क्या आप भी अपने करियर को लेकर परेशान हैं. समझ नहीं आ रहा है कि किस दिशा में आगे बढ़ें? तो अब टेंशन की टोकरी को अपने सिर से उतार फेंकिए और बनिए करियर कोच. जी हां, इस फील्ड में करियर बनाकर आप न केवल अपना, बल्कि दूसरों का भविष्य भी सुधार सकते हैं. कैसे? आइए, हम बताते हैं.क्या है ये करियर कोचिंग
आम बोलचाल की भाषा में इसे आप करियर कॉउंसलिंग कह सकते हैं. एक ऐसा कॉउंसलर जो लोगों को आगे बढ़ने की दिशा दिखता है. एक ऐसा टीचर जो आपके ही विकल्पों में से के ऐसा सुझाव देता है, जिससे आपके करियर की गाड़ी आगे बढ़ जाती है. तो आप भी अब इसमें करियर बनाकर बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं.
एज्युकेशनल स्किल
इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए १२वीं पास होना बहुत ज़रूरी है. हो सके तो १२वीं में साइकोलॉजी ज़रूर लें. १२वीं करने के बाद साइकोलॉजी से ग्रेजुएशन करें। इसके बाद गाइडेंस और काउंसलिंग में पीजी डिप्लोमा करें। आगे आप पोस्ट ग्रेजुएट और डॉक्टरेट भी कर सकते हैं.
पर्सनल स्किल
शिक्षा जगत की पूरी जानकारी रखें। कब क्या नया हो रहा है, उसकी पूरी अपडेट रखे.
कम्युनिकेशन स्किल बेहतरीन होनी चाहिए.
पेशेंस का होना बहुत ज़रूरी है.
दूसरों को समझाने की कला आनी चाहिए.
अपनी पर्सनालिटी से लोगों को सम्मोहित करना आना चाहिए.
कॉन्फिडेंस का होना बहुत ज़रूरी है.
सैलरी पैकेज
स्टार्टिंग में आपको १२-१५ हज़ार मिलते हैं. कुछ ही महीनों में ये पैकेज बढ़कर ३५ हो जाता है. इतना ही नहीं अनुभव बढ़ने के साथ-साथ आप अपना ख़ुद का क्लिनिक शुरू करके ज़्यादा से ज़्यादा काम सकते हैं.
करियर ऑप्शन
करियर कोच के ऑप्शन बहुत है. कॉर्पोरेट कंपनी, मल्टी नेशनल कंपनी, इंस्टिट्यूट्स, स्कूल्स आदि जगहों पर आप नौकरी कर सकते हैं.
पैसे से ज़्यादा करियर पर करें फोकस
वैसे तो सभी ये चाहते हैं कि वो ऐसी नौकरी करें, जिसमें बहुत पैसा हो, ये सही भी है, लेकिन इस फील्ड में हमेशा एक बात का ध्यान रखें कि हो सकता है कि आपके पास कोई ऐसा भी स्टूडेंट आये, जो आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है. ऐसे में आपका फ़र्ज़ बनता है कि आप पैसे की चिंता किए बग़ैर उसका करियर संवारें.