वेक एंड स्ट्रेच
1. डाउन डॉग- अधो मुख स्वानासन - ज़मीन पर पेट के बल सीधे लेट जाएं. - दोनों हथेलियों को सीने के पास लाकर ऊपर की ओर उठें. - कूल्हे को ज़मीन से उठाएं, ताकि शरीर का आकार वी शेप जैसा बन जाए. - अब दोनों पैरों की ओर देखें. - सामान्य अवस्था में आ जाएं. फ़ायदे: मस्तिष्क का विकास होता है, श्वसन प्रणाली को बेहतर बनाता है, शरीर के ऊपरी हिस्से को मज़बूत बनाने के साथ-साथ थकान भी दूर करता है.प्राणायाम
1. ॐ का उच्चारण - सुखासन में बैठ जाएं. - हाथों को ज्ञानमुद्रा में रखें या फिर दोनों हथेलियों को प्रार्थना की मुद्रा में जोड़ें. - लंबी सांस लेकर ॐ का उच्चारण करते हुए सांस छोड़ें. - 3-5 बार दोहराएं. फ़ायदे: इससे मस्तिष्क में ऑक्सीजन से भरपूर रक्तसंचार बढ़ जाता है. उनमें ध्यान लगाने की शक्ति का विकास होता है.पेशेंस प्लीज़
1. हमिंग बी- ब्राह्मरी - सुखासन में बैठें. - आंखें बंद करके सांस लें और कानों में उंगली डालकर ङ्गहम्मम की आवाज़ से सांस छोड़ें. फ़ायदे: ग़ुस्से और थकान के कारण होनेवाले तनाव को कम करता है, वोकल कॉर्ड्स को मज़बूत बनाता है, नींद की कमी को दूर भगाता है और बॉडी टिश्यूज़ को हील करने की प्रक्रिया को तेज़ करता है. 2. टीज़ अप- शितकारी शीतली प्राणायाम - सुखासन या पद्मासन में बैठें. - जीभ को दोनों तरफ़ से रोल करके ट्यूब जैसा बनाएं. अगर आप जीभ को रोल नहीं कर पा रहे हैं, तो मुंह से छोटा ओ बनाएं. - जीभ से सांस लें और नाक से सांस छोड़ें. - 5-10 बार अपनी सुविधानुसार यह क्रिया दोहराएं. फ़ायदे: यह आसन ब्लड को प्यूरिफाई करके बच्चों को मानसिक व शारीरिक रूप से शांत बनाता है. 3. ट्री पोज़- एकपदासन - सीधे खड़े हो जाएं. - दाएं पैर को घुटने से मोड़कर बाएं पैर के घुटने के ऊपर या नीचे चित्रानुसार रखें. - आप चाहें, तो दो बच्चों को अगल-बगल में खड़ा करके एक-दूसरे के हाथों को पकड़कर यह आसन करने के लिए प्रेरित करें. फ़ायदे: यह बच्चों में एकाग्रता, आत्मविश्वास और संतुलन को बढ़ाता है. यह आसन पैरों को मज़बूत बनाता है. यह भी पढ़ें: 5 सुपर इफेक्टिव योगासन वेट लॉस के लिए यह भी पढ़ें: 5 आम रोग, 5 ईज़ी योगकॉन्फिडेंस व बैलेंस के लिए
1. बो पोज़- धनुरासन - पेट के बल सीधे लेट जाएं और दोनों हाथों को सीधा रखें. - दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर लंबी सांस लें और सीने को ऊपर उठाएं. - दोनों हाथों से दोनों पैरों की एड़ियों को पकड़ें, जिससे चित्रानुसार धनुष का आकार बन जाएगा. - सांस छोड़कर पहलेवाली स्थिति में आ जाएं. फ़ायदे: इससे सीने, कंधों, बांहों, पेट और जांघों की अच्छी स्ट्रेचिंग हो जाती है. यह आसन पीठ व पैरों की मांसपेशियों को मज़बूत बनाकर बॉडी पोश्चर को सही रखता है और पाचनशक्ति भी बढ़ाता है.क्रिएटिविटी बढाने के लिए
1. टीपॉट पोज़- नटराजासन - सीधे खड़े हो जाएं. - दाएं पैर को घुटने से मोड़कर दाएं हाथ से पकड़ें. - बाएं हाथ को कोहनी से मोड़कर चित्रानुसार टीपॉट का शेप बनाएं. फ़ायदे: पैरों, कूल्हों और गर्दन को मज़बूत और फ्लेक्सिबल बनाता है. रीढ़ की हड्डी को भी मज़बूत बनाता है. इस पोश्चर से बच्चे डांस के नए-नए स्टेप्स ख़ुद बनाना सीखते हैं, जिससे उनकी क्रिएटिव थिंकिंग का भी विकास होता है.रॉक एंड रोल
1. स्टार पोज़- उत्थिट ताड़ासन - सीधे खड़े हो जाएं. - दोनों हाथों और पैरों को दाईंं या बाईं ओर झुकते हुए इस तरह फैलाएं कि चित्रानुसार स्टार शेप बने. - सामान्य रूप से सांस लेते रहें. 2-4 बार यही क्रिया दोहराएं. फ़ायदे: इससे वॉकिंग, बैलेंसिंग और रोलिंग जैसी फिज़िकल एक्टिविटीज़ और भी बेहतर होती है. 2. स्नेक पोज़- भुजंगासन - पेट के बल सीधे लेट जाएं. दोनों हथेलियों को सीने के पास रखें. - सांस लेकर सिर, कंधे और सीने को चित्रानुसार ऊपर की ओर उठाएं. - सांस छोड़ते हुए सिर को नीचे लाएं और थोड़ी देर रिलैक्स करें. फ़ायदे: इस आसन से हाथ की मांसपेशियां मज़बूत होती हैं, जिससे बच्चों को लेखन में काफ़ी मदद मिलती है. बच्चों की रीढ़ की हड्डी और पीठ भी मज़बूत बनती है. साथ ही यह आसन पाचनक्रिया को बेहतर बनाकर फेफड़ों को मज़बूत बनाता है. 3. फॉलिंग स्टार पोज़- त्रिकोणासन - सीधे खड़े होकर सांस अंदर लें. - दोनों पैरों के बीच दूरी बनाते हुए सांस छोड़ें. - दोनों हाथों को ऊपर उठाकर बाईं ओर झुकें. - दाएं हाथ से बाएं पैर को छुएं और बाईं हथेली की ओर देखें. थोड़ी देर इसी अवस्था में रहें, फिर पहलेवाली स्थिति में आ जाएं. - यही क्रिया दाईं ओर भी दोहराएं. फ़ायदे: यह बॉडी स्ट्रेचिंग के लिए बहुत अच्छा आसन है. इससे हाथ, पैर, कूल्हे, रीढ़ की हड्डी, सीना आदि मज़बूत होते हैं. यह नर्वस सिस्टम को बेहतर बनाता है.बैलेंसिंग आर्ट के लिए
1. ऑस्ट्रिच पोज़ - सीधे खड़े हो जाएं. दोनों पैरों के बीच थोड़ा अंतर रखें. - कमर से आगे की तरफ़ थोड़ा झुकें और दोनों हाथों को पीछे की ओर रखकर उंगलियों को हिलाएं. - धीरे-धीरे पैरों की उंगलियों पर खड़े होने की कोशिश करें और अब इसी पोज़ में ऑस्ट्रिच की तरह दौड़कर एक चक्कर लगाएं. फ़ायदे: यह आसन बच्चों में एकाग्रता और ध्यान बढ़ाता है, साथ ही उन्हें अपने कार्यों में संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है. ऑस्ट्रिच की तरह दौड़ने से उनका तनाव दूर होता है. सौजन्य: योगाज़ू फाउंडर्स: रविंदर कौर व जसमीत कौर- अनीता सिंह
बच्चों के मानसिक, शारीरिक, बौद्धिक विकास के लिए देखें ये योग वीडियो:
https://www.youtube.com/watch?v=5qex47ctvmI
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