बुद्धिमान उपभोक्ता बनें, न्यूट्रिशन फैक्ट लेबल पढ़ें
* कुछ भी ख़रीदने से पहले उस प्रोडक्ट के बारे में पूरी जानकारी लें. यह आपकी सेहत के लिए ज़रूरी है. * न्यूट्रिशन लेबल पढ़कर आप प्रोडक्ट की तुलना दूसरे प्रोडक्ट से करके ये पता लगा सकेंगे कि आपकी सेहत के लिए कौन-सा प्रोडक्ट सही है. * पैकेट पर लिखे कैलोरी चार्ट, सर्विंग साइज़, पोषक तत्वों पर नज़र ज़रूर दौड़ाएं. * जितना आवश्यक एक्सरसाइज़ करना है, उतना ही ज़रूरी ये जानना भी है कि आप रोज़ाना कितनी कैलोरी ले रहे हैं. इसमें न्यूट्रिशन लेबल आपकी मदद कर सकता है.न्यूट्रिशन फैक्ट लेबल पढ़ने का तरीक़ा
सर्विंग साइज़
* न्यूट्रिशन फैक्ट लेबल पर सबसे ऊपर लिखे सर्विंग साइज़ और सर्विंग्स प्रति कंटेनर पर नज़र डालिए. सर्विंग साइज़ हर पैकेट पर अलग-अलग हो सकता है. * सर्विंग साइज़ पर ध्यान देना इसलिए ज़रूरी है, क्योंकि अगर किसी पैकेट पर एक सर्विंग साइज़ लिखा है और आप सर्विंग साइज़ को डबल कर देते हैं, तो इसका मतलब है कि आप उसमें मौजूद कैलोरीज़ या फैट्स दोगुना ले रहे हैं. * जब आप एक ब्रांड की तुलना दूसरे ब्रांड से करें, तब सर्विंग साइज़ एक है या अलग इस पर भी ध्यान दें.कैलोरी पर ख़ास नज़र
* वज़न घटाने के बारे में सोच रहे हैं, तो पैकेट पर लिखे कैलोरीज़ व कैलोरीज़ फ्रॉम फैट पर ख़ास नज़र रखिए. * अगर एक सर्विंग से आपको 90 कैलोरीज़ और फैट्स से 30 कैलोरीज़ मिल रही है, तो दो सर्विंग्स लेने पर आपको 180 कैलोरीज़ और फैट्स से 60 कैलोरीज़ मिलेगी.फैट पर ध्यान रखें...हो जाएं फिट
* किसी भी खाद्य पदार्थ को लेने से पहले उसमें मौजूद सैचुरेटेड और अनसैचुरेटेड फैट की मात्रा की जांच कर लें. * हृदय रोग के ख़तरे को कम करना है, तो वो खाद्य पदार्थ चुनिए जिसमें सैचुरेटेड फैट, ट्रांस फैट और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम हो. ट्रांस फैट से बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है. * सैचुरेटेड व ट्रांस फैट्स की जगह मोनोसैचुरेटेडया पॉलीसैचुरेटेड फैट्स का सेवन करना ज़्यादा बेहतर होगा. मछली, नट्स और तरल वनस्पति के तेल इसके अच्छे स्रोत हैं. * हाई ब्लडप्रेशर के ख़तरे को कम करने के लिए सोडियम की मात्रा पर नियंत्रण रखें. अगर हृदय को दुरुस्त रखना है, तो 1500 मिलीग्राम सोडियम का ही सेवन करना चाहिए. इसका तीन चौथाई हिस्सा आपको पैक्ड फूड से मिल जाता है, इसलिए फूड लेबल पढ़ना और भी ज़रूरी है.स्वस्थ व पौष्टिक कार्बोहाइड्रेट
* फाइबर और शुगर कार्बोहाइड्रेट का एक प्रकार है * कार्बोहाइड्रेट का सेवन हृदय के लिए ज़रूरी है, साथ ही ये पाचन तंत्र भी सही रखता है. * अनरिफाइंड कार्बोहाइड्रेट फ़ायदेमंद होता है, जो अनाज, बीन्स, नट्स व बिना प्रोसेस्ड किए गए फूड से मिलता है. * हाई कार्बोहाइड्रेटयुक्त आहार, जैसे- शक्कर, चावल, ब्रेड सेहत बिगाड़ सकते हैं. * ऐसे खाद्य पदार्थ, जिस पर ऐडेड शुगर लिखा हो, उससे दूरी बनाएं. ये केवल कैलोरीज़ बढ़ाएंगे.प्रोटीन
* एक हेल्दी फूड में लगभग 60 से 120 ग्राम प्रोटीन होना चाहिए. मछली, मांस, अंडे, सब्जियां व फल प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं. प्रोटीन की मात्रा चेक करते व़क्त ध्यान रखें कि खाद्य पदार्थ लो फैट या फैट फ्री हो.इन पोषक तत्वों से हो भरपूर
* ऐसा पैक्ड फूड चुने जिनमें पोटैशियम, विटामिन, कैल्शियम, आयरन की मात्रा अधिक हो. ये पोषक तत्व आपको कई बीमारियों से बचाएंगे.% डीवी
* पर्सेंटेज ऑफ डेली वैल्यू आपके दैनिक आहार में सही मात्रा में पोषक तत्व पहुंचाने के लिए एक गाइड की तरह काम करता है. * ऊपर दी गई जानकारी 2000 कैलोरी प्रतिदिन के आधार पर दी गई है. उम्र, लिंग, ऐक्टिविटी लेवल व वज़न घटाने-बढ़ाने के आधार पर हर किसी की कैलोरी की ज़रूरत 2000 से कम या ज़्यादा हो सकती है.इन शब्दों का अर्थ
फैट फ्री - इसका मतलब कैलोरी फ्री नहीं होता है. फैट फ्री में हर सर्विंग में 0.5 ग्राम से कम फैट होता है. लो फैट - 3 ग्राम या उससे कम फैट. लोअर फैट - सामान्य फैट की तुलना में 25 फ़ीसदी कम फैट. कैलोरी फ्री - 5 कैलोरी से कम. लो कैलोरी - सामान्य कैलोरी का एक तिहाई हिस्सा. शुगर फ्री - 0.5 ग्राम से कम शक्कर. लो शुगर - सामान्य से 25 फ़ीसदी कम. कोलेस्ट्रॉल फ्री - 2 मिलीग्राम से कम कोलेस्ट्रॉल और 2 ग्राम या उससे कम सैचुरेटेड फैट. कोई प्रिज़र्वेटिव्स नहीं - कोई रासायनिक या प्राकृतिक परिरक्षक नहीं है. कोई प्रिज़र्वेटिव्स नहीं डाला - रासायनिक प्रिज़र्वेटिव्स नहीं है पर सिरका या नमक जैसे प्राकृतिक प्रिज़र्वेटिव्स हो सकते हैं. हाई फाइबर - 5 ग्राम या उससे अधिक फाइबर. नमक रहित - 5 ग्राम से कम सोडियम.
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