सुरेश वाडकर एक लाजवाब गायक हैं. उन्होंने मनोरंजन से भरपूर गाने हिंदी, मराठी, भोजपुरी व कोंकणी भाषाओं में गाए हैं. वे शास्त्रीय संगीत से जुड़े रहे हैं. सुरेशजी जब 20 साल के थे, तब उन्होंने एक कार्यक्रम में अपने गायन की प्रस्तुति दी थी, जिसे सुनकर वहां मौजूद सभी लोग काफ़ी प्रभावित हुए थे, उनमें संगीतकार रवीन्द्र जैन और जयदेव भी थे.
रवीन्द्रजी ही ने सुरेशजी को फिल्म 'पहेली' में गाने का मौक़ा दिया. और सुरेशजी का गाया यह पहला हिंदी गाना वृष्टि पड़े टापुर टुपुर… ख़ूब पसंद किया गया. जयदेवजी ने 'गमन' फिल्म में लिया और इसका गाना सीने में जलन आंखों में तूफ़ान सा क्यों है… ने उन्हें ख़ास पहचान दी और उन्होंने लोगों के दिलों में जगह बना ली. इसके बाद तो ऐ ज़िंदगी गले लगा ले… मेघा रे मेघा रे… मैं हूं प्रेम रोगी… ओ प्रिया प्रिया… लगी आज सावन की… एक-से-एक बढ़िया गाने उन्होंने गाए.
ऋषि कपूर के लिए तो उन्होंने कई सुपर-डुपर हिट गाने गाए. एक समय ऐसा भी आया कि वे दोनों एक-दूसरे के पूरक से हो गए. जैसे अमिताभ बच्चन के लिए किशोर कुमार रहे, तो राज कपूर के लिए मुकेश. ऋषि कपूर की फिल्म 'प्रेमरोग' के गाने आज भी दिल से ख़ूब गुनगुनाए जाते हैं. इसके सभी गीत मधुर और लाजवाब थे. मोहब्बत है क्या चीज़… भंवरे ने खिलाया फूल फूल को… हो या फिर मैं हूं प्रेम रोगी… सभी उम्दा और मदमस्त गाने थे. विशाल भारद्वाज के साथ सत्या, ओमकारा, कमीने और हैदर फिल्मों में गाने गाए.
सुरेश वाडकर मराठी में भी काफ़ी प्रसिद्ध थे. उन्होंने मराठी फिल्मों में भी कई गाने गाए हैं. इसके अलावा भोजपुरी और कोंकणी में भी अपनी आवाज़ का जादू बिखेरा. कई भक्तिमय एलबम में भी गीत-संगीत दिया. जब वे बेहद कामयाब और शिखर पर थे, तब उनकी माधुरी दीक्षित को लेकर शादी की भी चर्चा चली थी. दरअसल, उन दिनों माधुरी दीक्षित का नृत्य और शास्त्रीय संगीत के प्रति काफ़ी लगाव और झुकाव था. परिवार के लोगों ने सोचा कि सुरेश वाडकर के लिए लड़की देखी जा रही थी, तो क्यों ना उनसे शादी की बात चलाई जाए. माधुरी के परिवार ने सुरेश वाडकर के परिवार से संपर्क किया. तब सुरेशजी ने माधुरी से मिलने की इच्छा ज़ाहिर की और उनसे मिलने के बाद यह कहकर इस रिश्ते से मना कर दिया कि माधुरी दुबली-पतली हैं. इस तरह यह रिश्ता होते-होते रह गया. फिर केरल की पद्मा से उन्होंने शादी की. वे भी शास्त्रीय गायिका हैं. उनकी दो बेटियां अनन्या और जिया हैं.
सुरेशजी का संगीत विद्यालय है और वे ऑनलाइन भी संगीत सीखाते हैं. इसी साल उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया. उन्हें जन्मदिन की बहुत-बहुत बधाई!
आइए आज उनके जन्मदिन के मौक़े पर उनकी बेहतरीन गानों की रंगोली को देखते और सुनते हैं.