आयुर्वेद में जामुन को डायबिटीज़ में क्यों उपयोगी माना गया है? डायबिटीज़ की गंभीर अवस्था में जहां इंसुलिन और ट्राईप्सोजन काम करना बंद कर देते हैं, वहीं जामुन की गुठली से बने चूर्ण का रोज़ाना सेवन करने से शरीर में शुगर की मात्रा कम हो जाती है. दरअसल, वैज्ञानिकों की गई शोध के अनुसार जामुन में जंबोलिन नाम का ग्लूकोसाइड पाया जाता है, जो खाने में पाए जानेवाले स्टार्च को शूगर में तब्दील होने से रोकता है. इससे शरीर में शूगर की मात्रा नहीं बढ़ती.
क्या आप जानते हैं कि मीठा बोलने को हमारे शास्त्रों में इतना महत्व क्यों दिया गया है? क्योंकि वाणी भी एक तरह की दवा होती है. कभी-कभी हम बहुत ज़िंदादिल डॉक्टर के पास जाते हैं, उसकी बात सुनकर लगता है, हम ठीक हो रहे हैं, यानी वाणी में बीमारी को दूर करने की ताक़त है. बातों का मस्तिष्क पर गहरा असर होता है. मीठी बोली पॉज़िटिविट एनर्जी का स्रोत है. इससे पॉज़िटिव एनर्जी पैदा होती है. जो हमें ख़ुश रखती है और अंततः हमारे स्वास्थ्य के लिए रामबाण की तरह काम करती है.
हफ़्ते में कुछ दिन मांसाहार पर पाबंदी क्यों है? हिंदू धर्म में यह मान्यता है कि मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को मांसाहार का सेवन करना वर्जित है. इसे भले ही हमने धर्म से जोड़ दिया है, लेकिन इसकी मुख्य वजह हमारे पाचन तंत्र को बेहतर रखना है. मांसाहार को पचने में समय लगता है, ऐसे में रोज़ाना मांसाहार खाने से बीमार हो सकते हैं, लेकिन उसमें कुछ पौष्टिक तत्व भी होते हैं, जो शरीर के लिए ज़रूरी हैं, इसलिए उसके लिए दिन निश्चित कर दिया गया है.