लॉकडाउन में सोनू सूद ने प्रवासी मज़दूरों के लिए काफ़ी काम किया था और आज भी वो लोगों की और ज़रूरतमंदों की मदद करते रहते हैं. सोनू को उनके काम के लिए काफ़ी सराहा भी जाता है और अब निर्वाचन आयोग ने भी सोनू को पंजाब का स्टेट आइकॉन बनाकर सम्मानित किया है.
पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एस करुणा राजू ने इस बारे में जानकारी दी कि उनके कार्यालय ने भारत निर्वाचन आयोग को इस संबंध में एक प्रस्ताव भेजा था, जिसे मंजूर कर लिया गया. सोनू अब पंजाब ने चुनाव संबंधी जागरूकता फैलाएंगे. वो एथिकल वोटिंग यानी नैतिक मतदान के लिए लोगों को प्रेरित करेंगे!
सोनू पंजाब के मोगा ज़िले के रहनेवाले हैं और यह सम्मान मिलने पर उन्होंने कहा कि मेरे राज्य को मुझ पर गर्व है यह जानकर काफ़ी सम्मानित महसूस कर रहा हूं, इमोशनली यह मेरे लिए बहुत मायने रखता है और मुझे आगे भी बेहतर काम करने के लिए प्रेरित करेगा.
सोनू अपनी आत्मकथा पर भी काम कर रहे हैं जिसका शीर्षक होगा मैं मसीहा नहीं हूं... इतना ही नहीं सोनू को उनके द्वारा किए गए सामाजिक कार्यों के लिए यूनाइटेड नेशन्स डेवलपमेंट प्रोग्राम (UNDP) द्वारा प्रतिष्ठित एसडीजी स्पेशल ह्यूमैनीटेरीयन एक्शन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था और सोनू उनके साथ भी मिलकर काम करने की मंशा ज़ाहिर कर चुके हैं.
जैसाकि सभी जानते हैं कि सोनू ने प्रवासी मज़दूरों से लेकर विद्यार्थियों तक की काफ़ी मदद की थी, ना सिर्फ़ उन्हें घर पहुंचाया बल्कि उनके खाने- पीने, दवा और मोबाइल फ़ोन तक का इंतज़ाम सोनू ने किया था और अभी भी वो कभी किसी की पढ़ाई में मदद करते हैं तो कभी किसी के अस्पताल का बिल चुकाकर मदद करते ही रहते हैं. सोनू आम लोगों में काफ़ी लोकप्रिय हो चुके हैं और इसी के चलते अब उन्हें चुनाव में भी जागरूकता फैलाने का ज़िम्मा दिया गया है!