सुशांत के निधन के बाद से कई सेलेब्स अपने डिप्रेशन के बारे में खुलकर बात कर रहे हैं. एक बार फिर मानसिक स्वास्थ्य और भावनाओं को व्यक्त करने के महत्व पर हर तरफ चर्चा हो रही है. और अब सुष्मिता ने भी एक बेहद इमोशनल पोस्ट के ज़रिए मेंटल हेल्थ पर बात की है. उनका कहना है, आप जिसे प्यार करते हैं या जिसके करीब हैं, उसे पूरी तरह से जानिए. साथ ही उन्होंने लोगों से ये भी कहा है कि जिंदगी उतार-चढ़ाव से भरी होती है. बस हमें कभी भी हार नहीं माननी चाहिए.
मेंटल हेल्थ पर बात करना बहुत जरूरी है
सुष्मिता ने कहा कि जैसे हम दूसरे टॉपिक्स पर बातें करते हैं, वैसे ही हमें मेंटल हेल्थ पर भी खुलकर बोलना चाहिए. ''सुशांत और उन जैसे अन्य युवा हमें बताने की कोशिश कर रहे हैं कि हमें दूसरे लोगों को दोष देना शुरू करने से पहले अपनी चीजों की जिम्मेदारी लेनी होगी. जब मैंने यूट्यूब चैनल शुरू किया तो हर कोई चाहता था कि मैं मेंटल हेल्थ पर बोलूं. मैं भी सोचती रही कि ठीक है मैं मेंटल हेल्थ पर कुछ करूंगी. मैंने तय किया कि ब्लॉग लिखूंगी, लेकिन शुरू नहीं कर पाई, लेकिन जब मैंने सुशांत की खबर सुनी, तो मैंने बस लगातार लिखना शुरू कर दिया है."
सुष्मिता भी गुज़री हैं डिप्रेशन से
मैंने भी बहुत डिप्रेशन झेला है. मुझे पता है वह बहुत रियल इमोशन होता है. उस वक्त हंसना बहुत मुश्किल है, फिर भी हमें जीवन चुनना पड़ता है, जीना पड़ता और हमें जीना भी चाहिए. हर इंसान अलग होता है. प्रतिदिन उससे निकलने की कोशिश करनी चाहिए. यादें रखें कि आप अकेले नहीं हैं. हम सब के अंदर कोई न कोई तकलीफ है, जो हमें डिप्रेशन की ओर ले जाता है, फिर चाहे क्लीनिकल हो या जिंदगी के रास्ते आपको उस मोड़ तक ले आते हैं. मैं उस दर्द को बांटना चाह रही थी. हम सबकी जिंदगी में अलग-अलग तरह की समस्याएं हैं। हमें उससे हार नहीं माननी चाहिए. ये भी सच है कि हर इंसान अलग होता है. कुछ लोगों को दोस्तों और परिवार के सपोर्ट की ज़रूरत होती है, तो कुछ डॉक्टर या मानसिक चिकित्सक के पास जाकर बेहतर महसूस करते हैं. बस आपको किसी भी हाल में अपनी ज़िंदगी का उद्देश्य नहीं भूलना चाहिए. मेरी जिंदगी के कई उद्देश्य हैं. मेरी दो बेटियां हैं, जिनका उनका पालन पोषण मैं अकेले कर रही हूं. मैं सिंगल मदर हूं. तो मैं सोच भी नहीं सकती कि जिंदगी खत्म हो गई.
जब भी ज़रूरत हो, डॉक्टर से मिलें, दोस्तों से मिलें
सुष्मिता ने आगे कहा, 'मुझे अगर लगता था कि मेरा डिप्रेशन बढ़ रहा है तो मैं सीधे डॉक्टर से मदद लेती थी. उनसे ट्रीटमेंट पूछती थी. अगर आपका मन नहीं अच्छा है, आपको रोना आ रहा है, तकलीफ हो रही है तो इसका मतलब है कि आपको मेडिकल हेल्प की ज़रूरत है, मुझे जब भी ऐसा महसूस हुआ, तो मैंने अपने डॉक्टर से कंसल्ट किया. क्योंकि मैं जानती हूँ कि मैं खुश रहने वाली इंसान हूं. अगर मुझे रोने का मन कर रहा है, तो मतलब मेरा मन ठीक नहीं है और मुझे मदद की ज़रूरत है. कई बार मेडिटेशन और मनोचिकित्सक ये दोनों आपको ठीक कर देते हैं. आपके पास हारने का विकल्प नहीं होता है. मेरे पास भी नहीं था. मुझे जिंदगी में बहुत कुछ अकेले दम पर करना पड़ा है. मुझे अकेलेपन से डर नहीं लगता. इसलिए मैं एक ही बात सोचती हूं मुझे ठीक होना ही है.''
डिप्रेशन पर लिखा इमोशनल पोस्ट
सुशांत की डेथ के बाद सुष्मिता ने अपने इंस्टाग्राम पर भी एक बेहद इमोशनल पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था- अच्छा दिखो. अच्छा दिखाओ और हर समय अच्छे रहो, यही रील और रियल लाइफ को एक जैसा बना देता है. ऑन स्क्रीन और ऑफ स्क्रीन का प्रोजेक्शन बन जाता है. कई बार शोहरत मिलने के साथ, बैंक बैलेंस बढ़ने के साथ असुरक्षा भी बढ़ती है. ये सभी एक्टर की जिंदगी में ट्रिगर के रूप में जाना जा सकता है, लेकिन वास्तव में ये हम सभी की जिंदगी की सच्चाई है. आपको जो भी तकलीफ में है, बस सिर्फ एक बात का ख्याल रखें कि आपको बहुत से लोग प्यार करते हैं. आपकी ज़िंदगी कीमती है और आपकी खुशियां भी.... अपनी खुशियों की ज़िम्मेदारी हमारी अपनी है और हमें उस ज़िम्मेदारी से भागना नहीं चाहिए. तकलीफ चाहे जितनी बड़ी हो, बस गुज़र जाएगी. ये जिंदगी खूबसरत तोहफा है, न जाने कितनी सम्भावनाएं, न जाने कितने ख्वाब हैं इसमें. इसलिए कभी हार मत मानें. अभी तो न जाने कितने अमेजिंग मोमेंट्स भी जीने हैं हमें... इसलिए बस आगे बढ़ते रहिए.
क्या हम दर्द छिपाने में एक्सपर्ट हो गए हैं
अक्सर हम अपने मन की बात सिर्फ ये सोचकर कह नहीं पाते कि कैसे कहें? क्या हम अपने दर्द को छिपाने में एक्सपर्ट हो गए हैं.. या फिर किसी के पास इतना समय नहीं है कि वो हमारे दर्द को समझे, सुने या महसूस करे. हर किसी की ज़िंदगी मे अनगिनत प्रेशर है. उतार चढ़ाव हैं, लेकिन हमें हमेशा लड़ना चाहिए, कभी हार नहीं माननी चाहिए. अगर आप थक रहे हैं तो आराम करना सीखिए, क्विट करना नहीं. हम दुनिया नहीं बदल सकते, लेकिन अपने विचारों को बदल सकते हैं. ईश्वर पर यकीन करिए. हम अपनी जिंदगी में खुशियां खुद ला सकते हैं, इसलिए कभी हार मत मानिए.
प्रोटेक्ट योर पीस
सुष्मिता ने कड़े शब्दों में अपने प्रशंसकों और दर्शकों को जीवन में कभी भी हार न मानने के लिए कहा और अंत तक लड़ते रहने और जरूरत पड़ने पर हमेशा मदद लेने के लिए भी कहा. उन्होंने अपनी पोस्ट के साथ एक फोटो भी शेयर की, जिसमें लिखा था, 'प्रोटेक्ट योर पीस' यानि कि अपनी शांति की रक्षा करो.
सुशांत के लिए कही ये बात
सुशांत बहुत ही प्रतिभाशाली कलाकार थे. उन्होंने बहुत कम समय में शोहरत हासिल की थी. उनकी मौत की खबर सुनकर शॉक लगा मुझे. मैं उन्हें पर्सनली तौर नहीं जानती थी. काश मैं उनसे मिली होती. मैं उनके काम की मुरीद रही हूं. जब उनके निधन की खबर आई तो मुझसे रहा नहीं गया. यह सिर्फ एक सुशांत या एक कलाकार का सच नहीं है. बहुत सारे ऐसे लोग ऐसे मानसिक शोर से गुजर रहे हैं जिनकी आवाज हम तक पहुंच नहीं रही है. कलाकार के लिए अपनी बात को कहना और दिखाना काफी मुश्किल होता है, अगर आप अपनी यह आवाज को दबाकर रखते हैं. यह भी सच है कि कई बार लोग आपकी कही बातों का मजाक उड़ाते हैं. मेरा मानना है कि तब भी आपको अपना सच बोलना चाहिए. आपको मेडिकल या इमोशनल मदद मांगनी चाहिए.'
बता दें कि सुष्मिता ने लंबे समय बाद वेब सीरीज आर्या से कमबैक किया है और उनकी एक्टिंग की हर कोई जमकर तारीफ कर रहा है. सुष्मिता की पिछली फिल्म निर्बाक थी जो कि 2015 में रिलीज हुई थी. यह एक बंगाली फिल्म थी. बॉलीवुड की फिल्म में सुष्मिता दस साल पहले नजर आई थी फिल्म 'नो प्रॉब्लम' जो कि 2010 में रिलीज हुई थी. हालांकि सुष्मिता बताती हैं कि ये 10 साल भी उनके लिए मुश्किल ही रहे, लेकिन उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी.