न करें ये ग़लतियां
- रिश्ते में बंधते ही एक-दूसरे को बदलने की मुहिम न छेड़ दें. ये सोच बदल दें कि अब पार्टनर को आपके अनुसार ही चलना होगा. इससे मन-मुटाव बढ़ सकता है. - अगर पार्टनर को थोड़ा बदलना चाहती भी हैं, जो उनके हित में हो, तो इसकी शुरुआत आलोचना से न करें. उन्हें प्यार से समझाएं. साथ ही एक ही रात में बदलाव की उम्मीद न करें. - इस दुनिया में कोई भी परफेक्ट नहीं होता. इसलिए अपने पार्टनर से भी परफेक्शन की उम्मीद न करें. ध्यान रखें कि दूसरों को उनकी कमियों के साथ स्वीकारना ही सच्चा प्यार है. - रिश्ते में कम्युनिकेशन गैप न आने दें. रिश्तों में ख़ामोशी आप दोनों के रिश्ते के लिए ख़ामोश दुश्मन की तरह है. इसलिए हर हाल में कम्युनिकेशन बनाए रखें. - ऐसे कई मुद्दे हो सकते हैं, जिस पर आप दोनों के विचार नहीं मिलेंगे. ऐसे मुद्दों पर अनावश्यक बहस करने या अपनी बात मनवाने की ज़िद करने से बचें. इससे रिश्ते में बेवजह स्ट्रेस बढ़ता है. - समय की कमी का रोना न रोएं. अगर आपको लगता है कि आपके बिज़ी शेड्यूल की वजह से रिश्ते प्रभावित हो रहे हैं, तो फ़ौरन कोई सोल्यूशन निकालें और रिश्ते को समय देने की कोशिश करें. - हर बात पर टोकें नहीं, न ही मीनमेख निकालें. खाना अच्छा नहीं बना, तुम तो कोई काम ढंग से नहीं करते, चलते कैसे हो, खाते कैसे हो, मेरी कोई बात नहीं सुनते... हमेशा शिकायतें ही न करें. इससे रिश्तों में चिढ़ बढ़ती है. - हर व़क्त मोबाइल, टीवी या सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर ही बिज़ी न रहें, न फैमिली को अनदेखा करें. हर हाल में बैलेंस बनाए रखें, तभी रिश्तों में भी बैलेंस बना रहेगा.जोड़ें लव कनेक्शन: कुछ ईज़ी टिप्स
- एक-दूसरे को कमियों-ख़ूबियों के साथ स्वीकार करें. - ध्यान रखें कि आप जो भी समय साथ बिता रहे हैं, वो क्वांटिटी टाइम न हो, बल्कि क्वालिटी टाइम हो. - रिश्तों के बीच ईगो न आने दें. इससे रिश्तों में दूरियां आते देर नहीं लगती. - ज़िम्मेदारियां लेने से घबराएं नहीं और उन्हें पूरी ईमानदारी के साथ निभाएं. बेहतर होगा कि अपनी ज़िम्मेदारियां बांट लें. अगर एक ही पार्टनर पर ज़्यादा ज़िम्मेदारियां होंगी, तो फ्रस्ट्रेशन बढ़ेगा और ये फ्रस्ट्रेशन रिश्ते में भी नज़र आएगा. - शेयरिंग रिश्ते को मज़बूत बनाती है. अपनी भावनाएं, अपने आइडियाज़, विचार शेयर करें, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि शेयरिंग के नाम पर स़िर्फ शिकायतें ही करने न बैठ जाएं. इससे रिश्ते में कड़वाहट और खीझ बढ़ती है. - छोटी-छोटी ख़ुशियां बांटना भी सीखें. ज़िंदगी के हर पल को एंजॉय करें. किसी बड़ी ख़ुशी के इंतज़ार में न बैठे रहें. ज़िंदगी की हर छोटी-बड़ी ख़ुशियों का लुत्फ़ उठाएं. - पार्टनर की कोई बात अच्छी लगने पर उनकी तारीफ़ करें. उन्हें कॉम्प्लीमेंट देेंं. - चाहे घर के छोटे-मोटे काम हों या बच्चों की पढ़ाई- हर काम में एक-दूसरे को कोऑपरेट करें, ख़ासकर वर्किंग कपल्स के लिए तो ये बेहद ज़रूरी है. इससे सामंजस्य बढ़ता है और आपसी रिश्ता मज़बूत होता है. - नो सेक्स की स्थिति न आने दें. ये रिश्ते के लिए ख़तरनाक हो सकता है. - पति-पत्नी के बीच भी शिष्टाचार ज़रूरी है. इसलिए बातचीत में हमेशा शिष्टाचार बनाए रखें.लड़ाई-झगड़े को केयरफुली हैंडल करें
- छोटे-मोटे झगड़े और मतभेद तो हर पति-पत्नी में होते ही हैं, लेकिन ग़ुस्से में इतना आपा न खो दें कि आपके मुंह से बुरे शब्द निकल जाएं. - लड़ाई-झगड़े या रूठने-मनाने को बात मनवाने के हथियार के तौर पर इस्तेमाल न करें. ध्यान रखें, पार्टनर को कंट्रोल करना प्यार नहीं है. ऐसा करने से आप दोनों में दूरियां ही बढ़ेंगी. - हर बार पार्टनर से ही झुकने की अपेक्षा न करें. एक बार आप भी झुककर देखें. सारे झगड़े मिनटों में सुलझ जाएंगे. - अगर ज़्यादा स्ट्रेस में हों, तो पार्टनर पर चिल्लाकर या उनसे झगड़कर स्ट्रेस रिलीज़ करने को आदत न बनाएं. अपना स्ट्रेस कम करने के लिए पार्टनर को स्ट्रेस देना किसी भी हाल में आपके रिश्ते के लिए ठीक नहीं.हर फैसले साथ लें
- ये सच है कि शादी के बाद भी आपकी अपनी ज़िंदगी होती है, कुछ ़फैसले आपके अपने होते हैं, फिर भी ऐसे ़फैसले, जिसका असर दोनों पर पड़ता हो, उन्हें अकेले न लें. - जैसे नौकरी बदलना, लोन लेना या किसी बड़ी चीज़ की ख़रीददारी- इनफैसलों में अपने पार्टनर को भी शामिल करें. - इसी तरह बच्चे की पढ़ाई, शादी या परिवार से संबंधित फैसले भी मिलकर ही लें. - अगर किसी फैसले में पार्टनर आपकी सलाह चाहता है और आप उस फैसले से सहमत न हों, तो उसे बहस का मुद्दा न बनाएं. ख़ुशी-ख़ुशी हर फैसले में शामिल हों. - ज़िंदगी में उतार-चढ़ाव तो आते ही रहते हैं. फाइनेंशियल या फैमिली प्रॉब्लम भी आ सकती है, ऐसी स्थितियों में एक साथ मिलकर सोल्यूशन निकालने की कोशिश करें. - सबसे ज़रूरी बात- लाइफ है तो प्रॉब्लम्स आएंगी ही, रिश्तों में भी और जीवन में भी. इन प्रॉब्लम्स का सोल्यूशन निकालने का तरीक़ा आपको सीखना होगा. और इसके लिए आप दोनों को टीम की तरह काम करना होगा यानी मिल-जुलकर सोल्यूशन निकालना होगा, तभी रिश्ता मज़बूत होगा.रखें इन छोटी बातों का ख़्याल
- कॉम्प्रोमाइज़ करना भी सीखें. कई स्थितियों में सहनशीलता भी ज़रूरी होती है. इसलिए सहनशीलता न खोएं. - पार्टनर की कुछ आदतों और ग़लतियों को अपनाना भी सीखें. - हर हाल में पार्टनर पर विश्वास बनाए रखें. उसकी इच्छाओं का सम्मान करें. - कोई भी पार्टनर ख़ुद को सुपीरियर बताने की कोशिश न करे. - परिवार के प्रति ज़िम्मेदार बनें. हर वादे को दिल से निभाएं. - पार्टनर के लक्ष्य को पूरा सपोर्ट करें. ज़िंदगी में आगे बढ़ने के लिए उसे प्रोत्साहित करें. - पार्टनर की फैमिली या फ्रेंड्स के प्रति उपेक्षित रवैया न अपनाएं. उन्हें उचित सम्मान दें.- श्रेया तिवारी
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