हिंदी सिनेमा की दिग्गज अदाकारा शर्मिला टैगोर आज अपना 79वां जन्मदिन मना रही हैं. शर्मिला टैगोर अपने ज़माने की सबसे बोल्ड और खूबसूरत अदाकारा मानी जाती हैं. इस अदाकारा की कातिलाना हंसी और सुंदरता के लाखों लोग कायल हुआ करते थे. शर्मिला टैगोर का जन्म 8 दिसंबर 1946 को हैदराबाद में हुआ था. वह ऐसी पहली इंडियन एक्ट्रेस थीं, जिन्होंने फ़िल्मफेयर मैग्ज़ीन के कवर पेज के लिए बिकिनी पहनकर पूरी इंडस्ट्री में तहलका मचा दिया था. यहां तक कि मंसूर अली खान पटौदी से शादी करने के बाद उन्होंने अपना नाम तक बदल लिया था. हालांकि उनके जीवन में कई उतार-चढ़ाव भी आए जिनसे भागने के बजाय उन्होंने डटकर उनका सामना किया. चलिए बॉलीवुड की इस बोल्ड और खूबसूरत अदाकारा के जन्मदिन पर जानते हैं उनकी ज़िंदगी से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से.
अपने ज़माने की खूबसूरत अभिनेत्री रह चुकीं शर्मिला टैगोर का चार्म अब भी बरकरार है. हैदराबाद में जन्मीं शर्मिला के पिता गितेन्द्रनाथ टैगोर, 'टैगोर एल्गिन मिल्स' के मालिक थे. शर्मिला हिंदू बंगाली परिवार से ताल्लुक रखती हैं, जबकि उनका निकाह मुस्लिम परिवार में हुआ.
उन्होंने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत सौमित्र चटर्जी के साथ की थी और उनके साथ कई फ़िल्मों में नजर आई थीं. उनके फ़िल्मी करियर का आगाज़ साल 1959 में फिल्म निर्माता सत्यजीत रे की फ़िल्म 'अपुर संसार' से हुआ था, लेकिन फ़िल्म 'कश्मीर की कली' ने न सिर्फ रातों रात उन्हें स्टार बना दिया, बल्कि इस फ़िल्म ने उनकी ज़िंदगी भी बदल दी. यह भी पढ़ें: सैफ अली खान ने फिर दिया विवादित बयान, सीताहरण पर ये बात कहने के बाद आये लोगों के निशाने पर (Saif Ali Khan Again Triggered Controversy, His Remarks On ‘Seeta Haran’ Enraged Fans)
दरअसल, साल 1964 में रिलीज़ हुई फ़िल्म 'कश्मीर की कली' में शर्मिला टैगोर की खूबसूरती देख लाखों फैन्स उनके दीवाने हो गए. उनकी खूबसूरती के अलावा उनकी दिलकश अदायगी ने भी दर्शकों का दिल जीत लिया और उनके अभिनय की जमकर सराहना की गई.
शर्मिला अपने ज़माने की एक ऐसी अभिनेत्री हैं, जिन्होंने सबसे पहले बिकिनी पहनकर सबको चौंका दिया था. फ़िल्म 'एन इवनिंग इन पेरिस' में पहली बार शर्मिला ने बिकिनी में सीन दिया था. ऐसा बोल्ड सीन देकर उन्होंने हिंदी सिनेमा जगत में तहलका मचा दिया था.
फ़िल्म में बिकिनी पहनने के अलावा साल 1968 में उन्होंने फ़िल्म फेयर मैगजीन के लिए बिकिनी में फोटोशूट कराया था, लेकिन 'एन इवनिंग इन पेरिस' में बिकिनी पहनने के कारण उनकी रातों की नींद उड़ गई थी. दरसअल, यह वाकया उस दौरान हुआ था, जब मंसूर अली खान पटौदी से उनका प्यार परवान चढ़ रहा था. यह भी पढ़ें: देव आनंद कभी शर्ट का ऊपरी बटन क्यों नहीं खोलते थे? गर्दन झुकाने के उनके वो गजब अंदाज के पीछे क्या था सच? जानिए लेजेंड एक्टर से जुड़ी ऐसी ही कई अनकही बातें (Remembering Dev Anand on his Death Anniversary, Know Untold Stories From The Legend’s Life)
जब शर्मिला को पता चला कि उनकी होने वाली सास उनसे मिलने आ रही हैं तो उनकी टेंशन बढ़ गई थी. शर्मिला को इस बात की चिंता सता रही थी कि कहीं उनकी सास ने बिकिनी वाली फोटोज़ देख ली तो शादी से मना कर देंगी. यह सोचकर उन्होंने फौरन फ़िल्म के प्रोड्यूसर को फोन करके मुंबई में लगे अपने बिकनी वाले सभी पोस्टर्स को हटाने के लिए कहा.
बताया जाता है कि बिकिनी में शर्मिला की फोटो देखने के बाद लोगों को लगा था कि दोनों का रिश्ता इस बोल्ड तस्वीर की वजह से टूट जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ होने के बजाय दोनों ने उसी साल यानी 27 दिसंबर 1969 को निकाह कर लिया. पटौदी के नवाब और भारतीय क्रिकेटर मंसूर अली खान पटौदी से शादी करने के बाद शर्मिला ने इस्लाम धर्म कबूल करते हुए अपना नाम आयशा सुल्ताना खान रख लिया था.
कहा जाता है कि शर्मिला टैगोर और मंसूर अली खान पटौदी की मुलाकात एक पार्टी में हुई थी. पटौदी के नवाब को फ़िल्मों का शौक नहीं था, लेकिन पहली मुलाकात में ही शर्मिला की दिलकश मुस्कान देखकर वो अपना दिल हार बैठे थे. इसके बाद दोनों के बीच मुलाकातों का सिलसिला बढ़ने लगा और दोनों की प्रेम कहानी परवान चढ़ने लगी.
बेशक शर्मिला टैगोर बीते दौर की एक सक्सेसफुल अभिनेत्री रहीं हैं और उन्होंने कई एक्टर्स के साथ काम भी किया है, लेकिन राजेश खन्ना और शर्मिला टैगोर की जोड़ी सुपरहिट रही है. इस ऑनस्क्रीन कपल को काफी पसंद किया जाता रहा है. दोनों ने 'आराधना', 'सफर', 'अमर प्रेम', 'छोटी बहू', 'दाग' और 'आविष्कार' जैसी 6 सुपरहिट फिल्मों काम किया है.
यह भी पढें: Birthday Special: बॉलीवुड के ‘हीमैन’ धर्मेंद्र का 88वां बर्थडे, जानें उन्होंने कैसे तय किया एक आम इंसान से सुपरस्टार बनने तक का सफ़र… (Veteran Actor Dharmendra is Celebrating His 88th Birthday, Know Interesting Facts About The ‘He-Man’ of Indian Cinema)
गौरतलब है कि शर्मिला को फ़िल्मों में शानदार अभिनय के लिए दो बार 'नेशनल फ़िल्म अवॉर्ड' और दो बार 'फिल्मफेयर अवॉर्ड' से सम्मानित किया जा चुका है. हिंदी सिनेमा में अहम योगदान देने वाली शर्मिला टैगोर सेंसर बोर्ड की अध्यक्षा भी रह चुकी हैं. बहरहाल, नवाब मंसूर अली खान पटौदी के निधन के बाद शर्मिला ने अपने परिवार की ज़िम्मेदारी को बखूबी निभाया है. भारतीय सिनेमा की इस दिग्गज आदाकारा को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं.