"अब तो ख़ुश है न… तेरी बेटी तो आज सातवें आसमान में है... जा ज़रा ऑक्सीमीटर से उसका ऑक्सीजन नाप आ…"
"आज तो सौ पार कर गया होगा मां… ज़रूरत नहीं है लेने की..." "उसका क्या हमारा भी सौ ही आएगा… अरे, पड़ा कहां है आजकल मुआ ऑक्सीमीटर..." अपनी सासू मां की बात सुनकर यामिनी हंसते हुए वहां से चली गई.
"दादीईईईई..." नव्या चिल्लाई, तो सब उसके कमरे की ओर भागे. नवल ने दरवाज़ा खटखटाते हुए "नव्या… नव्या!" की आवाज़ लगाई, तो वहीं यामिनी "क्या हुआ..." कहकर दौड़ी. "क्या हुआ… ये चिल्लाई क्यों?" गोदावरी भी आशंकित स्वर में पूछती हुई पोती नव्या के कमरे के बाहर आई कि तभी दरवाज़ा खुला. कानों तक फैली नव्या की मुस्कान देखकर मम्मी-पापा ने राहत की सांस ली और गोदावरी उसे डपटते हुए बोली, "ऐसे क्यों चिल्लाई, हमारी तो जान ही अटक गई थी." "जान तो दुश्मनों की भी न अटके आप तो मेरी प्यारी दादी हो… अरे अभी-अभी मुझे केक का पहला ऑर्डर मिला है और इसका सारा क्रेडिट आपको दादी…" वह गोदावरी के झुर्रीदार गालों को चूमते हुए बोली. "कॉन्ग्रेचुलेशन…" वेलडन और बधाई के बीच वह ख़ासा उत्साहित थी. गोदावरी अपने कमरे में आई, तो बहू यामिनी को तिपाई पर दूध का ग्लास रखते हुए देख बोली, "अब तो ख़ुश है न… तेरी बेटी तो आज सातवें आसमान में है... जा ज़रा ऑक्सीमीटर से उसका ऑक्सीजन नाप आ…" "आज तो सौ पार कर गया होगा मां… ज़रूरत नहीं है लेने की..." "उसका क्या हमारा भी सौ ही आएगा… अरे, पड़ा कहां है आजकल मुआ ऑक्सीमीटर..." अपनी सासू मां की बात सुनकर यामिनी हंसते हुए वहां से चली गई. आराम कुर्सी पर बैठकर दूध का घूंट लेते हुए गोदावरी की आंखों के सामने वह दिन घूम गया, जब वह यहीं पर बैठी आत्मचिन्तन कर रही थी. देश-दुनिया के कोरोना से बिगड़े हालात पर घर के सदस्यों को हर पल यही दहशत रहती कि क्या होगा?.. न्यूज़ चैनल पर दहशत फैलाती ख़बरें और सोशल मीडिया पर रोज़ किसी-न-किसी को श्रद्धांजलि देती पोस्ट सब के मनोबल को तोड़ रही थी. डरे-सहमे और आशंकित तो सब थे, पर नव्या पर इसका गहरा असर हुआ था. यह भी पढ़ें: स्पिरिचुअल पैरेंटिंग: आज के मॉडर्न पैरेंट्स ऐसे बना सकते हैं अपने बच्चों को उत्तम संतान (How Modern Parents Can Connect With The Concept Of Spiritual Parenting) उसकी उंगलियां रिमोट पर सिर्फ़ न्यूज़ चैनल का बटन दबाती… इस न्यूज़ चैनल से उस न्यूज़ चैनल फिर-फिर आती, पर हर जगह भय का वातावरण निर्मित करती ख़बरें सुनकर निराशा ही हाथ लगती... और फिर वही सब बातें वह सबको बतलाकर वह सबका ब्लड प्रेशर बढ़ाती. "आज मेरे फलाने फ्रेंड को कोरोना हो गया… तो आज अलाने फ्रेंड की फैमिली को ऑक्सीजन के लिए दर-दर भटकना पड़ा..." अगला भाग कल इसी समय यानी ३ बजे पढ़ें... मीनू त्रिपाठी अधिक शॉर्ट स्टोरीज के लिए यहाँ क्लिक करें – SHORT STORIES
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