सुशांत सिंह राजपूत के दुखद और असामयिक निधन से एक बार फिर बॉलीवुड में भाई-भतिजावाद पर बहस तेज़ हो गई है. उनकी मौत के बाद अनेक अभिनेताओं नेपोटिज़्म पर अपने दर्द को सोशल मीडिया पर शेयर किया है. अपने विचार रखते हुए उन्होंने बताया है की बॉलीवुड में छोटे शहरों से आये हुए बाहरी लोगों के साथ किस तरह का व्यवहार किया जाता है और नेपोटिज़्म के कारण स्टार किड्स को उनकी जगह फिल्म या सीरियल में ले लिया जाता है. हम यहाँ पर उन प्रतिभावान अभिनेत्रियों की लिस्ट लेकर आए हैं, जिन्हें भाई-भतीजावाद के कारण खामियाज़ा भुगतना पड़ा.
- ऋचा चड्ढा
ऋचा चड्ढा ने मसान, फुकरे, सबरजीत और सेक्शन ३७५ बेहतरीन फिल्मों में काम किया है. प्रतिभावान होने के बावज़ूद ऋचा चढ़ा को मेन लीड रोल वाली फिल्म हासिल करने के लिए फिल्मों में संघर्ष करना पड़ रहा है. पर अभी तक उन्हें कोई बढ़िया फिल्म नहीं मिली. हाल ही में ऋचा को फिल्म पंगा में सपोर्टिंग रोल में देखा गया है.इस फिल्म में ऋचा चड्ढा ने कंगना रनौत की बेस्ट फ्रेंड की भूमिका निभाई है. एक साक्षात्कार में ऋचा चड्ढा ने कहा था "मैंने बहुत मेहनत और लग्न से अपनी पढाई पूरी की थी. उसके बाद कुछ बनने का सपना लिए मुंबई की रुख किया. तब यहाँ पर हमारी ऑडिशन की प्रक्रिया चल रही थी. ऐसे में इंडस्ट्री के स्टार किड्स जो ग्रूम हो रहे होते हैं, जिनका प्यूबर्टी पीरियड चल रहा था, उन्हें बड़े प्रोडूसर्स और डायरेक्टर्स लॉन्च करने की तैयारी कर रहे थे और हम जैसे लोग काम की तलाश कर रहे होते थे या आज भी काफी वक्त बिताने के बाद भी कुछ लोग सीख रहे होते हैं. यह इंडस्ट्री स्टार किड्स के लिए इनर सर्किल सपोर्ट सिस्टम उपलब्ध कराती है.
2. यामी गौतम
शानदार अभिनय से दर्शकों को प्रभावित करने के बाद यामी ने बॉलीवुड में प्रवेश किया, अपने लिए एक खास जगह बनाई. यामनी ने विक्की डोनर और काबिल जैसी फिल्मों मेंअपने बेजोड़ अभिनय से यह साबित कर दिखाया कि खूबसूरत होने के साथ वे टैलेंटेड एक्ट्रेस भी हैं. इन फिल्मों के अलावा यामी को बेहतरीन रोल मिला भी नहीं.
3. हुमा कुरैशी
एक और बेहतरीन अभिनेत्री, जिसने अपने अद्भुत अभिनय कौशल खुद को साबित किया और गैंग्स ऑफ़ वासेपुर, डी-डे, डेढ़ इश्कया और बदलापुर जैसी फिल्मों में काम करके दर्शकों को अपना मुरीद बना दिया. हालाँकि ऋचा चड्ढा और यामनी गौतम की तरह उन्हें उतनी फिल्में नहीं मिली, जितनी वे काबिल थी. बॉलीवुड में उन्हें काफी समय हो गया है, आज भी उन्हें अपने टैलेंट के अनुसार काम नहीं मिला. एक इंटरव्यू के दौरान नेपोटिज़्म पर अपने विचार साझा करते हुए हुमा कुरैशी ने कहा था कि अगर कोई व्यक्ति कहता है कि बॉलीवुड में भेदभाव नहीं होता है, तो यह सरासर झूठ है. यहां पर बहुत सारे टैलेंटेड लोग हैं, जिन्हें स्टार किड्स की तरह मौका मौका नहीं मिलता है.
4. माही गिल
बला की खूबसूरत माही गिल ने फिल्म देव डी में शानदार एक्टिंग करके न केवल दर्शकों क दिल जीत लिया, बल्कि बॉलीवुड में भी एंट्री की. यह उनकी पहली थी और पहली ही फिल्म ने माही को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर क्रिटिक्स अवार्ड मिला. फिल्म साहेब, बीवी और गैंगस्टर, पानसिंह तोमर, शारिक और गैंग ऑफ़ घोस्ट में माही गिल ने बेहतरीन एक्टिंग की.
5. सुरवीन चावल
टेलीविज़न से अपने करियर की शुरुआत करने वाली सुरवीन चावल ने सीरियल्स में ही अपनी एक्टिंग का लोहा मनवा लिया था. फिर सुरवीन ने बॉलीवुड की और अपना रुख किया,लेकिन उन्हें कोई कोई सफलता नहीं मिली. पर वेब सीरीज़ सेक्रेड गेम्स और फिल्म हेट स्टोरी २ में बोल्ड सीन और अच्छी एक्टिंग से दर्शकों का ध्यान करके अपनी और खींचा. एक और जहाँ उनके काम को सराहा गया, वहीँ दूसरी ओर स्टार किड्स के आने से उन्हें बॉलीवुड में नेपोटिज़्म का सामना करना पड़ा. एक इंटरव्यू के दौरान सुरवीन चावला ने कहा थी कि मुझे अपने करियर में टॉप पर टीवी छोड़ने का डर नहीं रहा. इसके बावजूद मैं आगे बढ़ रही थी, लेकिन मुझे वापस नीचे धकेल दिया गया. ऐसा नहीं थी मुझमें टैलेंट की कमी थी. इसकी वजह था वो स्टार किड़, जिसके पास मुझसे बेहतर कॉन्टैक्ट थे. मुझे इस बात से गहरा धक्का लगा और काफी समय लगा इस से बाहर निकलने में. फिर चीज़े सामान्य होने लगी और मैंने अपने अन्दर फिर से विश्वास पैदा किया.
6. दिव्या दत्ता
फिल्म इंडस्ट्री की बेहतरीन और बहुमुखी अभिनेताओं में से एक हैं दिव्या दत्ता. अपनी शानदार एक्टिंग से दर्शकों का दिल जीत लिया. दिव्या ने वीर-जारा, दिल्ली ६, भाग मिल्खा भाग जैसे सुपर हिट फिल्मोंमें काम किया और उनकी एक्टिंग की बहुत तारीफ भी हुई. कुछ बेहतरीन फिल्मों में निभाय गए सपोर्टिंग रोल के लिये उन्हें पुरुस्कार भी मिले, लेकिन दुख की बात है कि इतना समय फिल्म इंडस्ट्री में बिताने के बाद भी उन्हें उनके टैलेंटेड के अनुसार कभी काम नहीं मिला.