सिंगिंग, एक्टिंग, म्यूजिक डायरेक्शन से लेकर लिरिक्स राइटिंग हर काम में माहिर किशोर कुमार को उनके टैलेंट ही नहीं, बल्कि मजाकिया और मनमौजी स्वभाव के लिए भी जाना जाता है. आज उनके जन्मदिन के इस खास अवसर पर सुनाते हैं उनसे जुड़े ज़िदादिल और मस्तमौला अंदाज़ के कुछ दिलचस्प किस्से…
बचपन में फटे बांस जैसी आवाज़ थी किशोर कुमार की
किशोर कुमार के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने संगीत की कभी कोई ट्रेनिंग नहीं ली. इसके बावजूद वो सुरों के जादूगर कहलाए और करोड़ों दिलों पर राज किया. इस बारे में उनके बड़े भाई अशोक कुमार ने बताया था कि बचपन में किशोर की आवाज़ बिलकुल फटे बांस जैसी थी, लेकिन एक बार उनका पांव सब्ज़ी काटने वाली दराती पर पड़ गया था. पैर में गहरा ज़ख्म हो गया. तब किशोर कुमार 2-3 दिन तक रोते ही रह गए. बस उन दिनों के रोने में ही उनका गला साफ हो गया.
दुनिया उन्हें पागल कहती थी
एक इंटरव्यू के दौरान एक जर्नलिस्ट ने उनसे पूछा था कि आप किसी भी पार्टी में नहीं जाते, ना ही आपके बंगले पर कोई आता है. तो आपको अकेलापन महसूस नहीं होता? इस पर किशोर कुमार ने जो जवाब दिया, उसके लिए उन्हें पागल कहा जाने लगा. किशोर कुमार ने कहा, ‘नहीं, मुझे बिलकुल अकेला नहीं लगता. मैंने अपने घर में लगे इन पेड़-पौधों से दोस्ती कर ली है. उनके नाम रखे हैं. मैं इनसे ही बातें करता हूं.’ इन इंटरव्यू के बाद उस मैगज़ीन ने उन्हें ‘मैड मैन’ नाम दे दिया. इस पट किशोर ने कहा था, ‘दुनिया कहती है मैं पागल और मैं कहता हूं दुनिया पागल’.
किशोर दा कभी एक्टिंग नहीं करना चाहते थे
किशोर कुमार कभी एक्टिंग नहीं करना चाहते थे. वो कुंदन लाल सहगल के फैन थे और उनकी ही तरह गाना चाहते थे. लेकिन उनके बड़े भाई अशोक कुमार ने बॉलीवुड में कदम जमाने के लिए उन्हें एक्टिंग करने को कहा. किशोर दा एक्टिंग के लिए सीरियस नहीं थे. उन्हें जब भी अशोक कुमार के कहने पर किसी फिल्म में लिया जाता तो वो कोई बहाना बना कर एक्टिंग करने से बच जाते थे. एक बार किशोर कुमार को अपने भाई अशोक कुमार के साथ फिल्म ‘भाई-भाई’ के लिए सीन शूट करना था. किशोर ने फिर से अपना पैंतरेबाज़ी शुरू कर दी. लेकिन इस दफा अशोक कुमार के सामने उनकी दाल नहीं गल पा रही थी. तब उन्होंने डायलॉग भूल जाने का नाटक किया और भागने लगे. पर अशोक कुमार भी अशोक कुमार थे, उन्होंने किशोर कुमार के दोनों पैरों पर अपना पैर रख दिया और उन्हें हिलने का भी मौका नहीं दिया. तब जाकर कहीं शूटिंग हो सकी.
जब देव आनंद को गाली देकर भाग गए किशोर दा
एक्टिंग से बचने के लिए किशोर दा ने क्या क्या पैंतरे किए हैं, उनके तो ढेरों किस्से हैं, लेकिन देव आनंद के साथ जो उन्होंने किया था, उसे लोग आज तक याद करते हैं. हुआ यूं था कि एक फिल्म में अशोक कुमार और देव आनंद साथ काम कर रहे थे. उस फिल्म के एक सीन के लिए कोई एक्टर चाहिए था तो अशोक कुमार ने किशोर से कहा कि ये सीन तुम कर दो. अशोक कुमार ने उन्हें सीन भी समझा दिया कि जैसे देव अन्दर आएगा, तुझे उसे खरी-खोटी सुनानी है. किशोर ने हां तो कह दिया. लेकिन जैसे ही सीन शुरू हुआ और देव आनंद अंदर आए, किशोर कुमार ने उन्हें सच में गंदी गाली दे दी और भाग गए. डायरेक्टर प्रोड्यूसर सब चिल्लाते रहे कि सीन अभी पूरा नहीं हुआ है. लेकिन किशोर कुमार तो एक दो तीन हो गए.
जब सेट पर आधा सिर मुंडवाकर पहुंचे थे किशोर कुमार
एक बार किशोर दा किसी फिल्म की शूटिंग कर रहे थे. लेकिन प्रोड्यूसर ने उन्हें आधी पेमेंट ही दी थी. प्रोड्यूसर ने किशोर से कहा था कि फिल्म कंप्लीट होने के बाद आधे पैसे मिलेंगे. इस बात का किशोर कुमार को बहुत बुरा लगा, लेकिन गुस्सा होने की बजाय उन्होंने इसका जवाब मजाकिया अंदाज में दिया. अगले दिन वे सेट पर आधी मूंछ और आधे बाल मुंडवा कर पहुंच गए. जब उनसे इसकी वजह पूछी गई, तो उन्होंने कहा कि आधे पैसे मिले हैं तो गेटअप भी आधा ही होगा. जब पूरे पैसे मिलेंगे तो गेटअप पूरा हो जाएगा.
जब मसूर दाल देखकर मसूरी ट्रिप का प्लान बना लिया
किशोर दा से जुड़ा ये किस्सा भी काफी मजेदार है. दरअसल उन्हें बाजार जाकर छोटी- छोटी चीजें, तरह तरह के आइटम खरीदेने का शौक था. एक बार वो बाजार गए थे. अचानक उन्हें मसूर की दाल दिखी और उन्होंने तुरंत 'मसूरी' घूमने का प्लान बना लिया.
टेबल पर लेटकर किशोर कुमार ने गाना था ये गाना
फ़िल्म 'शराबी' के गाने 'इंतहा हो गई इंतजार की... ' से भी एक दिलचस्प किस्सा जुड़ा है और ये किस्सा खुद आशा भोंसले ने एक कार्यक्रम में शेयर किया था कि किशोर दा ने पहले इस सॉन्ग को गाने से मना कर दिया था. लेकिन बाद में वह इस शर्त पर ये गाना गाने को तैयार हुए कि वह इस गाने को शराबी की तरह लेट कर गायेंगे. आखिरकार उन्होंने स्टाफ से टेबल की अरेंजमेंट करवाई और फिर टेबल पर लेट कर ही ये गाना रिकॉर्ड किया.
जब लता जी की अनुपस्थिति में मेल फीमेल दोनों आवाज़ में गाया किशोर दा ने
फिल्म 'हाफ टिकट' का गाना 'आके सीधे लगी दिल पे जैसी' किशोर कुमार और लता मंगेशकर को डुएट गाना था, लेकिन किसी कारण लता मंगेशकर रिकॉर्डिंग नहीं कर पाई, तब किशोर कुमार ने कहा 'क्या मैं कोशिश करके देखूं'. फिर किशोर कुमार ने मेल और फीमेल दोनों ही आवाज़ों में गाना गाया. मजे की बात तो यह की गाना एक टेक में फाइनल कर दिया गया और सुपरहिट भी हुआ.
तो 'आनंद’ फिल्म में राजेश खन्ना नहीं किशोर कुमार होते
बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि फिल्म 'आनंद' के लिए ऋषिकेश मुख़र्जी की पहली पसंद राजेश खन्ना नहीं, बल्कि किशोर कुमार थे. लेकिन एक छोटी सी गलती की वजह से किशोर दा के हाथ से 'आनंद' निकल गई. हुआ यूं कि किशोर कुमार का किसी बंगाली डायरेक्टर के साथ झगड़ा हो गया था, इसलिए उन्होंने अपने गार्ड से कह रखा था कि अगर कोई बंगाली आए तो उसे डांट के भगा देना. संयोगवश उसी दिन ऋषिकेश मुख़र्जी 'आनंद' के सिलसिले में बात करने किशोर कुमार के घर पहुंचे, लेकिन बंगाली डायरेक्टर को देखकर किशोर दा के कहे अनुसार गार्ड ने ऋषि दा को भला-बुरा कहकर भगा दिया. इस बात से ऋषिकेश मुख़र्जी बेहद नाराज़ हुए और उन्होंने किशोर कुमार को अपनी फिल्म में लेने का विचार छोड़ राजेश खन्ना को साइन कर लिया.