करीना कपूर, ऐश्वर्या राय, लारा दत्ता जैसी अभिनेत्रियों ने 30 की उम्र के बाद मां बनकर साबित कर दिया है कि यदि सही देखभाल की जाए, तो इस उम्र में भी स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया जा सकता है… और यही सोच अब आम महिलाओं में भी देखने को मिल रही है… इसीलिए अब लेट मदरहुड का चलन तेज़ी से बढ़ने लगा है.
आधुनिक ज़माने की करियर ओरिएंटेड महिलाएं अपने करियर को नई ऊंचाई देने की चाह में ज़िंदगी की बाकी चीज़ों को पीछे छोड़ती जा रही हैं. यही वजह है कि आजकल शादी की उम्र बढ़ती जा रही है. इतना ही नहीं, देर से शादी करने के बावजूद महिलाएं बच्चे की प्लानिंग में भी जल्दबाज़ी नहीं करतीं. करियर में पूरी तरह सेटल होने के बाद ही वो बच्चे के बारे में सोचती हैं, ताकि अपने बच्चे को अच्छी परवरिश, समय और हर सुविधा दे सकें.
- इंदौर की रहने वाली 32 वर्षीय स्वाति श्रीवास्तव ने 31 साल की उम्र में बेबी प्लान किया और पिछले महीनेे उनकी डिलिवरी हुई. मां और बच्चा दोनों पूरी तरह स्वस्थ है. स्वाति कहती हैं, “इस उम्र में मैं बच्चे की ज़िम्मेदारी उठाने के लिए पूरी तरह से तैयार थी, क्योंकि में आर्थिक रूप से भी आत्मनिर्भर हो चुकी थी. मेरा मानना है कि करियर के शुरुआती दौर में शादी तक तो ठीक है, लेकिन बच्चे के बारे में प्लान नहीं करना चाहिए.”
- पेशे से प्रोफेसर कोलकाता की 30 वर्षीय गार्गी बासु कहती हैं, “एक निश्चित समय के बाद ही बच्चे की प्लानिंग करना सही होता है, क्योंकि तब तक महिलाएं मानसिक व आर्थिक रूप से बच्चे के लिए तैयार हो जाती हैं. 30 के बाद बेबी प्लान करने से हमें बच्चे के फ्यूचर की टेंशन नहीं होती.” ये तो चंद उदाहरण हैं, लेकिन आज की ज़्यादातर महिलाएं करियर में सेटल होने के बाद ही मां बनना चाहती हैं और यही वजह है कि अब मिड एज मॉम का चलन बढ़ता ही जा रहा है.
- लेट मदरहुड से जुड़ी ग़लफहमियां
आमतौर पर बड़ी उम्र में मां बनने को लेकर महिलाओं में कई तरह की ग़लतफहमियां हैं, जैसे- 30 के बाद मां बनने से बच्चा मानसिक और शारीरिक रूप से अपंग हो जाता है, मिसकैरेज की संभावना ज़्यादा होती है आदि. चाइल्ड बर्थ एज्युकेटर डॉ. रीता शाह मानती हैं कि यदि सही देखभाल की जाए, तो 30 के बाद भी महिलाएं स्वस्थ बच्चे को जन्म देने में सक्षम हैं. अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी पूरे नौ महीने डॉ. रीता शाह की देखरेख में रही थीं. डॉ. रीता शाह के मुताबिक- - 30 से 40 साल के बीच मां बनने पर किसी भी तरह की परेशानी नहीं होती.
- इस उम्र में महिलाएं अपना ज़्यादा ख़्याल रखती हैं.
- उम्र के इस पड़ाव पर महिलाएं मानसिक और आर्थिक रूप से मज़बूत हो जाती हैं.
- इस उम्र में महिलाएं परिपक्व हो जाती हैं, जिससे वो अपनी प्रेग्नेंसी को लेकर बहुत सचेत रहती हैं.
- चाहे वो सेलिब्रिटी हो या फिर आम महिला इस उम्र में वो ज़्यादा जागरूक हो जाती हैं और चीज़ों को अच्छी तरह फॉलो करती हैं.
- मेडिकल साइंस में तरक़्क़ी की बदौलत प्रेग्नेंसी में आने वाली छोटी-मोटी दिक्क़तों को मिनटों में दूर किया जा सकता है.
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लेट मदरहुड से होने वाली परेशानियां
भले ही आजकल करियर के चलते महिलाएं बड़ी उम्र में मां बन रही हैं, लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि 30 साल के बाद बेबी प्लान करने से प्रेग्नेंसी में कई तरह की परेशानियां आती हैं. ज़्यादातर डॉक्टर्स आज भी मां बनने की सही उम्र 20 से 30 साल तक ही मानते हैं. शिल्पा शेट्टी की डिलिवरी कराने वाली डॉ. किरण एस कोएलो के अनुसार, “18 से 26 साल की उम्र मां बनने के लिए आइडियल है. 30 के बाद ज़्यादा कॉम्प्लीकेशन्स होती हैं, इसलिए 30 के बाद मां बनने की सलाह नहीं देनी चाहिए. बड़ी उम्र में बच्चे की प्लानिंग से मां और बच्चे दोनों को ख़तरा हो सकता है. डॉ. किरण एस कोएलो के मुताबिक-
- इस उम्र में प्रेग्नेंसी होने पर शारीरिक रूप से अस्वस्थ मां के बच्चे को कई तरह की समस्या, जैसे शारीरिक कमज़ोरी और समय से पहले डिलिवरी हो सकती है.
- क्रोमोज़ोम अब्नॉर्मलिटी, मिसकैरेज या डिलिवरी के समय ऑपरेशन की संभावना बढ़ जाती है.
- कई बार महिलाओं की शारीरिक क्षमता को देखते हुए पूरे नौ महीने बेडरेस्ट की सलाह दी जाती है, परेशानी होने पर ऑपरेशन भी करना पड़ता है.
- ऐसे केसेस में ज़रा-सी भी लापरवाही बच्चे के लिए हानिकारक साबित हो सकती है.
- सही देखभाल न हो तो प्रेग्नेंट महिला को हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज़ की शिकायत हो सकती है. ज़ाहिर है, इससे प्रेग्नेंसी के दौरान कॉम्प्लिकेशन्स बढ़ जाते हैं.
चाइल्ड बर्थ एज्युकेटर डॉ. रीता शाह ने मिड एज मॉम के लिए बताए ये हेल्दी टिप्स:
- इस उम्र में गर्भधारण करने वाली महिलाओं को ज़्यादा आराम करना चाहिए.
- किसी भी तरह की परेशानी या तनाव से बचने की कोशिश करें
- इस उम्र में प्रेग्नेंसी होने पर अच्छे और अनुभवीे डॉक्टर की मदद लें. जिसने पहले भी इस तरह के केस हैंडल किए हों.
- खानपान पर विशेष ध्यान दें. किसी तरह की कोई लापरवाही परेशानी का कारण बन सकती है.
- हर तरह से अपना और आने वाले बच्चे का ख़्याल रखें.
- भागदौड़ वाले काम बंद कर दें.
- अच्छे डॉक्टर की देखरेख में प्रतिदिन एक्सरसाइज़ करें.