हिंदी सिनेमा के ट्रैजेडी किंग के नाम से मशहूर दिलीप कुमार का एक अलग ही दौर रहा है. उन्होंने अपनी दमदार अदायगी से दर्शकों के दिलों पर अपनी अलग छाप छोड़ी है. आज भले ही दिलीप कुमार हमारे बीच नही हैं, लेकिन अपनी फिल्मों के ज़रिए वो आज भी दर्शकों के दिलों में जिंदा हैं. उनके माता-पिता ने उनका नाम मोहम्मद यूसुफ खान रखा था. दिलीप कुमार के पिता का नाम लाला गुलाम सरवार था, जो फल बेचकर अपने परिवार का पालन करते थे. एक फल बेचने वाले शख्स का बेटा आखिर कैसे बना बॉलीवुड का ट्रैजेडी किंग और आखिर उन्हें क्यों अपने परिवार वालो से छुपकर पहली फिल्म करनी पड़ी थी ? चलिए जानते हैं दिलीप कुमार से जुड़ा यह दिलचस्प किस्सा.
दरसअल, राज कपूर और दिलीप कुमार एक-दूसरे के पड़ोसी हुआ करते थे, इसलिए उनकी दोस्ती हमेशा बहुत गहरी रही थी. दिलीप कुमार के पिता काम के सिलसिले में अक्सर मुंबई आया करते थे, फिर जल्द ही वो मुंबई आकर रहने लगे थे. मुंबई आने के बाद दिलीप कुमार पढ़ाई के लिए पुणे चले गए, जहां उन्होंने एक कैंटीन में काम शुरु कर दिया और आगे चलकर अपनी कैंटीन खोल ली. हालांकि कुछ समय तक सब ठीक चला, फिर उन्हें मुंबई वापस लौटना पड़ा. यह भी पढ़ें: दिलीप कुमार का ट्विटर अकाउंट हमेशा के लिए हुआ बंद, जानें आख़िरी ट्वीट में क्या लिखा गया, निराश फैंस बोले- उनकी यादों को यहां ज़िंदा रहने देते तो बेहतर होता! (Dilip Kumar’s Twitter Account To Be Closed With Consent Of Saira Banu, Says Family Friend, Fans Disappointed)
अपने परिवार के पास मुंबई लौटने के बाद दिलीप कुमार काम की तलाश में जुट गए मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उस दौरान दिलीप साहब की मुलाकात एक पुराने दोस्त से हो गई और बातों-बातों में दिलीप साहब ने उनसे कहा कि वो काम की तलाश में हैं. इस पर उनके दोस्त ने कहा कि मेरे पास तुम्हारे लिए कोई काम तो नहीं है,लेकिन मैं देविका रानी से मिलने जा रहा हूं, जो बॉम्बे टॉकिज की मालकिन हैं. अगर तुम चाहों तो साथ चल सकते हो. शायद वहां तुम्हे कोई काम मिल जाए. इतना कहने पर दिलीप कुमार भी उनके साथ देविका रानी से मिलने चल दिए.
जब दिलीप कुमार अपने दोस्त के साथ देविका रानी से मिले तो, उनकी पर्सनालिटी देख कर देविका ने उन्हें 1250 रुपए की तनख्वाह पर काम पर रख लिया. उस दौर में यह बहुत बड़ी सैलरी हुआ करती थी. दिलीप कुमार दिखने में गुड लुकिंग थे, जिससे प्रभावित होकर देविका रानी ने उनसे पूछ लिया कि क्या तुम उर्दू जानते हो? इस पर दिलीप कुमार ने जवाब देते हुए कहा कि हां जानता हूं. यह सुनकर देविका रानी ने कहा कि वो अपनी नई फिल्म के लिए नए चेहरे की तलाश कर रही हैं, इतना कहकर उन्होंने दिलीप साहब से अगले दिन से ही शूटिंग स्टार्ट करने के लिए कह दिया. यह भी पढ़ें: कंगना रनौत से पहले बॉलीवुड के ये फेमस सेलेब्स भी होस्ट कर चुके हैं रियलिटी शो (Before Kangana Ranaut, These Famous Bollywood Celebs Have Also Hosted Reality Show)
कहा जाता है कि पहली ही फ़िल्म की शूटिंग के दौरान देविका रानी ने उन्हें दिलीप कुमार नाम रखने की सलाह दी थी, उनकी सलाह पर एक्टर ने कोई ऐतराज़ नही जताया, क्योंकि उन्हें लगा कि अगर वो नाम बदलकर फिल्मों में काम करेंगे तो उनके पिताजी को पता नहीं चलेगा और वो पिटाई से भी बच जाएंगे. अपने पिता की नाराज़गी से बचने के लिए उन्होंने परिवार वालों को बताए बिना पहली फ़िल्म की. ऐसे में जब दिलीप कुमार की पहली फिल्म 'ज्वार भाटा' के पोस्टर उनके घर के आस-पास लगाए गए तो उन पर आखिरकार उनके पिता की नज़र पड़ ही गई. उन्हें बिना बताए फ़िल्म में काम करने को लेकर दिलीप साहब के पिता ने शुरुवात में नाराजगी जाहिर की,लेकिन फिर आगे चलकर जब उन्होंने अपने बेटे की फिल्मों में कामयाबी देखी तो वे बहुत खुश हुए.