Close

द कश्मीर फाइल्स: पल्लवी जोशी का बड़ा ख़ुलासा, शूटिंग के दौरान उनके और विवेक अग्निहोत्री के ख़िलाफ़ जारी किया गया था फ़तवा, मिल रही थीं धमकियां! (The Kashmir Files: Pallavi Joshi Reveals Fatwah Was Issued Against Her And Vivek Agnihotri During Shoot)

1990 में घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित फिल्म द कश्मीर फ़ाइल्स को सब जगह ग्रांड ओपनिंग मिल रही है और फ़िल्म की काफ़ी सराहना भी हो रही है. कई राज्यों ने इसे टैक्स फ्री भी कर दिया है. इतने संवेदनशील और गंभीर मुद्दे पर बेहतरीन फ़िल्म बनाना आसान नहीं था लेकिन निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने ये कर दिखाया जिसके लिए उनकी तारीफ़ की जानी चाहिए और लोग कर भी रहे हैं.

कम स्क्रीन पर रिलीज़ होने के बावजूद फ़िल्म ने जो तीन दिन में कमाई की है वो भी एक रिकॉर्ड है. फ़िल्म में कश्मीरी पंडितों पर हुई हैवानियत और बर्बरता को जिस तरह दर्शाया गया है उसे देख कई लोग अपने आंसू नहीं रोक पाए.

डाउनलोड करें हमारा मोबाइल एप्लीकेशन https://merisaheli1.page.link/pb5Z और रु. 999 में हमारे सब्सक्रिप्शन प्लान का लाभ उठाएं व पाएं रु. 2600 का फ्री गिफ्ट.

लेकिन इस फ़िल्म को बनाने की राह इतनी आसान नहीं थी. विवेक ने जानकारी दी कि कश्मीरी पंडित समुदाय के सुरेंद्र कोल उन्हें अमेरिका के ह्यूस्टन में मिले थे, जहां उन्होंने ये मंशा ज़ाहिर की थी कि कश्मीरी पंडितों का दर्द लोगों तक पहुंचना चाहिए. तब विवेक ने इस फ़िल्म को बनाने की ठानी.

विवेक ने अपनी पत्नी पल्लवी जोशी से सलाह ली और दोनों ने काफ़ी रिसर्च किया क्योंकि विवेक के अनुसार अब तक हमारे सामने जो भी जानकारी थी वो नेताओं के बयानों के आधार पर ही थी इसलिए उन्होंने सच्चाई को पूरी तरह सामने लाने के लिए कई सौ कश्मीरी पंडितों से बात की, उनकी आपबीती सुनी.

इस फ़िल्म को बनाने में पूरे 4 साल का वक्त लगा, क्योंकि कोविड के चलते शूटिंग रुकी हुई थी. लेकिन जब शूटिंग शुरू हुई तब मुश्किलें बढ़ीं. काफ़ी विरोध सहना पड़ा. कश्मीर में जाकर शूट करना इसी मुद्दे पर आसान नहीं था. मौसम की मार अलग थी. फ़िल्म की प्रोड्यूसर और एक्ट्रेस पल्लवी जोशी ने जानकारी दी और इस बात का भी खुलासा किया कि फ़िल्म की जब आख़िरी दौर की शूटिंग चल रही थी तब उनके और उनके पति विवेक के ख़िलाफ़ फ़तवा तक जारी हुआ और उनको काफ़ी धमकियां भी मिलीं. ये शूटिंग के दौरान की बहुत बड़ी चुनौती थी. लेकिन तब तक शूटिंग पूरी हो चुकी थी और उन्होंने ये निर्णय लिया कि आख़री सीन शूट होते ही वो यहां से फ़ौरन निकल जाएंगे क्योंकि अगर देर की तो शायद लौटने का मौक़ा न मिले. इसलिए शूट ख़त्म करते ही वो सीधे एयरपोर्ट के लिए निकल गए थे.

लेकिन आख़िरकार फ़िल्म पूरी हुई. विवेक और पल्लवी के अनुसार शूटिंग तो एक हिस्सा था फ़िल्म बनाने का लेकिन रिसर्च से लेकर फ़ंड्औस जुटाने तक की जर्नी काफ़ी मेहनत और थकान भरी थी. लेकिन लोगों की प्रतिक्रिया देख उनका कहना है कि अब सारी थकान मिट चुकी, अब का के सांस में सांस आई. जो लोग इस दर्द से गुज़र चुके हैं उन्होंने अपनी कहानी पर्दे पर देखी तो वो खुद को रोक नहीं पाए. विवेक और पल्लवी के पैरों तक में वो गिरकर रोने लगे.

फ़िल्म में मिथुन चक्रवर्ती, अनुपम खेर, दर्शन कुमार भी अहम रोल में हैं.

Share this article