यूपी मुरादाबाद (UP,Muradabad) के शीर्ष के उद्योगपति डॉक्टर अरविंद गोयल (industrialist Dr. Arvind Goyal) ने अपनी सारी संपत्ति (donates his whole property) ग़रीबों को दान करने का फ़ैसला कर लिया. उनकी कुल सम्पत्ति 600 करोड़ (worth rupees 600 crore) की है जो उन्होंने पिछले पचास साल में कमाई थी. अपने लिए उन्होंने सिर्फ़ घर रखा है. उनकी कोठी मुरादाबाद सिविल लाइंस में स्थित है.
डॉक्टर गोयल ने ये दान सीधे राज्य सरकार यानी योगी सरकार को दिया है ताकि सही तरीक़े से ज़रूरतमंदों और ग़रीबों तक मदद पहुंच सके. डॉक्टर गोयल अब तक ग़रीबों के लिए काफ़ी कुछ करते रहे हैं. उनके कई शिक्षण संस्थान देश भर में हैं. मुफ़्त शिक्षा, मुफ़्त स्वास्थ्य सेवा से लेकर वो कई अनाथ आश्रम व वृद्धाश्रम चलाते हैं.
उन्होंने मुरादाबाद के लगभग 50 गांव गोद लिए हैं. कोविड में लॉकडाउन के दौरान उन्होंने यहां मुफ़्त भोजन व दवाओं का प्रबंध किया था. अरविंद गोयल को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से भी सम्मान मिल चुका है. सुपरस्टार्स अमिताभ बच्चन, शाहरुख़ और मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर तक उनकी सराहना कर चुके हैं.
डॉक्टर गोयल ने बताया कि एक घटना ने कैसे उनकी ज़िंदगी बदल दी. उन्होंने बताया कि दिसंबर के महीने में कड़ाके की ठंड में वो ट्रेन से सफ़र कर रहे थे तो उनकी नज़र एक गरीब पर पड़ी, जो ठंड में ठिठुर रहा था. उसके न ओढ़ने को कोई कंबल था और न पैरों में चप्पल. मैंने उसे अपने जूते उतारकर दे दिए लेकिन ठंड इतनी ज़्यादा थी कि मुझसे भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था और तब मैंने सोचा कि ऐसे ही कितने गरीब होंगे जो इस तरह ठंड में ठिठुरते होंगे. तब मैंने ठान लिया कि मैं ग़रीबों के लिए काम करूंगा.
जीवन में बहुत तरक़्क़ी की मैंने लेकिन ज़िंदगी का भरोसा नहीं इसलिए सोचा कि जीते जी सही हाथों में सम्पत्ति पहुंच सके इसलिए मैंने संपत्ति दान करने के लिए जिला प्रशासन को पत्र लिखा है और आगे की कार्रवाई वही करेंगे.
डॉक्टर गोयल के इस फ़ैसले में उनकी पत्नी रेणु व बच्चों ने भी पूरा साथ दिया. उने दो बेटे और एक बेटी है जिसमें से बड़ा बेटा मधुर मुंबई में है और छोटा बेटा शुभम के साथ बिज़नेस में हाथ बंटाता है. बेटी बरेली में रहती है उसकी शादी हो चुकी है. सभी ने उनके फ़ैसले का स्वागत किया है.
डॉक्टर गोयल की मां शकुंतला देवी और पिता प्रमोद स्वतंत्रता सेनानी रह चुके हैं. उनके ससुर भी जज थे और दामाद आर्मी में कर्नल. उनके बहनोई मुख्य चुनाव आयुक्त रह चुके हैं.
अरविंद गोयल सरकारी स्कूलों में फर्नीचर और कंप्यूटर लगवाने जैसे काम भी करते हैं और वो सुबह-सुबह अपनी स्कूटी पर निकल पड़ते हैं और जो भी उनसे मदद की गुहार लगाता है वो दिल खोलकर उनकी मदद करते हैं. ग़रीबों के साथ कोई अन्य ज़रूरतमंद भी उनको मिल जाए तो उसकी भी वो मदद करने से चूकते नहीं. वो सरकारी व ग़ैर सरकारी अस्पताल पहुंचकर ग़रीबों की समस्याओं को सुनकर उनकी मदद करते हैं.
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