ज़ोमैटो डिलीवरी बॉय केस ने देर से ही सही लोगों को ये सोचने पर मजबूर किया है कि दिनभर घर-घर जाकर खाना पहुंचाने वाले इन डिलीवरी बॉयज़ की समस्याएं क्या हैं. 15 मिनट की देरी से डिलीवरी बॉय की नौकरी छिन जाना क्या सही है?
ज़ोमैटो डिलीवरी बॉय केस में महिला चाहती थी कि फूड की डिलीवरी देरी से होने के कारण डिलीवरी बॉय उसे फ़ूड मुफ्त में दे दे. दूसरी तरफ डिलीवरी बॉय की समस्या ये थी कि यदि उसे पैसे न मिले, तो ये पैसे उसे अपनी जेब से भरने पड़ेंगे, इसीलिए उसने खाना वापस मांगा और ये मामला नेशनल न्यूज़ बन गया.
बता दें कि बेंगलुरु में कामराज नाम के एक डिलीवरी ब्वॉय की नौकरी सिर्फ इसलिए चली गई, क्योंकि उसे फूड पहुंचाने में 15 मिनट देरी हो गई. फ़ूड जिस महिला ने मंगाया था, उसने देरी की वजह से फ़ूड फ्री देने को कहा और पैसे देने से इनकार कर दिया. डिलीवरी बॉय को ये डर था कि यदि उसे पैसे नहीं मिले, तो ये पैसे उसे अपनी जेब से भरने पड़ेंगे, इसीलिए उसने खाना वापस मांगा. इसके बाद महिला ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर किया कि डिलीवरी बॉय कामराज ने उसके नाक पर मुक्का मारा और वो बुरी तरह से जख्मी हो गई हैं.
अच्छी बात ये है कि डिलीवरी बॉय कामराज के समर्थन में आम लोगों के साथ ही परिणीति चोपड़ा जैसे फिल्म स्टार भी आए और उसे न्याय दिलाने की मांग की. ये मामला अब नेशनल न्यूज़ बन चुका है और डिलीवरी बॉय कामराज को पूरे देश का समर्थन मिल रहा है.
इस मुद्दे ने लोगों को एक बार फिर ये सोचने पर मजबूर किया है कि 15 मिनट की देरी से डिलीवरी बॉय की नौकरी छिन जाना क्या सही है? क्या सरकार को और ऑनलाइन फ़ूड डिलीवरी करने वाली कंपनियों को इन डिलीवरी बॉयज़ की नौकरी की सुरक्षा को लेकर उचित नियम नहीं बनाने चाहिए? इस बारे में आपकी क्या राय है?
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