बॉलीवुड इंडस्ट्री में जहां कई स्टारकिड्स फिल्मों में आसानी से काम पाकर स्टारडम हासिल कर चुके हैं, वहीं इंडस्ट्री के सबसे दिग्गज एक्टरों की लिस्ट में शुमार दिवंगत एक्टर अमरीश पुरी (Amrish Puri) के पोते वर्धन पुरी (Vardhan Puri) को उसी इंडस्ट्री में एक भी काम नहीं मिल पा रहा है. लाख कोशिश करने के बावजूद वर्धन काम पाने में असफल हो रहे हैं. ऐसे में उन्हें अपने दादाजी अमरीश पुरी (Amrish Puri) की याद सता रही है.
वर्धन पुरी (Vardhan Puri) को इंडस्ट्री में काम नहीं मिलने की वजह से वो काफी ज्यादा परेशान हैं. हैरानी की बात है कि अमरीश पुरी (Amrish Puri) जैसे महान कलाकार के पोते होने के बावजूद इंडस्ट्री में उनके लिए काम पाना नामुमकिन सा हो गया है. एक इंटरव्यू के दौरान वर्धन का ये दर्द छलक पड़ा.
ये तो हम भी अच्छे से जानते हैं कि अमरीश पुरी (Amrish Puri) ने हिंदी फिल्म जगत में जो अहम योगदान दिया है, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता. बॉलीवुड के सर्वश्रेष्ठ खलनायकों की लिस्ट में सबसे टॉप पर उन्हीं का नाम आता है. खासकर फिल्म 'मिस्टर इंडिया' में जो उन्होंने मोगेम्बो का किरदार निभाया था, उसने उन्हें इंडस्ट्री का अमर खलनायक बना दिया.
आज भले ही अमरीश पुरी (Amrish Puri) हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी अदाकारी ने जो लोगों के दिलों पर छाप छोड़ी है, वो कभी धुंधली नहीं पड़ सकती. जहां अमरीश पुरी (Amrish Puri) इंडस्ट्री के सबसे बेस्ट एक्टरों में से एक रहे, वहीं उनके बेटे राजीव पुरी (Rajiv Puri) ने लाइमलाइट से हमेशा खुद को दूर ही रखा. हां लेकिन अमरीश पुरी (Amrish Puri) का पोता उनकी राह पर चल पड़ा.
पिछले लंबे टाइम से अमरीश पुरी (Amrish Puri) के पोते वर्धन पुरी (Vardhan Puri) थियेटर से जुड़े हुए हैं. अब तक वर्धन ने 90 से ज्यादा स्टेज शोज किया है. उन्होंने बॉलीवुड में भी अपने किस्मत की आजमाइश की. साल 2019 में उन्होंने फिल्म 'ये साली आशिकी' से फिल्म में डेब्यू किया था, लेकिन अफसोस का बात ये रही कि उनकी ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से पिट गई थी. इस फिल्म के बाद वर्धन को इंडस्ट्री में एक भी काम नहीं मिला.
वर्धन पुरी (Vardhan Puri) ने अब एक इंटरव्यू के दौरान अपने इस दर्द को ज़ाहिर किया है. उन्होंने बताया कि इंडस्ट्री में उनके लिए काम पाना कितना मुश्किल हो गया है. अब तक (खबर लिखे जाने तक) वर्धन के पास एक भी काम के ऑफर नहीं हैं. ऐसे मुश्किल घड़ी में वर्धन को अपने दादाजी अमरीश पुरी (Amrish Puri) की याद सता रही है. उन्हें इंडस्ट्री में उनकी कमी काफी ज्यादा खल रही है.
वर्धन पुरी (Vardhan Puri) का मानना है कि आज अगर उनके दादाजी जीवित होते तो वो फिल्म निर्माताओं से उनके लिए जरूर बात करते और तब वर्धन को खुद को साबित करने के लिए इंडस्ट्री में एक मौका जरूर मिलता. हालांकि वर्धन ने अभी अपनी उम्मीद नहीं छोड़ी है. वो अपनी किस्मत डायरेक्शन के क्षेत्र में आजमाना चाहते हैं. वो अपने दादाजी अमरीश पुरी (Amrish Puri) की बायोपिक बनाना चाहते हैं, जिसके लिए उन्होंने अपने परिवार वालों से परमिशन भी ले ली है.