बिग बॉस 13 विनर और टीवी के पॉपुलर एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला की हार्ट अटैक से मौत की खबर से सब शॉक में हैं. 40 साल के सिद्धार्थ शुक्ला की फिटनेस को देखकर कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता था कि इतना हैंडसम, फिट और हमेशा खुश रहनेवाला व्यक्ति भी हार्ट अटैक से जान गंवा सकता है. आखिर युवा दिल कमज़ोर क्यों हो रहे हैं? क्यों ज़िंदगी इतनी छोटी होती जा रही है. वजह जानना ज़रूरी है, ताकि हम अलर्ट रहें, अपने और अपने परिवार वालों के दिल का ख्याल रखें, ताकि किसी फैमिली में ऐसी कोई अनहोनी न हो.
- युवा दिल पर क्यों बढ़ रहा है खतरा
न टाइम पर सोना, न टाइम पर उठना… न हेल्दी खाने की सुध, न हेल्दी बॉडी की… इस पर बेशुमार तनाव ने युवा दिलों को भी खतरे में डाल दिया है. - आजकल यंग जनरेशन कम उम्र में ही इतने बिजी हो गए हैं कि उनकी लाइफ का कोई रूटीन ही नहीं होता. उनकी लाइफस्टाइल बहुत ज़्यादा अनहेल्दी हो गई है, जिसका असर उनकी हेल्थ पर भी हो रहा है.
- युवाओं में बढ़ता स्ट्रेस भी उनके हार्ट के हेल्थ को प्रभावित कर रहा है. कल की चिंता में युवा आज इस हद तक परेशान है कि अपने आज को जीना भूल गया है और अपनी सेहत को अनदेखा कर रहा है.
- सब कुछ जल्दी से जल्दी पा लेने की होड़ सी मची है. कम उम्र में ज़्यादा पैसे कमाने की होड़ इस कदर बढ़ गई है कि वो दिनरात काम में जुटे रहते हैं. न समय पर सोना, न जगना, न ब्रेकफ़स्ट, न लंच और न डिनर. काम के इस प्रेशर से स्ट्रेस बढ़ता जाता है और अटैक का खतरा भी.
- यंग लोगों में स्मोकिंग और अल्कोहल का एडिक्शन भी पहले के मुकाबले बहुत बढ़ गया है. स्मोक-ड्रिंक करना उन्हें स्ट्रेस दूर करने का आसान तरीका लगने लगा है. डॉक्टरों के मुताबिक ये एडिक्शन युवाओं में कम उम्र में कार्डियोवस्कुलर डिसीज का कारण बन रहा है.
- लेट नाइट पार्टी और रेस्टॉरेंट्स में खाने का चलन भी बढ़ा है. लोग जंक फूड ज़्यादा खा रहे हैं, जिससे मोटापा और दूसरी बीमारियां बढ़ रही हैं और इसका सीधा प्रभाव सीधा दिल पर पड़ रहा है.
- सोशल मीडिया भी यंग जेनरेशन को अनहेल्दी बना रहा है. पहले जो वक्त लोग आउटडोर गेम्स खेलने में बिताते थे, वो अब मोबाइल और लैपटॉप पर बिताने लगे हैं. घन्टों मोबाइल और लैपटॉप देखना, देर रात तक दोस्तों से चैटिंग करना या वीडियोज़ देखना आज भले ही युवाओं को एन्जॉयमेंट लगता हो, लेकिन ये धीरे धीरे आपको बीमार करते जा रहा है.
- आजकल यंग जनरेशन में बॉडी बिल्डिंग का ट्रेंड भी बढ़ा है. सबको सिक्स पैक एब्स बनाना है. इसके लिए वो बिना अपनी बॉडी को समझे जिम में हैवी एक्सरसाइज कर रहे हैं. बिना डॉक्टर से पूछे सप्लीमेंट्स ले रहे हैं. ये भी उनके दिल को बीमार बना रहा है.
- इनएक्टिव लाइफस्टाइल भी युवाओं के दिल को कमज़ोर बना रही है. बढता स्ट्रेस, अनहेल्दी लाइफस्टाइल, गलत खान-पान और बिजी लाइफ इन सबके बीच न वो योगा-एक्सरसाइज के लिए टाइम निकाल पा रहे हैं, न वॉकिंग के लिए.
- आजकल रिश्ते भी स्ट्रेसफुल हो गए हैं. रिश्तों में प्यार की बजाय स्ट्रेस बढ़ गया है. बिगड़े रिश्ते भी दिल की धड़कन पर असर डाल रहे हैं.
इन लक्षणों को लेकर रहें अलर्ट
- अगर थोड़ा सा भी चलने-फिरने पर सांस फूलने लगे या थकान लगे तो इसे अनदेखा न करें.
- अगर अचानक सीने में भारीपन महसूस हो तो इसे गैस या एसिडिटी समझने की गलती न करें. ये हार्ट अटैक का लक्षण हो सकता है.
- अगर अचानक दांत में, गले या पीठ में भी तेज दर्द हो तो भी तुरन्त डॉक्टर को दिखाएं.
- कभी कभी ऐसे ही लगता है कि कुछ ठीक नहीं लग रहा, फीलिंग ऑफ अनवेल… ज़्यादा थकान सी महसूस होती है. तो ये भी हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है.
- बेहतर होगा कि शरीर में किसी भी लक्षण को इग्नोर न करें और तुरन्त डॉक्टर को कंसल्ट करें.
क्या करें?
- सबसे पहले अपने दिल से दोस्ती करें. ख़ुद से प्यार करना सीखें, ताकि आप अपना ज़्यादा से ज़्यादा ख़याल रखें.
- ये न सोचें कि आप यंग हैं, तो सेफ हैं और अपनी बॉडी के साथ चाहे जो कर सकते हैं. इसलिए अपनी हेल्थ का खास ख्याल रखें.
- हाई कोलेस्ट्रॉल कोरोनरी हार्ट डिसीज़ के ख़तरे को बढा देता है, इसलिए कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में रखें और नियमित जांच कराते रहें.
- स्मोकिंग और अल्कोहल को ना कहें. हालांकि स्मोकिंग पुरुषों में हृदय रोग का बड़ा कारण है, लेकिन ये महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करता है. शोधों से भी ये बात साबित हो चुकी है कि स्मोक करनेवाले लोगों में आकस्मिक हार्ट अटैक का ख़तरा दोगुना होता है.
- नियमित एक्सरसाइज़, योग या मॉर्निंग वॉक की आदत डालें. इससे डायबिटीज़ का ख़तरा भी कम हो जाता है, जो हार्ट अटैक का एक बड़ा कारण है.
- जंक फूड आपके दिल को नुकसान पहुंचाते हैं, इसलिए जंक फूड छोड़कर हेल्दी डायट लें, ताकि आपके कोलेस्ट्रॉल का स्तर संतुलन में रहे.
- वज़न पर काबू रखें. यदि आपका वज़न अधिक है तो आपके हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे हार्ट डिसीज़ का रिस्क बढ जाता है.
- एक्सपर्ट्स स्ट्रेस को हार्ट अटैक की मुख्य वजह मानते हैं. इसलिए स्ट्रेस से दूर रहें. स्ट्रेस मैनेजमेंट का कोई हेल्दी तरीका सीखा सीखें. हेल्दी डायट और लाइफस्टाइल आपके स्ट्रेस लेवल को कम करने में मदद करेगी.
- भले ही कोई लक्षण नज़र न आए, लेकिन फिर भी समय-समय पर अपना पूरा टेस्ट कराते रहें, ताकि रोग की कोई संभावना होने पर समय रहते उसका इलाज कराया जा सके.
- कई बार दिल के दौरे के संकेत बहुत हल्के होते हैं, लेकिन इन संकेतों को आम समझकर अस्पताल जाने में देरी न करें. जल्दी से जल्दी इलाज कराएं, ताकि कोई ब्लॉकेज आदि होने पर उसे क्लियर किया जा सके.
- 2 डी इको, लिपिड प्रोफाइल, डायबिटीज़ आदि कुछ आसानी से किए जा सकने वाले टेस्ट हैं, जिनसे आप अपने दिल की सेहत का जायज़ा ले सकती हैं.
चेकअप कराना कब ज़रूरी है?
- आपकी उम्र से 30 वर्ष से अधिक है.
- काम करते वक़्त आपकी सांसें फूलने लगती हैं.
- वज़न औसत से 10 से 15 किलो अधिक हो.
- आपको डायबिटीज़, कोलेस्ट्रॉल या उच्च रक्तचाप की शिकायत है.
- आप अपने ऑफिस में स्ट्रेस से जूझ रहे हैं.
- पेट पर चर्बी का जमाव ज़्यादा हो और कमर की चौड़ाई 80 सें.मी. से अधिक हो.
- आपके परिवार में किसी को हार्ट डिसीज़, डायबिटीज़ या हाई ब्लडप्रेशर की शिकायत है.
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