फिल्म एक्ट्रेस के तौर पर सक्सेसफुल करियर बनाने के बाद राजनीति में अपने काम का लोहा मनवाने वाली स्वर्गीय जयललिता के बारे में अब भी हर कोई जानना चाहता है. 24 फरवरी 1948 को जन्मी उस महान हस्ती ने 5 दिसंबर 2016 को आखिरी सांस ली थी. अपने जीवनकाल में उन्होंने मुख्यमंत्री के तौर पर ऐसे काम किए कि वो गरीबों के दिलों पर राज करने लगीं. तभी तो लोग उन्हें प्यार से अम्मा बुलाता थे. वो भले ही अब इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन हर किसी को ये सीख दे गईं, कि इंसान में अगर कुछ गर गुजरने का जज़्बा हो तो वो कुछ भी हासिल कर सकता है. आज हम आपको बताते हैं उनके जीवन से जुड़ी 10 ऐसी बातें, जिसके बारे में शायद ही आप जानते हों.
1. जन्म के एक साल बाद उनका नाम रखा गया था. इनके नाम के बारे में कहा जाता है कि उनका मैसूर में दो घर था, जिसमें से एक घर का नाम 'जय विलास' और 'ललिता विलास' था. उनके उसी दोनों घरों के नाम से जय और ललिता लेकर उनका नाम जय ललिता रखा गया था. उन्होंने मात्र 3 साल की उम्र में भारतीय शास्त्रीय नृत्य भरतनाट्यम सीखने की शुरुआत कर दी थी.
2. जयललिता को न तो एक्ट्रेस बनने में दिलचस्पी थी और न ही राजनीति में आने में कोई रूची थी. दरअसल वो अपने शुरुआती दिनों में वकील बनना चाहती थीं. लेकिन जयललिता की मां अभिनेत्री थीं, सो उन्होंने ही अपनी बेटी को मात्र 15 साल की उम्र में ही तमिल फिल्मों में काम करने की प्रेरणा दी. जयललिता ने जब एक्टिंग के क्षेत्र में कदम रखा तो वो स्टेट लेवल की टॉपर स्टूडेंट थीं.
3. जयललिता की पहली ही फिल्म बड़ी सुपरहिट साबित हुई, जिससे वो देखते ही देखते काफी ज्यादा फेमस हो गईं. उनकी पहली फिल्म 'केवल वयस्क' के रूप में रिलीज हुई थी. उन दिनों उनकी उम्र 18 साल से कम थी, जिसकी वजह से वो अपनी पहली फिल्म नहीं देख पाई थीं. जयललिता ने पूरे 85 फिल्मों में अभिनय किया था. इन सबके अलावा एक हिंदी फिल्म 'इज्जत' में भी उन्होंने काम किया था, जो हिट रही थी.
5. मुख्यमंत्री के तौर पर वेतन के रूप में वो केवल 1 रुपए लेती थीं. दरअसल जब उन्हें सीएम के तौर पर पहला वेतन चेक दिया गया था, तो उन्होंने ये कहकर लेने से इनकार कर दिया था कि उनके पास इनकम के कई श्रोत हैं. इसलिए वो वेतन नहीं लेना चाहती हैं. लेकिन जब उनसे ये कहा गया कि एक लोक सेवक के तौर पर उन्हें वेतन लेना चाहिए तो उन्होंने मात्र 1 रूपये लेने की बात स्वीकार की थी. उन्होंने अपने इस फैसले से जनता के दिलों को जीत लिया था.
6. जयललिता ने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान साल 1995 में अपने दत्तक पुत्र सुधाकरन की शादी की थी. उन्होंने अपने बेटे की शादी इतने भव्य तरीके की थी कि गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो गई. बता दें कि ये शादी चेन्नई में 50 एकड़ के ग्राउंड में आयोजित की गई थी, जिसमें 1.5 लाख से भी ज्यादा मेहमानों को इनवाइट किया गया था.
7. जयललिता एक बार दक्षिण भारत के कुंभ मेला में शामिल होने गई थीं, तो वहां पर उनकी एक झलक पाने के लिए बेताब लोगों की ऐसी भीड़ उमड़ी, कि भगदड़ मच गई और उस भगदड़ में 50 लोग अपनी जान गंवा बैठे थे.
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8. जयललिता ने एक उपन्यास भी लिखा था, जो तमिल भाषा में है. वैसे उन्हें अंग्रेजी किताबें पढ़ने का काफी ज्यादा शौक था. उनके बारे में बहुत कम लोग जानते थे कि वो काफी अच्छी हिंदी बोल लेती थीं. साल 2007 में इलाहाबाद में जब उन्होंने हिंदी में भाषण दिया तो उनके विरोधी काफी हैरान रह गए थे.
9. जयललिता को अंक ज्योतिष और ज्योतिष विद्या पर बहुत ज्यादा भरोसा था. वो अपने ज्यादातर फैसले शुभ समय देखकर लिया करती थीं. खासकर जब उन्हें कोई अहम फैसला लेना होता था तो वो ज्योतिष गणनाओं के आधार पर ही लेती थीं.
10. जयललिता क्रिकेट देखने की बहुत बड़ी शौकीन थीं. एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया था कि क्रिकेटर नारी कॉन्ट्रैक्टर उनके पहले क्रश थे. तो वहीं बॉलीवुड के जाने माने दिवंगत अभिनेता शम्मी कपूर उनके दूसरे क्रश थे. हालांकि शम्मी कपूर से वो कभी मिल नहीं पाई थीं.