाकर या फिर नाटकीयता के साथ जवाब दे तो पैरेंट्स को ये समझ जाना चाहिए कि बच्चे को आपके अटेंशन की आवश्यकता है.
- बच्चों के साथ बात करते अगर वे अपशब्द बोलते हैं, उनके शब्दों से गुस्सा झलकता है, तो समझ जाएं कि बच्चा किसी बात से नाराज़ है इसलिए वह ऐसा बिहेव कर रहा है.
- देवांश शर्मा
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