जामुन को सबसे अधिक मधुमेह यानी डायबिटीज़ को कंट्रोल करने के लिए जाना जाता है. जामुन में आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन, फाइबर और कार्बोहाइड्रेड प्रचुर मात्रा होता है, इस कारण ये बच्चों की सेहत के लिए भी काफ़ी अच्छा है. जामुन पाचन क्रिया को ठीक रखने, दांत, आंख, पेट संबंधी समस्याओं को दूर करने के साथ-साथ किडनी स्टोन के लिए भी बेहद फ़ायदेमंद है.
घरेलू नुस्ख़े
- डायबिटीज़ वाले जामुन की 100 ग्राम जड़ को साफ़ करके उसे 250 मि. ली. पानी में पीस लें. इसमें 20 ग्राम मिश्री डालकर सुबह-शाम भोजन से पहले पीएं. 300-500 मि. ग्रा. जामुन के बीज को सूखाकर उसका चूर्ण बनाकर दिनभर में तीन बार लेने से भी डायबिटीज़ फ़ायदा होता है. या फिर 250 ग्राम जामुन के पके हुए फलों को 500 मि. ली. उबलते हुए पानी में डालें. कुछ देर उबलने के बाद ठंडा करके मसलकर कपड़े से छान लें. इस जूस को हर रोज़ तीन बार पीएं.
- बार-बार उल्टी होने पर आम व जामुन के पत्तों को 20-20 ग्राम की मात्रा में लें. इसे 400 मि. ली. पानी में उबालें. जब एक चौथाई बच जाए, तब इसे ठंडा करके पीएं.
- अगर गले की कोई बीमारी है, तो हर रोज़ 10-15 मि. ली. जामुन का रस पीएं. साथ ही जामुन के पेड़ की छाल का चूर्ण बनाकर शहद मिलाकर लेने से भी गले के दर्द में लाभ मिलता है.
- लिवर में सूजन है, तो 10 मि. ली. जामुन की गुठली का रस लें. अगर जामुन का सिरका भी हर रोज़ 10 मि. ली. सेवन करें, तो लिवर के बढ़ने के विकार में फ़ायदा होता है.
- आंखें दुखती हैं या फिर आंखों से जुड़ी कोई समस्या है, तो 15-20 जामुन के पत्तों को 400 मि. ली. पानी में उबाल लें. जब वह एक चौथाई बच जाए, तब इससे आंखों को धोएं.
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- पथरी या किडनी स्टोन की तकलीफ़ में जामुन रामबाण इलाज है. पके हुए जामुन को खाने से पथरी गल कर निकल जाती है. साथ ही 10 मि. ली. जामुन के रस में सेंधा नमक मिलाकर प्रतिदिन 2-3 बार पीने से मूत्राशय में रहनेवाली पथरी भी टूटकर बाहर निकल जाती है.
- मोतियाबिन्द में जामुन की गुठली के चूर्ण को शहद में मिलाकर छोटी-छोटी गोलियां बना लें. रोज़ सुबह-शाम दो गोली खाएं. इन्हीं गोलियों में थोड़ा शहद मिलाकर काजल की तरह आंखों में लगाएं, इससे भी लाभ होगा.
- कान से पस निकलने पर जामुन की गुठली को शहद में अच्छी तरह से डुबोकर कान में एक दो बूंद डालें.
- पायरिया या दांत संबंधी किसी समस्या में जामुन के पत्तों की राख बनाकर मंजन की तरह रगड़ें. इसके अलावा जामुन के पके हुए फलों के रस को मुंह में भरकर अच्छी तरह हिलाकर कुल्ला करने से भी पायरिया की समस्या दूर होती है.
- डायरिया में भी जामुन फ़ायदेमंद है. जामुन के पत्तों का रस बनाकर 100 मि. ली. बकरी के दूध 5-10 मि. ली. की मात्रा में मिलाकर पीएं.
- गठिया के दर्द को कम करने के लिए जामुन की जड़ को उबालकर पीस लें. इसे जोड़ों पर रगड़ने से दर्द में लाभ मिलता है.
- पेचिश में जामुन की छाल का 10 मि. ली. जूस निकालकर 10 मि. ली. बकरी के दूध के साथ सेवन करें. इसके अलावा जामुन के पेड़ की छाल का चूर्ण बनाकर उसमें दो चम्मच शहद मिलाएं. इसे पाव लीटर दूध के साथ लें. यदि जामुन के पेड़ की छाल को 500 मि. ली. पानी में पकाकर जब एक चौथाई रह जाए, तब उसे पीएं. इससे भी पेचिश में फ़ायदा होता है.
- बवासीर या पाइल्स होने पर जामुन के 20 मि. ली. जूस में शक्कर मिलाकर दिन में तीन बार लें.
- पीलिया होने पर 10-15 मि. ली. जामुन के रस में दो चम्मच शहद मिलाकर पीएं. इससे पीलिया के अलावा खून की कमी व रक्त-विकार में भी फ़ायदा होता है.
- सिफलिस रोग में प्रभावित हिस्से में जामुन के पत्तों से पकाया हुआ तेल लगाएं.
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- त्वचा के विकारों, जैसे- दाद, खुजली में जामुन के रस को लगाने से आराम मिलता है.
- घाव होने जामुन के पेड़ की छाल को बारीक़ पीसकर घाव पर छिड़कने से घाव तुरंत भर जाता है या फिर जामुन के तने को उबालकर काढ़ा बना लें. इससे घाव को धोने से भी घाव जल्दी ठीक होते हैं.
- जूतों के कारण पैर में ज़ख़्म हो जाए, तो जामुन की गुठली को पानी में पीसकर लगाएं.
- जामुन के 8-10 पत्तों को पीसकर लेप करने से आग से जला बना सफ़ेद दाग़ मिट जाता है.
सुपर टीप
मुंह में छाले होने पर जामुन के पत्तों के रस से कुल्ला करने से फ़ायदा होता है.
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