रितिक रोशन और सैफ अली खान को वार-प्रतिकार करते एक्शन में देखना काफ़ी रोमांचित करता है 'विक्रम वेधा' में. वैसे तो यह तमिल फिल्म की रीमेक है, जो इसी नाम से 2017 में बनी थी, जिसमें विजय थेलुपति और आर माधवन ने मुख्य किरदार निभाया था. लेकिन इस फिल्म की ख़ास बात यह है कि फिल्म का नाम से लेकर निर्देशक तक दोनों ही फिल्मों के एक है हैं. तमिल में भी फिल्म का नाम 'विक्रम वेधा' था, जिसमें विक्रम बने थे आर माधवन और वेधा विजय बने थे. हिंदी में रितिक वेधा बने हैं, तो सैफ विक्रम. उस फिल्म के डायरेक्टर थे पति-पत्नी पुष्कर और गायत्री, इस फिल्म के निर्देशन की कमान भी इन्हीं दोनों ने संभाली है.
विक्रम बेताल की कहानी तो आप सभी जानते होंगे कि किस तरह विक्रम बेताल को अपने कंधे पर बैठाकर जंगल में चलते रहते हैं. वेताल की शर्त रहती है कि वह बोलेंगे नहीं अगर वे बोलेंगे तो वह उड़कर फिर से पेड़ पर लटक जाएगा. और होता यह है कि अपनी कहानी सुनाने के बाद वेताल विक्रम से सवाल करता है और उसका जवाब देना विक्रम को ज़रूरी हो जाता और वो बोल देते हैं और बेताल उड़कर पेड़ पर चला जाता है. इसी तरह यह सिलसिला चलता रहता है.
इसी संदर्भ को मॉडर्न अंदाज़ में विक्रम वेधा फिल्म में दिखाया गया है. गैंगस्टर बने रितिक रोशन ख़ुद चलकर पुलिस इंस्पेक्टर विक्रम यानी सैफ के पास आते हैं, जबकि वो वेधा को ढूंढ़ने और एनकाउंटर की प्लानिंग कर रहे होते हैं. जहां विक्रम ने अब तक 18 एनकाउंटर किए हैं, तो वही वेधा ने 16 मर्डर दोनों के आंकड़े उनके खौफ़ को बताने के लिए काफ़ी हैं.
वेधा विक्रम के पास विक्रम बेताल वाले अंदाज़ में आकर एक कहानी सुनाते हैं और उनसे फिर सवाल करते हैं और उनके जवाब में ही वे अपने अगले चाल को चलते हैं. यह चोर-सिपाही वाला लुकाछिपी अंदाज़ का खेल चलता रहता है. दोनों एक-दूसरे पर हावी होने की कोशिश करते रहते हैं. वैसे कहानी के फ्लैशबैक में यह है कि विक्रम ने वेधा के निर्दोष छोटे भाई का एनकाउंटर किया था और वह अपने अंदाज़ में विक्रम को एहसास कराना चाहते हैं कि उन्होंने कहां क्या ग़लत किया था.
फिल्म में ज़बरदस्त एक्शन है. पीएस विनोद की सिनेमैटोग्राफी कमाल की है. लोकेशन तो माशाअल्लाह लखनऊ और कानपुर को आबू धाबी में बसा कर दिखाया गया है. अब यह पब्लिक के ऊपर है कि वह असली-नकली के अंतर को समझ पाते है कि नहीं.
इस रीमेक मूवी की ख़ासियत यह भी है कि लेखक-निर्देशक ने कहानी के साथ अधिक बदलाव नहीं किया है. ज्यों का त्यों तमिल की कहानी-किरदार को उसी ढंग से पेश किया है.
पुष्कर और गायत्री का निर्देशन कमाल का है. फिल्म में कहीं भी बोरियत महसूस नहीं होती. इसके मारधाड़ के दृश्य तो मानो फिल्म की जान है. रितिक रोशन के अभिनय की बात करें, तो वे अपने पूरे उफान पर दिखते हैं. उनका लहजा, भाव-भंगिमाएं और एक्शन उनके फैंस को क्रेज़ी कर देंगे इसमें कोई दो राय नहीं.
सैफ अली भी रितिक पर बीस हैं. उन्होंने भी अपने क़िरदार के साथ पूरा न्याय किया है और पुलिस ऑफिसर की भूमिका में ख़ूब जंचे हैं. सैफ अली की पत्नी के रूप में राधिका आप्टे ने भी अच्छा काम किया है. अन्य कलाकारों में रोहित सराफ, योगिता बिहानी, शारिब हाशमी, सत्यदीप मिश्रा सभी ने अपने रोल को अच्छी तरह से निभाया है और एक मसालेदार फिल्म को कामयाब बनाने में पूरा योगदान दिया है.
फिल्म का गीत-संगीत विशाल-शेखर का ठीक-ठाक है. एल्कोहलिया… गाना तो पहले से ही हिट हो चुका है, जिसमें रितिक के ठुमकों ने लोगों पर बेहद खुमारी छोड़ी है. यदि आप एक मसालेदार बॉलीवुड मूवी देखना पसंद करते हैं, तो यक़ीनन आपको यह फिल्म पसंद आएगी.
कलाकार- रितिक रोशन, सैफ अली खान, राधिका आप्टे, रोहित सराफ, योगिता बिहानी, शारिब हाशमी, सत्यदीप मिश्रा
लेखक- पुष्कर-गायत्री, मनोज मुंतशिर, बी ए फिदा
निर्देशक- पुष्कर-गायत्री
निर्माता- रिलायंस एंटरटेनमेंट, टी सीरीज़, जियो स्टूडियोज़
रेटिंग- 3 ***
Photo Courtesy: Instagram