कोरोना संक्रमण से स्वस्थ हुए लोगों पर अब ब्लैक फंगस का खतरा मंडराने लगा है. देश भर में इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इस बीमारी से कुछ मरीजों की जान जा चुकी है तो कुछ को अपनी आंखें गंवानी पड़ रही हैं. क्या है ये नई बीमारी, क्या है इसके लक्षण और ट्रीटमेंट, आइये जानते हैं.
क्या है ब्लैक फंगस?
ये एक तरह का दुर्लभ फंगल इंफेक्शन है, जो शरीर में बहुत तेजी से फैलता है. इससे आंखों की रोशनी चली जाती है. कई मामलों में मरीज़ की मौत भी हो रही हैं. जिन लोगों की इम्युनिटी कमज़ोर है, उनमें ये संक्रमण तेजी से फैल रहा है. कोरोना से ठीक हुए मरीजों को खास एहतियात बरतने की जरूरत है
ब्लैक फंगस: ज़रूरी फैक्ट्स
- यह फंगस शरीर में बहुत तेजी से फैलता है. यह इंफेक्शन उन लोगों को ज़्यादा चपेट में ले रहा है जिन लोगों को कोरोना संक्रमण से पहले दूसरी बीमारियां भी थीं.
- ब्लैक फंगस ऐसे लोगों पर खासतौर पर असर डालता है, जिनकी इम्युनिटी कमजोर होती है. स्ट्रॉन्ग इम्युनिटी वाले लोगों को इस बीमारी का खतरा कम है.
- डॉक्टर्स का कहना है कि इस इंफेक्शन के मामले अस्पताल में भर्ती या फिर ठीक हो चुके कोरोना के मरीजों में ज्यादा देखने को मिल रही है.
- स्टेरॉयड का अधिक प्रयोग होने से ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ जाता है.
ब्लैक फंगस के लक्षण
अगर आप में भी ये लक्षण दिखें तो तुरन्त ट्रीटमेंट कराएं.
- आंख-नाक में दर्द या लाल होना.
- बुखार, सिर दर्द, खांसी, सांस लेने में तकलीफ.
- आंखों से पानी आना, आंखों के मूवमेंट का बंद हो जाना, आंखों में दर्द के साथ धुंधला दिखाई देना.
- नाक जाम होना, आंखों और गालों पर सूजन या पूरे चेहरे पर सूजन.
- कई बार नाक पर काली पपड़ी जमने लग जाती है.
- खून की उल्टी
- त्वचा पर चकत्ते
- एक्सपर्ट्स के अनुसार यह इंफेक्शन नाक से शुरू होकर ऊपरी जबड़े तक जाता है और फिर दिमाग तक पहुंच जाता है.
किन लोगों को है ज़्यादा खतरा
- जिन लोगों का डायबिटीज बहुत ज्यादा बढ़ा होता है.
- ज्यादा स्टेरॉयड का इस्तेमाल वाले.
- आईसीयू में ज्यादा दिनों तक रहने वाले
- पहले से कई बीमारियों से जूझ रहे लोगों में इसका खतरा ज्यादा होता है.
बचाव के लिए क्या करें
- इससे बचने के लिए एक्सपर्ट्स मास्क पहनने की सलाह देते हैं.
- खेत या मिट्टी वाला कोई काम करते हैं तो जूते, लंबे बाजू के शर्ट, फुल पैंट और ग्लव्स पहन कर करें.
- साफ-सफाई का पूरा ख्याल रखें.
- एम्बुलेंस, अस्पताल आदि में आक्सीजन मास्क नया लगाएं.
- किसी के द्वारा इस्तेमाल किया मास्क दुबारा न लगाएं.
- अगर आप कोरोना से स्वस्थ होकर लौटे हैं तो अपने ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखें.
- स्टेरॉयड का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह पर ही करें.
- धूल वाली जगह पर जाएं तो मास्क ज़रूर पहनें.
इन बातों को भी जानें
- नाक बंद होने के सभी मामलों को बैक्टीरियल इंफेक्शन न समझें.
- ट्रीटमेंट में बिल्कुल भी देरी न करें. जितनी जल्दी हो सके, डॉक्टरी परामर्श लें.
- एंटीबायोटिक व एंटीफंगल दवाओं का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह पर करें.
- अस्पताल में ज्यादा दिन और ज्यादा स्टेरॉयड का मतलब है ब्लैक फंगस का ज्यादा खतरा.
अगर म्यूकोरमाइसिस बीमारी है का समय रहते पता चल जाए तो इलाज संभव है. इसका एक यह है इलाज कि लक्षणों को जल्द से जल्द पहचानें और डॉक्टर से संपर्क करें. कोविड से लड़कर आए लोगों को खासतौर पर इसके लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए. कुछ डॉक्टरों की मानें तो एक बार अगर इंफेक्शन दिमाग तक पहुंच गया तो फिर कोई इलाज कारगर नहीं.