प्रियंका चोपड़ा की बुक 'अनफिनिश्ड' पिछले काफी समय से चर्चा में हैं और काफी पसंद भी की जा रही है. अपनी इस किताब की पॉपुलैरिटी को देखते हुए और लोगों की मांग पर अब उनकी ये किताब हिंदी में भी उपलब्ध है. उनकी इस किताब का हिंदी में ट्रांसलेशन किया गया है और ये किताब हिंदी में 'अभी बाकी है सफर' टाइटल से उपलब्ध है. यानी अब हिंदी पढ़ने और हिंदी समझने वाले भी प्रियंका की लाइफ के कुछ सीक्रेट्स को पढ़ पाएंगे.
जैसा कि सब जानते हैं इस किताब में प्रियंका ने अपनी ज़िंदगी के कई राज खोले हैं. किताब में प्रियंका ने पर्सनल से लेकर प्रोफेशनल लाइफ तक के बारे में कई खुलासे किए हैं. सेक्सिजम से लेकर रेसिज्म तक, फैमिली से लेकर लव स्टोरी तक, प्रियंका ने अपनी इस किताब में अपनी जिंदगी से जुड़े कई बड़े खुलासे किए हैं. आइए आज हम आपको उनकी किताब के 7 सबसे सनसनीखेज खुलासों के बारे में बताते हैं.
जब डायरेक्टर ने दी 'ब्रेस्ट सर्जरी' कराने की सलाह
प्रियंका ने अपनी किताब में उस डायरेक्टर का खुलासा भी किया है, जिसने उन्हें 'बूब जॉब' की सलाह दी थी. उस डायरेक्टर ने प्रियंका के लुक को लेकर भी कुछ बातें बोली थीं और प्लास्टिक सर्जरी करवाने की सलाह दे दी थी. प्रियंका ने लिखा है, 'जब मैं डायरेक्टर से मिली तो शुरुआती बातचीत के बाद उन्होंने मुझे खड़े होकर घूमने के लिए कहा. मैंने ऐसा किया. वह काफी समय तक मुझे घूरते रहे और फिर उन्होंने कहा कि अगर मुझे एक्ट्रेस बनना है तो मुझे ब्रेस्ट की सर्जरी करवानी चाहिए. इसके अलावा अपनी जॉ लाइन और बट का आकार भी ठीक करवाना चाहिए.' प्रियंका ने खुलासा किया है कि उस डायरेक्टर से मीटिंग के बाद वो काफी हैरान थीं और अपनी बॉडी को लेकर उनमें इन्फीरियर कॉम्प्लेक्स भी आ गया था.
टीनएज में ही हो चुका है प्रियंका का हार्ट ब्रेक, बॉयफ्रेंड संग पकड़ी भी गई थीं
किसने सोचा होगा कि प्रियंका का 14 साल की उम्र में ही हार्ट ब्रेक भी हो चुका है, लेकिन प्रियंका ने खुद अपनी किताब में अपने टीनएज लव और हार्ट ब्रेक का खुलासा किया है. दरअसल तब प्रियंका की उम्र 13 साल रही होगी और वो पढ़ाई के लिए अमेरिका चली गई थीं, जहां वो अपनी मौसी किरण के साथ रहती थीं. वहीं 9वीं क्लास में प्रियंका ने बॉब नाम के एक लड़के को डेट करना शुरू कर दिया, जो उस समय 10वीं क्लास में था. एक दिन अपनी मौसी की गैरमौजूदगी में पीसी ने बॉब को घर बुला लिया. दोनों एक-दूसरे को किस करने वाले ही थे कि प्रियंका की मौसी आ गईं और उन्हें अपने बॉयफ्रेंड बॉब को अलमारी में छिपाना पड़ा. हालांकि बाद में प्रियंका की ये चोरी पकड़ी गई और ये बात उनकी मां तक भी पहुंची. इस इंसिडेंस के साथ ही पीसी ने किताब में ये भी बताया है कि किस तरह बॉब बाद में उनकी ही एक फ्रेंड को डेट करने लगा और उनका दिल तोड़ दिया.
जब लोगों ने उन्हें कहा 'प्लास्टिक चोपड़ा'
प्रियंका ने अपनी इस किताब में नाक की सर्जरी के बारे में खुलकर बताया है. प्रियंका ने उस समय की बात की है जब उन्होंने अपनी नाक की प्लास्टिक सर्जरी कराई थी और सर्जरी में गड़बड़ी होने के कारण वो मजाक का मुद्दा बनकर रह गई थीं प्रियंका ने बताया कि दरअसल उनकी नाक की नेजल केविटी में पॉलिप मिला था, जिसे हटाना था और यह सिर्फ सर्जरी से ही हट सकता था. ''मैं पॉलिप के लिए सर्जरी कराने गई तो डॉक्टर से गलती से मेरी नाक की ब्राइड हट गई, जिसकी वजह से नाक का ब्रिज डैमेज हो गया. जब सर्जरी के बाद मैंने शीशे में खुद को देखा तो डर गई. मेरी असली नाक गायब ही हो चुकी थी. इससे पहले ही मैं टूट गई थी, उस पर मुझे ज़्यादा तकलीफ इस बात से हुई कि मेरी नाक की सर्जरी पब्लिक अफेयर बन चुकी थी. लोग मुझे प्लास्टिक चोपड़ा बुलाने लगे थे. इससे मेरी प्रोफेशनल लाइफ पर असर हो रहा था. लेकिन सही समय पर मैं इससे भी उबर गई.
जब डायरेक्टर ने कहा, चड्ढियां तो दिखनी ही चाहिए. नहीं तो लोग पिक्चर क्यों देखने आएंगे?
प्रियंका ने अपनी इस किताब में एक सॉन्ग की शूटिंग के दौरान डायरेक्टर द्वारा उनके कपड़े उतरवाने की बात का भी जिक्र किया है. दरअसल प्रियंका एक सॉन्ग की शूटिंग कर रही थी. ये बेहद सिडक्टिव सॉन्ग था, जिसमें उनको एक-एक करके अपने कपड़े उतारना था. इस शूट के लिए प्रियंका एक्स्ट्रा बॉडी लेयर पहनना चाहती थीं, ताकि उनकी स्किन न दिख सके. 'लेकिन जब मैंने इस बारे में डायरेक्टर ने पूछा तो उन्होंने कहा कि जो भी हो, चड्ढियां तो दिखनी ही चाहिए. नहीं तो लोग पिक्चर क्यों देखने आएंगे? मुझे ये बात इतनी बुरी लगी कि मैंने ये फ़िल्म छोड़ने को फैसला कर लिया. लेकिन मेरे को-स्टार सलमान खान ने डायरेक्टर बात की, इसके बाद वो मेरी शर्तों पर शूट करने के लिए तैयार हो गए. यह मेरे लिए बहुत ही अजीब अनुभव था.
जब प्रियंका के डॉक्टर पिता ने बचाई सेना के एक जवान की जान
प्रियंका अपने पिता की काफी क्लोज़ थीं और अपने पिता से वो बहुत ज़्यादा प्रभावित थीं. अपने बुक में भी उन्होंने कई जगह अपने पिता लेफ्टिनेंट कर्नल अशोक चोपड़ा के बारे में काफी कुछ लिखा है. एक चैप्टर में उन्होंने खुलासा किया है कि जब उनके पिता लेह में पोस्टेड थे, तब उन्होंने किस तरह एक जवान की जान बचाई थी. जब डॉ चोपड़ा लेह में पोस्टेड थे तब सेना के एक जवान को इमरजेंसी ट्रीटमेंट के लिए उनके पास लाया गया. उसके सर पर गोली लगी थी और उसके बचने के चांसेस बहुत कम थे. उस जवान ने डॉ चोपड़ा से कहा कि अगर मैं नहीं बच पाया तो मेरी फैमिली को बता देना कि मैं देश की सेवा करते हुए शहीद हो गया. इस पर डॉ चोपड़ा ने कहा कि आप अपनी कहानी खुद उन्हें बताओगे. और सच में उन्होंने उस जवान को बचा लिया. इसके बाद जब प्रियंका चोपड़ा के पिता का निधन हुआ तो उनके चौथे में वो जवान आया था. उसने बताया कि उसने अब तक वो बुलेट संभालकर रखा है, जो डॉ चोपड़ा ने उसके सर से निकाला था. प्रियंका ने इस पूरी घटना को इतने अच्छे से व्यक्त किया है कि पढ़ते हुए आंख भर आती है.
जब प्रियंका अपनी मां से नफरत करने लगी थीं
प्रियंका के नखरों से तंग आकर प्रियंका के पेरेंट्स ने उन्हें बोर्डिंग स्कूल में भेज दिया था. इस वजह से वो अपनी मां से नफरत भी करने लगी थीं. प्रियंका ने अपने किताब में बताया है कि जब वो बोर्डिंग स्कूल से वापस आतीं और अपनी मां से मिलतीं तो वो उन्हें ज़िंदगी की सबसे बड़ी खुशी लगती. लेकिन जब वापस जाना होता तो खूब रोतीं. प्रियंका ने बताया कि बाद में उन्हें अपना बोर्डिंग स्कूल अच्छा लगने लगा था. वहां उन्होंने डिसिप्लीन सीखा और फ्रेंड्स भी बनाए.
पिता की बीमारी में रियल हीरो बने रितिक रोशन
अपनी किताब में प्रियंका ने ऋतिक रोशन को सुपर हीरो कहा है. प्रियंका ने बताया कि जब उनके पिता डॉ अशोक चोपड़ा को अपनी गंभीर बीमारी का पता चला, तो इस मेडिकल क्राइसिस के दौरान ऋतिक उनके सबसे बड़े सपोर्ट थे. प्रियंका ने बताया कि उनके पिता को ट्रीटमेंट के लिए अर्जेटली लंदन ले जाना था. ऐसे में ऋतिक ने इंडिया में अपने कनेक्शन का इस्तेमाल करके उनके पिता की लंदन के लिए तत्काल फ्लाइट की व्यवस्था की. ऋतिक की वजह से डॉ चोपड़ा को लंदन शिफ्ट किया जा सका और उनका ट्रीटमेंट व सर्जरी की गई और उनकी जान बच गई. इतना ही नहीं उनके पिता राकेश रोशन ने बोस्टन में भी उनके परिवार की मदद की थी. प्रियंका ने ऋतिक को सुपर हीरो लिखा है और उनके प्रति आभार जताते हुए लिखा, 'मुझे नहीं लगता उनके मदद के बिना हमारे पिता वहां तक पहुंच पाते. मैं उनकी जीवन भर आभारी हूं.'