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ज़िम्मेदारी से निभाएंगे ड्यूटी, तो बनी रहेगी रिश्तों की ब्यूटी (Smart Ways To Maintain The Beauty Of A Relationship)

रिश्ते अपने आप में खूबसूरत होते हैं और इनकी खूबसूरती छिपी है इनके बंधनों में, इनकी ज़िम्मेदारियों में और इनसे जुड़ी खट्टी-मीठीशिकायतों में. लेकिन अक्सर हम इन चीजों को भूलकर सिर्फ़ इनको बोझ समझने लगते हैं जिससे रिश्तों में नकारात्मकता आ जाती हैऔर इनकी ब्यूटी खोने लगती है. 

बेहतर होगा रिश्तों से जुड़ी ज़िम्मेदारियों को बोझ न समझकर उनको प्यार से निभाएं. यही सोच आपके रिश्ते को खूबसूरत बनाएगी.

  • रिश्तों को लेकर यथार्थ में जीएं. ख़्वाबों की दुनिया में न रहें. 
  • रिश्ते अपने साथ खूबसूरती लाते हैं लेकिन उनसे जुड़ी कई जिम्मेदारियां भी होती हैं. 
  • अपनी इन ज़िम्मेदारियों को समझदारी और प्यार से निभाएं. 
  • सिर्फ़ आप ही नहीं घर में सभी को अपनी जिम्मेदारियां समझनी ज़रूरी हैं. 
  • बेहतर होगा आप सभी अपनी-अपनी ड्यूटी बांट लें ताकि किसी एक पर बोझ न पड़े. 
  • लेकिन मात्र ड्यूटी बांटने से काम नहीं चलेगा, इन ड्यूटी को ज़िम्मेदारी से निभाना भी उतना ही ज़रूरी है. 
  • ये तभी संभव है जब आप सकारात्मक सोच और पूरे मन से अपने रिश्तों के साथ-साथ उनसे जुड़ी ज़िम्मेदारियों को भी अपनाएं. 
  • हर रिश्ते में एडजेस्टमेंट होते हैं. आप अकेले नहीं हैं, इसलिए ये सोचना कि अरे मेरी पड़ोसन को देखो कितनी लकी है, रोज़ नईसाड़ी पहनती है, बड़ी गाड़ी है… और घर में सास-ससुर भी नहीं. वो तो ऐश करती है. काश मेरी भी लाइफ़ ऐसी ही होती… 
  • वहीं आपकी पड़ोसन ये सोचती है कि कितनी लकी हैं ये. घर में बड़े-बुज़ुर्ग हैं… भरा-पूरा परिवार है. अपनों का साथ है… येअकेलापन तो नहीं जो मेरी ज़िंदगी में है… काश मेरी भी ऐसी ही फ़ैमिली होती… 
  • एक बात याद रखिए ख़ुशियां सिर्फ़ सुख-सुविधा या पैसों में ही नहीं होती… प्यार और अपनेपन से उपजती है ख़ुशियां. 
  • आपके सिर पर कई जिम्मेदारियां हैं लेकिन ये न सोचें कि अकेले रहने या ज़्यादा पैसा होने पर जिम्मेदारियां या मुश्किलें नहींआतीं. 
  • आपकी पड़ोसन अकेले रहती है लेकिन आपने ये भी तो नोटिस किया होगा कि सारे काम भी वो अकेले करती है- बैंक, पोस्टऑफ़िस, ऑफ़िस वर्क से लेकर बाकी सब उसको अकेले करने पड़ते हैं क्योंकि उसके पति तो अक्सर टूर पर रहते हैं. 
  • एक बात मानकर चलें कि काम और जिम्मेदारियों से आप बच नहीं सकते, इसलिए रो-रोकर दुखी मन से कुढ़कर करने से बेहतरहै उनको ख़ुशी-ख़ुशी निभाएं. 
  • सिर्फ़ महिलाएं ही नहीं, पुरुषों पर भी यही बात और नियम लागू होते हैं कि अगर परिवार है तो काम व जिम्मेदारियां भी होंगी तोबेहतर होगा अपने पार्टनर ब अन्य घरवालों के साथ कदम से कदम मिलाकर काम करें जिससे बोझ का एहसास कम होगा औरआपका मूड भी लाइट रहेगा.
  • रिश्तों की खूबसूरती अपनेपन में ही है. रिश्तों को खूबसूरत बनाए रखने के लिए अपना अहं, क्रोध और ईर्ष्या जैसी भावनाओं सेऊपर उठना ज़रूरी है. 
  • गलती हो जाने पर सॉरी कह देने से आप छोटे नहीं होंगे. 
  • घर के काम में पत्नी का हाथ बंटाने से आप जोरू के ग़ुलाम नहीं बन जाएंगे. 
  • पत्नी की सलाह लेने से आपका पुरुषत्व कम नहीं हो जाएगा. 
  • ऑफ़िस से आने के बाद अपना सामान अपनी जगह पर रखने से, अपने कपड़े खुद निकालकर पहनने से और अपने जूतों को खुदपॉलिश करने से आप किसी पर एहसान नहीं करेंगे, बल्कि अपना ही काम करके ज़िम्मेदार बनेंगे और अपना काम अपनी पत्नी याघर की अन्य स्त्री के भरोसे न छोड़ने पर आप उनकी मदद ही करेंगे, क्योंकि इससे उनकी ड्यूटी थोड़ी कम हो जाएगी और वो ख़ुशहोंगी आपको यूं ज़िम्मेदार बनता देख. 
  • अक्सर घरों में देखा गया है कि जब भी कोई पुरुष बाहर से आता है तो घर की लड़कियां व महिलाएं उसकी सेवा-पानी में जुटजाती हैं. इसमें कोई बुराई भी नहीं, क्योंकि कोई बाहर से थका-हारा आता है तो उसे चाय-पानी पिलाकर रिलैक्स करना अच्छीबात है, लेकिन जब कोई महिला बाहर से आती है तो उसे कोई पानी की भी नहीं पूछता… ये घर में मौजूद सदस्यों की ड्यूटी वज़िम्मेदारी है, फिर चाहे वो पुरुष हो या महिला कि वो उनको चाय-पानी पिलाकर थोड़ा रेस्ट करने का मौक़ा दें. 
  • अगर घर में कोई मेहमान आ जाए तो सभी को मिल-जुलकर काम करना चाहिए और घर के बड़ों को मेहमानों के साथ वक्तगुजरना चाहिए. 
  • अगर ननद की सहेली आई है तो देवर और भाभी को काम का मोर्चा सम्भालकर ननद को सहेली संग वक्त चिल करने देना चाहिएऔर अगर भाभी की सहेली आई है तो ननद और देवर को भाभी की ज़िम्मेदारी बांट लेनी चाहिए.
  • अगर सभी लोग पोज़िटिविटी के साथ अपनी ड्यूटी व ज़िम्मेदारियों के प्रति थोड़े फ़्लेक्सिबल होकर ख़ुशी-ख़ुशी काम करें तोरिश्तों की खूबसूरती और बढ़ जाती है. 
  • ये न सोचें कि शाम की चाय तो भाभी ही बनाएगी, अगर भाभी को सर्दी-ज़ुकाम हुआ है और वो रेस्ट कर रही है तो आप उनकोअदरक वाली चाय बनाकर पिला दें. इससे वो भी दो कदम आगे बढ़कर आपका साथ देगी. 
  • संडे को सबको आराम और छुट्टी का हक़ होता है लेकिन मां का क्या? वो तो लगातार काम करती है और संडे तो और काम बढ़जाता है क्योंकि सबको कुछ न कुछ स्पेशल खाना होता है… क्यों न हर संडे को स्पेशल बनाने के लिए एक ग्रुप बना दिया जाएऔर मां को उस दिन आराम दिया जाए? 
  • घर के पुरुष एक संडे कुछ ख़ास बनाकर खिलाएं, इसी तरह घर के युवा किसी एक संडे को कुछ मॉडर्न स्टाइल फ़ूड बनाकरखिलाएं और मां व भाभी को आराम से एंजॉय करने दिया जाए.
  • इस तरह हर संडे को आप अपनी ड्यूटी व ज़िम्मेदारी टर्न बाय टर्न पूरी कर सकते हैं. इससे चेंज भी मिलेगा और ख़ुशियां भी. 
  • किसी एक संडे को सभी बाहर डिनर या लंच या मूवी का प्लान रखें.
  • इसी तरह महिलाओं को भी चाहिए कि वो पेपर वर्क, बैंक या पोस्ट ऑफ़िस के काम के लिए सिर्फ़ पुरूषों पर निर्भर न रहें और नये सोच बना लें कि अरे ये काम तो मर्दों का होता है. सबको सब काम आने चाहिएं और अगर आप ये अपेक्षा रखती हैं कि पुरुषघर के काम में मदद करें तो कभी-कभार इमर्जेन्सी में आपको भी बाहर के कामों में उनकी मदद करनी चाहिए.
  • आपसी सहयोग से ही काम होते हैं. वैसे भी आजकल डिजिटल वर्ल्ड में ये सब काम भी बेहद आसान हो गए हैं. टेक्नॉलोजी कोनज़र अंदाज़ न करें, अपडेटेड रहें.
  • आप अपनी ड्यूटी से भाग नहीं सकते इसलिए रोज़ उनका रोना रोने की बजाए ड्यूटी में भी ब्यूटी देखें. उनको इस तरह रोल करकेएक्साइटिंग बनाएं.
  • रिश्ते फ़िल्मी दुनिया की तरह नहीं होते लेकिन उनको किसी पारिवारिक फ़िल्म की तरह रोचक व रंगीन ज़रूर बनाया जा सकताहै, बशर्ते आप हक़ीक़त में जीएं और सच को अपनाएं. 
  • खूबसूरती से निभाए गई जिम्मेदारियां आपके रिश्ते को भी ब्यूटीफुल बनाएगी. 
  • शिकवे-शिकायत अपनी जगह हैं लेकिन हमेशा कम्प्लेन बॉक्स बनकर न घूमें, सबके ईमानदारी से किए प्रयासों को सराहें औरउनमें खूबियां भी देखें, अगर किसी से कोई गलती भी हो जाए तो उसे अपराधी न महसूस कराएं बल्कि यही समझाएं कि ये किसीसे भी हो सकता है… यही अपनापन है जो आपके रिश्तों को भी सुंदर बनाएगा.

पिंकी शर्मा

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