शिशु व बहुत छोटे बच्चे, जो अपनी तकलीफ़ बता भी नहीं सकते, जब उन्हें कोई रोग हो जाए, तो माता-पिता परेशान हो जाते हैं. बच्चे को लगातार रोते देखकर उन्हें कई बार समझ नहीं आता कि आखिर बच्चे को क्या तकलीफ़ हो रही है. हम आपको बता रहे हैं बच्चो के आम रोगों के 72 घरेलू उपाय, जो आपके बच्चे को रोग से जल्दी राहत देंगे.
यदि बच्चे को बुखार हो जाए
बच्चे को बुखार होने पर माता-पिता बेचैन हो जाते हैं. यदि आपके यदि बच्चे को बुखार हो जाए, तो ये घरेलू उपाय बच्चे को तुरंत आराम पहुंचाएंगे.
1) काली मिर्च के 125 मि.ग्रा. पाउडर में तुलसी का रस और शहद मिलाकर बच्चे को दिन में तीन बार दें. बच्चे को बुख़ार से राहत मिलेगी.
2) बुख़ार तेज़ हो तो प्याज़ को बारीक़ काटकर पेट और सिर पर रखें. बुख़ार कम होने लगेगा.
3) बुख़ार में सिरदर्द हो तो गरम पानी या दूध में सोंठ पाउडर मिलाकर सिर पर लेप करें या जायफल में पीसकर लगाएं.
4) बुख़ार में पसीना अधिक हो, हाथ-पैरों में ठंड लगे तो सोंठ पाउडर को हल्के हाथों से लगाएं. आराम मिलेगा.
यदि बच्चे को गैस की समस्या हो जाए
अक्सर शिशु जब दूध पीता है, तो दूध के साथ बहुत सारी हवा भी निगल लेता है. यह हवा ही शिशु के पेट की गैस है. पेट में गैस हो जाने से शिशु असहज महसूस करने लगता है और रोने लगता है. पेट में गैस होने से शिशु ठीक से दूध नहीं पी पाता, सो नहीं पाता, बस रोता रहता है. ऐसे में ये घरेलू नुस्ख़े अपनाकर आप अपने बच्चे को गैस की समस्या से राहत दिला सकती हैं.
5) सबसे पहले शिशु को गैस की समस्या से बचाने के लिए दूध पिलाने के बाद उसे डकार ज़रूर दिलाएं. इसके लिए दूध पिलाने के बाद शिशु को अपने कंधे से लगाएं और दूसरे हाथ से उसकी पीठ थपथपाएं. ये शिशु को डकार दिलाने का सबसे आसान तरीक़ा है.
6) हींग को भूनकर उसे पानी में घिसकर बच्चे की नाभि के चारों ओर लेप करें.
7) एक चम्मच लहसुन के रस में आधा चम्मच घी मिलाकर बच्चे को पिलाएं. तुरंत गैस से राहत मिलेगी.
8) ज़रा-सी हींग पाउडर को घी में मिलाकर बच्चे को पिलाने से गैस से राहत मिलेगी.
9) जीरा या अजवायन को पीसकर पेट पर लेप करने से शिशु को गैस की समस्या से राहत मिलेगी.
यदि बच्चे के पेट में कीड़े हो जाएं
बच्चों के पेट में कीड़े एक आम समस्या है, लेकिन कई लोगों को इसकी जानकारी नहीं होती. यदि बच्चे के पेट में कीड़े हों, तो ये घरेलू उपाय बच्चे को आराम पहुंचाएंगे.
10) बच्चे को काले जीरे का पाउडर शहद में मिलाकर चटाने से कीड़े मर जाते हैं.
11) बच्चे को अजवायन के तीन दाने के साथ पान खिलाएं, इससे कीड़े मर जाते हैं.
12) बच्चे को दो चम्मच अनार का जूस पिलाने से पेट में पनप रहे कीड़े मर जाते हैं.
13) करेले का जूस निकालकर उसे गुनगुने पानी के साथ पिलाने से बच्चे के पेट के कीड़े मर जाते हैं.
14) 10-10 ग्राम नीम की पत्तियों का रस और शहद मिलाकर बच्चे को दिन में 3-4 बार पिलाएं. ऐसा करने से बच्चे के पेट के कीड़े मर जाते हैं.
15) सौंफ का पाउडर कपड़े से छानकर 1/4 टेबलस्पून शहद के साथ बच्चे को सुबह-शाम चटाएं.
यदि बच्चे को दस्त हों
दस्त होने पर बच्चे को डीहाइड्रेशन की तकलीफ हो सकती है और बच्चा कमजोर हो सकता है इसलिए बच्चे को दस्त होने पर तुरंत ये घरेलू उपाय करें.
16) मीठे सेब का रस कपड़े से छानकर समय-समय पर पिलाने से मोशन्स (दस्त) रुक जाते हैं और ख़ून व शरीर में लिक्विड की कमी भी दूर हो जाती है.
17) बच्चे को फलों का रस, सब्ज़ियों का रस और पानी थोड़ी-थोड़ी देर में पिलाएं. इससे बच्चे को कमज़ोरी नहीं होगी.
18) अगर बच्चे को लगातार पतली दस्त हो रही हो तो 1 ग्राम खसखस पीसकर 10 ग्राम दही में मिलाकर देने से दस्त की तकलीफ़ दूर होती है.
19) दस्त हो रहा हो तो भी बच्चे का दूध बंद न करें, बल्कि साथ-साथ नारियल पानी, अनार का रस, सेब का रस और नींबू पानी दें.
20) सोंठ का चूर्ण 125 मि.ग्रा. की मात्रा में गुड़ में मिलाकर देने से बच्चे को दस्त से राहत मिलती है.
21) जौ का पानी और अंडे की सफेदी को घोलकर बार-बार थोड़ा-थोड़ा बच्चे को पिलाते रहने से लाभ होता है.
22) यदि शिशु बार-बार हरे रंग के दस्त करता है, तो थोड़ा-सा एरंडी का तेल यानी कैस्टर ऑयल चटाएं.
23) सौंफ और सोंठ का काढ़ा बनाकर शिशु को 1-2 चम्मच की मात्रा में पिलाएं.
24) जायफल घिसकर शहद के साथ बच्चे को सुबह-शाम चटाएं.
यदि बच्चा बिस्तर में पेशाब करे
कई बच्चे बड़ी उम्र में भी बिस्तर में पेशाब करते हैं, जिसके कारण माता-पिता बच्चे को दोस्तों व रिश्तेदारों के घर ले जाने से कतराते हैं. बच्चा बिस्तर में पेशाब न करे इसके लिए ये घरेलू उपाय करें.
25) बच्चा यदि रोज़ाना बेड पर पेशाब करने लगे तो उसे छुहारा खिलाएं.
26) थोड़े बड़े होने पर भी बेड पर पेशाब करने वाले बच्चों को नियमित रूप से दो अखरोट और 10-12 किशमिश खिलाने से उनकी आदत छूट जाएगी.
27) बच्चों को 15-20 दिनों तक सोते समय एक टीस्पून शहद चटाने से यह आदत छूट जाती है.
28) छुहारे को बारीक पीसकर चटाने से या खिलाने से बिस्तर में पेशाब करने की आदत छूट जाती है.
यदि शिशु को नैपकिन रैश हो जाएं
नवजात शिशु को नैपकिन रैश हो जाना आम बात है, ऐसे में ये घरेलू उपाय आपके बच्चे को नैपकिन रैश से जल्दी ही आराम पहुंचाएंगे.
29) लहसुन की 8-10 कलियों का रस निकालकर 4 गुना पानी में मिलाकर रैश वाले स्थान को धोएं.
30) तुलसी के पत्तों का रस निकालकर या उसके पत्तों को पीसकर उसका लेप लगाने से नैपकिन रैश में राहत मिलती है.
31) मक्खन में हल्दी मिलाकर उसका लेप करने से लाभ होगा.
32) हरी दूब को अच्छी तरह पीसकर लेप करने से भी बच्चों को नैपकिन रैश में राहत मिलती है.
यदि बच्चे को सर्दी-ज़ुकाम हो जाए
मौसम बदलते ही बच्चों को अक्सर सर्दी-ज़ुकाम की तकलीफ हो जाती है. ऐसे में इन घरेलू उपायों पर अमल करने से बच्चों को खांसी-ज़ुकाम से तुरंत राहत मिलती है.
33) रात में सोते समय तुलसी का रस बच्चे की नाक, कान और माथे पर मलें.
34) बच्चे की छाती में कफ जम जाए तो थोड़ा-सा गाय का घी मलें. कफ पिघलकर बाहर आ जाएगा.
35) आधा इंच अदरक व 1 ग्राम तेजपत्ता को एक कप पानी में भिगोकर काढ़ा बनाएं. इसमें एक चम्मच मिश्री मिलाकर 1-1 चम्मच की मात्रा में तीन बार पिलाएं. दो दिन में ही खांसी-ज़ुकाम ठीक हो जाएगा.
36) थोड़ा-सा सरसों का तेल रोज़ाना बच्चे की छाती और गुदा पर लगाएं, जल्द आराम मिलेगा.
37) थोड़ा-सा सोंठ का चूूर्ण गुड़ व घी के साथ मिलाकर चटाने से बच्चे की खांसी-ज़ुकाम ठीक होता है.
38) आधा चम्मच तुलसी के रस में आधा चम्मच शहद मिलाकर दिन में तीन बार बच्चे को पिलाएं. सर्दी-खांसी में आराम मिलेगा.
39) बादाम की 5 गिरी, 5 मुनक्का और 5 काली मिर्च- इन्हें मिश्री के साथ पीसकर गोली बना लें. 4-4 घंटे पर एक गोली बच्चे को चूसने को दें. इससे खांसी दूर हो जाएगी.
40) बड़ी इलायची का पाउडर 2-2 ग्राम दिन में तीन बार पानी के साथ पिलाने से बच्चे को खांसी से आराम मिलता है.
यदि नवजात शिशु को ठंड लग जाए
सर्दियों में नवजात शिशु को ठंड लग जाए तो वह बहुत बेचैन हो जाता है. नवजात शिशु को ठंड लग जाने पर ये घरेलू उपाय करें और शिशु को ठंड से बचाएं.
41) यदि नवजात शिशु को ठंड लग जाए, तो रात में सोते समय तुलसी का रस उसकी नाक, कान और माथे पर मलें. ऐसा करने से शिशु को जल्दी ही आराम मिलेगा.
42) ठंड लग जाने पर नवजात शिशु को शहद चटाएं. इससे उसे राहत मिलेगी.
43) ठंड लग जाने पर या ठंड के मौसम में शिशु के सोने वाली जगह के आस-पास कपड़े की पोटली में प्याज़ को कुचल कर बांध कर रख दें. ऐसा करने से शिशु को आराम मिलेगा.
44) ठंड के मौसम में कभी-कभी कुनकुने पानी में नीम की पत्तियां उबालकर शिशु को उससे स्पंज करें.
45) नहलाने से पहले शहद में नींबू का रस निचोड़कर बच्चे की छाती पर मलें. यह बच्चे को सर्दी से बचाने के लिए कवच की तरह काम करेगा.
46) नवजात शिशु के शरीर पर हल्के हाथों से राई के तेल की मालिश करके कम से कम कपड़े पहनाकर सुबह के समय गुलाबी धूप में थोड़ी देर सुलाएं. इससे बच्चे को कभी भी सर्दी नहीं होगी और न कभी न्यूमोनिया होगा.
यदि बच्चे को खसरा हो जाए
बच्चे को खसरा हो जाने पर उसे बहुत तकलीफ होती है और बच्चे को परेशान देखकर माता-पिता भी बेचैन हो जाते हैं. बच्चे को खसरा होने पर ये घरेलू उपाय करें.
47) खसरों के दानों में खुजली और जलन होने पर चंदन को पत्थर पर घिसकर लेप लगाएं.
48) 100 ग्राम नारियल के तेल में 20 ग्राम कपूर मिलाकर शरीर पर तीन-चार बार लगाएं. इससे खसरे में राहत मिलती है.
49) खसरा निकलने के कारण अगर शरीर में खुजली या जलन हो तो सूखे आंवले को पानी में उबालकर, उसे ठंडा कर लें और फिर उसमें कपड़ा भिगोकर शरीर में फेरें. बच्चे को आराम मिलेगा.
50) आंवले को पीसकर उसका लेप लगाने से भी लाभ होता है.
51) एक लीटर पानी उबालें. 250 मि.ली. पानी शेष रहने पर उतार कर और ठंडा कर बच्चे को थोड़ा-थोड़ा पिलाएं. इससे खसरे मेें बार-बार लगने वाली प्यास शांत होगी.
52) ब्राह्मी के रस में शहद मिलाकर पिलाने से भी लाभ होता है.
बच्चे के दांत निकलने पर
बच्चों को दांत निकलते समय तकलीफ होती है, जिसके चलते बच्चे जो चीज़ सामने आए उसे मुंह में डालते हैं. बच्चों के दांत आसानी से निकलें इसके लिए ये घरेलू उपाय करें.
53) कच्चे आंवले या कच्ची हल्दी का रस मसूड़ों पर मलने से दांत आसानी से निकलते हैं.
54) अनार के रस में तुलसी का रस मिलाकर बच्चे को चटाने से दांत आसानी से निकल आते हैं.
55) शहद में सुहागा पीसकर मसूड़ों पर मलने से दांत आराम से निकलतेें हैं.
56) भुना हुआ सुहागा और मुलहठी 2-2 ग्राम बारीक पीसकर बच्चों के मसू़ड़ोेंं पर एक हफ्ते तक मलने से दांत आसानी से निकल आते हैं.
यदि बच्चे को मतली हो तो
58) मतली की समस्या होने पर 1-1 टीस्पून अदरक का रस, नींबू का रस और शहद को मिलाकर बच्चे को चटाएं.
59) आधा-आधा टीस्पून अदरक व प्याज़ का रस मिलाकर बच्चे को पिलाएं.
60) चुटकीभर अजवायन और लौंग का चूर्ण शहद के साथ मिलाकर बच्चे को चटाएं.
61) छोटी इलायची को भूनकर उसका चूर्ण बनाएं. चुटकीभर चूर्ण आधा चम्मच नींबू के रस में मिलाकर बच्चे को खिलाएं.
62) इलायची के छिलकों को जलाकर उसकी भस्म चटाने से भी मतली में लाभ होता है.
यदि बच्चा नींद में डरता हो तो
63) सर्दी के मौसम में 1 से 2 ग्राम सौंफ पानी में उबालकर छान लें. इसे रात को सोने से पहले बच्चे को पिला दें. इससे नींद में डरने की शिकायत दूर होगी.
64) गर्मी के मौसम में छोटी इलायची का एक ग्राम अर्क सौंफ के उबले हुए पानी के साथ पिलाएं. नींद में डरने की आदत छूट जाएगी.
65) बच्चे को रात में सोने से दो घंटा पहले खाना खिला दें, ताकि उसका खाना भलीभांति पच जाए.
यदि बच्चा तुतलाता हो तो
66) बड़े बच्चे को रोज़ाना सुबह आंवला चबाने को दें और रात को सोते समय एक टीस्पून आंवला पाउडर कुनकुने पानी के साथ दें.
67) यदि 2-3 साल का होने के बाद भी बच्चा तुतलाए, तो ब्राह्मी के हरे पत्ते (अगर वह खा सके तो) खिलाएं. इससे जीभ का मोटापन व कड़ापन दूर होगा और वह साफ़ बोलने लगेगा.
यदि बच्चे को कब्ज़ हो
68) नीम के तेल का फाहा बच्चे के गुदामार्ग में लगाने से कब्ज़ की शिकायत दूर होती है.
69) रात को भिगोए हुए छुहारे का पानी बच्चे को आवश्यकतानुसार 3-4 बार पिलाएं. इससे कब्ज़ की शिकायत दूर होगी.
70) बड़ी हरड़ को पानी के साथ घिसकर उसमें मूंग के दाने के बराबर काला नमक मिलाएं. इसे कुछ गुनगुना करके आवश्यकतानुसार दिन में 2-3 बार दें. अवश्य लाभ होगा.
यदि बच्चे की हिचकी हो तो
71) अदरक की 2-3 बूंद रस में चुटकी भर पीसी हुई सोंठ, काली मिर्च और दो बूंद नींबू का रस मिलाकर बच्चे को चटाएं, तुरंत आराम मिलेगा.
72) नारियल के ऊपर का भाग (जटा) जलाकर उसकी थोड़ी-सी राख 1-3 ग्राम पानी में घोलकर उसे छानकर बच्चे को पिलाने से हिचकी बंद हो जाती है.