और कोई दिन होता, तो रश्मि यह सुनकर फूली ना समाती. आज सेक्रेटरी के कारण उसका ग़ुस्सा बढ़ता ही जा रहा था, पर वह धैर्य रखने की… मां की सीख पर अमल करते हुए शांत ही रही.
रजनी ने अपने पति पवन का लंच बॉक्स खोला, तो देखा केले की सब्ज़ी जस का तस रखा था उसने रोटी खा ली थी.
आए… हाय… फिर रोटी कैसे खाईं पवन ने? ज़रूर उस दुष्ट सेक्रेटरी के साथ सब्ज़ी शेयर की होगी… रजनी का पारा हाई था- आने दो आज पवन को फिर पूछती हूं आख़िर कब तक चलेगा यह सब?
कितने मन से मैंने यू-ट्यूब पर कुकिंग की विडियो देखकर ऑलिव ऑयल में डीप फ्राई केले की सब्ज़ी बनाई थी चटपटी मसालेदार और पवन ने खाई भी नहीं.
पवन को ऑफिस से आए आधा घंटा हो गया था. फ्रेश होकर उसने आवाज़ लगाई, "रजनी… ओ सजनी… आज चाय मिलेगी या नहीं या सुबह की तरह मैं ही चाय बनाऊं…" यह पवन की शुरू से आदत थी कि बेड टी वही बना कर देता है. उनके दोनों बेटे शिक्षा के लिए दिल्ली में हैं, तो रजनी को भी सुबह जल्दी जागने की जल्दी नहीं होती.
और कोई दिन होता, तो रश्मि यह सुनकर फूली ना समाती. आज सेक्रेटरी के कारण उसका ग़ुस्सा बढ़ता ही जा रहा था, पर वह धैर्य रखने की… मां की सीख पर अमल करते हुए शांत ही रही.
"क्यों जी, आज खाना कैसे खाया? सारी सब्ज़ी तो ऐसे ही रखी है."
"सब्ज़ी में तुमने अमचूर डाला था ना ! मुझे डॉक्टर ने खट्टा खाने से मना किया है, तो मैंने रोटी यूं ही सब्ज़ी छुआकर खा ली."
रजनी का ग़ुस्सा खौलते दूध में पानी के छींटे सदृश शांत हो गया.
अच्छा हुआ मैंने मम्मी की सीख ध्यान में रख कर कुछ नहीं कहा पवन से… रजनी ने मन में सोचा.
"अच्छा वह कल मेरी पैंट में रुपयों के साथ एक ज़रुरी काग़ज़ भी था, देना तो जरा." पवन बोला.
रजनी सकपका गई, "वह तो मैंने धो दी, पैसे तो नहीं थे उसमें."
"तुम जेबे देखे बिना क्यों धो देती हो कपड़े. देखो अब."
रजनी ने जाकर देखा 100 के 10-12 नोट के बीच में एक मुड़ा-तुड़ा काग़ज़ भी था. वह लाकर उसने पवन को दे दिया.
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"इसमें मैंने बाज़ार के कुछ काम लिखे थे… दूसरे काग़ज़ पर लिख दो ज़रा…"
रजनी ने लिखकर दे दिए.
"अच्छा रुको…" कहकर कुछ और भी लिख दिया.
पवन मुस्कुराते हुए बोला, "आई लव यू लिखा है ना!" रजनी हड़बड़ा गई.
पवन ने काग़ज़ उठाकर देखा- नीचे लिखा था- 'लव यू टू' और उसके होंठों पर एक शरारती मुस्कुराहट तैर गई.
बीस वर्षों के साथ में इतना तो हम समझ ही गए हैं ना एक दूसरे को!
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