चाहते हैं बच्चों की तरक्क़ी तो वास्तु के अनुसार सजाएं कमरा (Vastu tips for kids room)
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बच्चों के बहुमुखी विकास के लिए सही खानपान, मार्गदर्शन व शिक्षा के अलावा एक स्वस्थ वातावरण की भी ज़रूरत होती है. ऐसे में क्यों न, वास्तु के अनुसार बच्चों का कमरा सजाया-संवारा जाए, ताकि एकाग्रता के साथ-साथ उनका बौद्धिक विकास भी हो सके. आइए, वास्तु के अनुसार बच्चों का कमरा किस तरह होना चाहिए, इसके बारे में जानते हैं.
* सबसे पहले कमरे के बीच में खड़े होकर कम्पास की मदद से दिशा का ज्ञान करें. यह स्थान साफ़-सुथरा, प्रकाशमय व शांतिपूर्ण होना चाहिए, ताकि बच्चे का मन एकाग्र हो सके.
* बच्चों का कमरा घर के पश्चिम, उत्तर व पूर्व दिशा में होना चाहिए.
* कमरे का प्रवेश द्वार उत्तर तथा पूर्व में होना चाहिए.
* पढ़ते समय अपना मुख पूर्व अथवा उत्तर की तरफ़ होना चाहिए. इस बात को ध्यान में रखकर टेबल-कुर्सी की व्यवस्था करें.
* मां सरस्वती व गणपति भगवान की स्थापना ईशान कोण में होनी चाहिए.
* पलंग का सिरहाना पूर्व दिशा की तरफ़ हो.
* टाइम टेबल, पेंटिंग, फोेटो पिनअप बोर्ड 4 फ़ीट पर उत्तर या पश्चिम में लगाएं.
* जीवन में कामयाब व प्रभावशाली व्यक्तियों, पौधों आदि की तस्वीर लगाएं.
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* हरा, गुलाबी, स़फेद व पीला रंग उपयुक्त है.
* प्लग प्वाइंट कमरे के दाहिनी तरफ़ हो.
* सोने का बिस्तर नैऋत्य कोण में हो.
* टेबल लैम्प (60 वॉल्ट) इस तरह हो कि प्रकाश पीछे की तरफ़ से आए.
* पीठ पीछे दीवार हो, तो अति उत्तम. यदि न हो, तो भी परेशानी की बात नहीं.
* उत्तर-पूर्व में खिड़की उत्तम है.
* कमरे का मध्य खाली हो.
* खिलौने, कपड़े, जूते दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखें.
* आईना उत्तर और पूर्व दीवार पर हो और कॉपी-क़िताबें सुविधानुसार रखें.
* घड़ी पूर्वी दीवार पर हो और कम्प्यूटर आग्नेय कोण में हो.
* हर रोज़ ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः की एक माला का जाप करें.
* बच्चों का शयन-कक्ष पूर्व अथवा ईशान क्षेत्र में होना शुभ है. अध्ययन भवन, सभा और पठन-पाठन के लिए यह क्षेत्र शुभ है.