2016: भारतीय खेल के टॉप 5 विवाद (2016: top 5 controversies of indian sports)
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साल 2016 को जल्द ही हम अलविदा कह देंगे. इस साल में कई घटनाएं हुईं. आइए, हम आपको बताते हैं कि खेल की दुनिया में क्या कुछ विवादास्पद घटा. ऐसी 5 घटनाएं, जिन्होंने भारतीय खेल और खिलाड़ियों को कटघरे में खड़ा कर दिया.नरसिंह यादव
2015 में नरसिंह ने लास वेगास में विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर भारत के लिए ओलंपिक कोटा हासिल किया था, विवादों की जड़ थी उस समय कुश्ती संघ की ओर से कहा जाना कि कोटा देश का होता है, खिलाड़ी का नहीं. ऐसे मे खिलाड़ी का फैसला बाद में होगा. 74 किलो वर्ग में नरसिंह थे. इसी वर्ग में सुशील कुमार अभ्यास कर रहे थे. जब तय हुआ कि फेडरेशन सुशील को नहीं भेजेगा, तो वो अदालत चले गए. अदालत का फैसला भी नरसिंह के पक्ष में आया. इस बीच नरसिंह सोनीपत में हुए डोप टेस्ट में दोषी पाए गए. तमाम राजनीतिक दबाव के बीच उन्हें नाडा ने बरी किया. लेकिन रियो में वाडा पैनल ने चार साल का बैन उन पर लगा दिया. 2016 का साल नरसिंह कभी नहीं भूल पाएंगे.
हॉकी प्लेयर सरदार सिंह
2016 में हॉकी की ओर से सरदार सिंह पर एक ब्रिटिश मूल की लड़की के साथ रेप की ख़बरों ने तहलका मचा दिया था. इसके चलते ही रियो ओलिंपिक में सरदार को कप्तान नहीं बनाया गया. सरदार सिंह के कारण हॉकी को 2016 में अदालत के कटघरे में खड़ा होना पड़ा.
पेस-बोपन्ना
आमतौर पर लिएंडर पेस इस तरह के विवादों से बचते हैं, लेकिन 2016 में उन्होंने इसकी परवाह किए बग़ैर एक सीनियर प्लेयर होने के बावजूद रोहन मामले में अपनी तीखी प्रतिक्रिया दिखाई, रियो ओलिंपिक में जाने के लिए जहां दूसरे खिलाड़ी तैयारियों में व्यस्त थे, वहीं भारत के लिएंडर पेस बोपन्ना के साथ नहीं खेलने को लेकर दुनिया के हॉट न्यूज़ में शामिल थे. इन दोनों का विवाद ओलिंपिक गेम पर पड़ा और भारत को कोई भी मेडल नहीं मिला. इंटरनेशनल लेवल पर इसकी काफ़ी आलोचना हुई.
ओपी जैशा का आरोप
ओपी जैशा ने पूरे खेल जगत को अपने आरोपों से हिला दिया. उन्होंने कहा कि मैराथन के दौरान उन्हें पानी नहीं दिया गया. कोई भारतीय स्टॉल पर नहीं था. जैशा बेहद गरीब घर से आई हैं. उनके आरोपों को गंभीरता से लिया गया. लेकिन बाद में पाया गया कि आरोप सच नहीं हैं. नियमों के मुताबिक स्टॉल पर पानी था.
आईओए का कलमाड़ी सिलेक्शन
साल के ख़त्म होते-होते आईओए ने एक ऐसा फैसला देश के सामने रखा, जिसने खेल जगत को ही हिलाकर रख दिया. ये फैसला था सुरेश कलमाड़ी को आईओए का आजीवन अध्यक्ष बनाना. ये जानते हुए कि सुरेश कलमाड़ी पर 2010 कॉमवेल्थ गेम्स में भ्रष्टाचार का आरोप है.