अक्सर छोटे बच्चों के कपड़े, उनकी त्वचा और स्वास्थ्य की देखभाल पर बहुत ध्यान दिया जाता है, लेकिन बच्चे के बालों को भी ख़ास देखभाल की ज़रूरत होती है. यह सच है कि बच्चा जन्म के बाद पहले कुछ हफ़्तों तक दिन में कई घंटे सोता रहता है, लेकिन इससे बच्चे के सिर की त्वचा और बाल गंदे हो सकते हैं, बाल उलझ सकते हैं और कभी-कभी उनसे थोड़ी-सी बदबू भी आ सकती है, इसलिए बच्चे के बालों की ख़ास देखभाल की ज़रूरत होती है. इसके बारे में पीडियाट्रिशियन और नियोनेटोलॉजिस्ट डॉ. रशना दास हज़ारिका कई महत्वपूर्ण जानकारियां दीं.
बच्चों के बालों को धोने का अच्छा रूटीन
कुछ बच्चों के ज़्यादा बाल नहीं होते, लेकिन फिर भी जितने भी बाल हैं, उन्हें धोने के लिए माइल्ड शैम्पू का इस्तेमाल करने से स्काल्प की नाज़ुक त्वचा की देखभाल करने में मदद मिलती है. इससे बच्चों, विशेष रूप से नवजात बच्चों को अपने सिर पर पानी के स्पर्श की भी आदत हो जाती है. बच्चा अक्सर अपनी पीठ के बल लेटता है, सिर को इधर-उधर घुमाने से बाल उलझ जाते हैं, इसलिए बच्चे के बालों की देखभाल की उचित दिनचर्या का होना ज़रूरी है.
बच्चों के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए शैम्पू का प्रयोग करें, क्योंकि बच्चे के बाल बड़ों की तुलना में पांच गुना पतले होते हैं. जिसमें पैरबेंस, सल्फेट्स और डाई नहीं हैं, जो हाइपोएलर्जेनिक और पीएच संतुलित और चिकित्सकीय रूप से माइल्ड सिद्ध है. ऐसे शैम्पू का उपयोग करके बच्चे के बालों और सिर की त्वचा को कोमलता से साफ़ कर सकते हैं.
अक्सर माता-पिता अपने बच्चे की आंखों को हाथ से ढकते हैं, ताकि बाल धोते समय शैंपू को आंखों में जाने से रोका जा सके. बच्चे को स्नान कराते समय यह सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है, लेकिन अब कुछ ऐसे विशेष शैंपू तैयार किए गए है, जिनमें केवल ज़रूरी सामग्री का उपयोग किया जाता है, जिससे आंखों में लाली या खुजली और दर्द को रोका जाता है. बच्चे के बाल धोते समय हमेशा गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें. सबसे पहले बालों को गीला करें, उन पर शैम्पू लगाएं, अपने हाथों को धीरे से बालों और पूरे सिर पर घुमाते हुए शैम्पू का झाग आने दें और उसके बाद पानी से धो लें. बच्चे के सिर को अपनी ओर धीरे से पीछे झुकाकर उसकी आंखों में पानी जाने से बचाया जा सकता है.
एक अच्छा, माइल्ड शैम्पू बच्चे के बालों को कोमलता से साफ़ करता है, यह शैम्पू न केवल पानी से आसानी से धूल जाता है, बल्कि यह बच्चे की आंखों को भी नुक़सान नहीं पहुंचाता. जिनका पहला बच्चा होता है, वह अक्सर अपने बच्चे के बाल धोने से डरते हैं, लेकिन अगर कोई ऐसा शैम्पू मिले, जो कोमलता से साफ़ करता है और आंखों को नुक़सान नहीं पहुंचाता, तो बच्चे के बाल धोना काफ़ी आसान है. किसी भी बात की चिंता किए बिना, बच्चा और माता-पिता के लिए बच्चे के बाल धोना एक सुखद अनुभव बन सकता है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बच्चे के बाल मुलायम, चमकदार और साफ़ रहते हैं, उनमें एक ताज़गीभरी सुगंध हमेशा बनी रहती है.
बच्चे के बालों में तेल लगाएं
बच्चा अपने शुरूआती भावनात्मक रिश्ते शारीरिक स्पर्श से ही बनाता है, जो आगे चलकर उसके जीवन में भावनात्मक और बौद्धिक विकास की नींव भी रखता है. बच्चे के बालों के नीचे की त्वचा की देखभाल के लिए बेबी हेयर ऑयल का इस्तेमाल करना फ़ायदेमंद होता है. यह बच्चे को ख़ुश और स्वस्थ रखने के लिए महत्वपूर्ण संवेदनाओं को उत्तेजित करने में भी मदद करता है. इसके लिए बच्चे के माता-पिता को बच्चे के सिर पर पर्याप्त मात्रा में तेल लगाना चाहिए और बिना किसी दबाव के अपनी उंगलियों को चारों ओर घुमाकर धीरे से मालिश करनी चाहिए. यह विधि और उसके साथ माता-पिता का दुलार और नाज़ुक स्पर्श बच्चा और माता-पिता के बीच भावनात्मक बंधन को मज़बूत करते हैं. तेल मालिश किए जाने के दौरान बच्चा धीरे-धीरे शांत होकर सो भी जाता है.
ऐसा तेल चुनें, जो रोज़मर्रा के उपयोग के लिए हल्का हो. यह तेल चिकित्सकीय रूप से माइल्ड सिद्ध होना चाहिए, ताकि इससे बच्चे के सिर की नाज़ुक त्वचा को कोई परेशानी न हो. एक बहुत ही हल्के और नॉन-स्टिकी तेल का उपयोग करना सबसे अच्छा है. आजकल ऐसे बेबी हेयर ऑयल भी आते हैं, जिनमें एवोकाडो और प्रो-विटामिन बी5 होते हैं, जो बच्चे के बालों को मुलायम और स्वस्थ रखते हैं.
चूंकि बच्चे के बाल और सिर की त्वचा नाज़ुक होती है, इसलिए उनकी देखभाल धीरे-धीरे फिर भी प्रभावी ढंग से की जानी चाहिए. यह जानना भी ज़रूरी है कि बच्चे के सिर और बालों में तेल कैसे और कब लगाएं. नहाने से पहले बेबी हेयर ऑयल का इस्तेमाल करें, साथ ही जब भी बच्चे के सिर की त्वचा सूख जाए, तब हर बार उसमें तेल लगाएं. बच्चे के सिर की सूखी त्वचा पर तेल से धीरे-धीरे मालिश करें, ताकि वह मुलायम और स्वस्थ बनी रहें.
कंघी करना
अगर बच्चे के बाल घने और घुंघराले हैं, तो वह उलझ सकते हैं. गांठों और उलझनों को कम करने के लिए, दिन में कम से कम एक बार बड़े और मुलायम दांतोंवाली कंघी का उपयोग करके बच्चे के बालों में धीरे से कंघी करें. सिर की त्वचा पर कंघी का इस्तेमाल बहुत ही कोमलतापूर्वक करें, क्योंकि यह त्वचा संवेदनशील होती है. शैम्पू करने के बाद बाल जब गीले होते हैं, तब बच्चे को कंघी करना सबसे अच्छा होता है.
यह भी पढ़ें: सर्दियों में बच्चे की त्वचा की देखभाल के 5 स्मार्ट टिप्स (5 Ways To Care For Your Baby’s Skin In Winter)
आजकल कई माता-पिता स्टाइलिंग के लिए हेयर एक्सेसरीज़ और क्लिप्स का इस्तेमाल करते हैं. ऐसा करते समय, इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि बच्चे के बाल और सिर की त्वचा को चोट न पहुंचे. बच्चे के बाल और सिर की त्वचा नाजुक और संवेदनशील होती है यह बात कभी भी न भूलें.
ऊपर दिए गए निर्देशों का पालन करने से आपके बच्चे के बाल और सिर की त्वचा साफ़ और स्वस्थ रहेगी. बच्चों में आमतौर पर पाई जानेवाली क्रेडल कैप जैसी समस्याएं भी नहीं होंगी.
Photo Courtesy: Instagram