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बर्थडे स्पेशल: जावेद अख़्तर के जन्मदिन पर छाया रहा सितारों का रेट्रो लुक… (Birthday Special: Retro Look Of The Stars That Overshadowed Javed Akhtar’s Birthday…)

हिंदी सिनेमा के उम्दा व बेहतरीन शायर, गीतकार, लेखक जावेद अख़्तर आज अपना 75वां जन्मदिन मना रहे हैं. कल रात से ही उनके जन्मदिन की धूम मची रही, ख़ासतौर पर रेट्रो थीम पर रहे बर्थडे पार्टी में फिल्मी हस्तियों का लुक मज़ेदार व शानदार रहा. Javed Akhtar जावेद अख़्तर और शबाना आज़मी लाल रंग के आउटफिट में काफ़ी ख़ूबसूरत व आकर्षक लग रहे थे. उनके बेटे फरहान अख़्तर ने तो डॉन फिल्म में अमिताभ बच्चन की वेशभूषा धारण की थी, उस पर सिर पर गमछा भी बांध रखा था. बिल्कुल डॉन के गीत खइके पान बनारसवाला खुल जाए बंद अक्ल का ताला... गाने में अमितजी के अंदाज़ की नकल की थी फरहान ने. Farhan Akthar इस फेहरिस्त में सतीश कौशिक भी अपनी पत्नी के साथ काले रंग के पोल्का डॉट्स के ड्रेसेस में कुछ कम दिलचस्प नहीं लग रहे थे. Javed Akhtar Birthday Party अनिल कपूर पत्नी सुनीता के साथ हमेशा की तरह डैशिंग व अट्रैक्टिव दिखे. बड़े भाई बोनी कपूर तो अपनी इमेज से हटकर रेट्रो लुक में शरारतभरी मुस्कान के साथ छाए रहे. Anik Kapoor Javed Akhtar Birthday Party Javed Akhtar Birthday Party उर्मिला मातोंडकर भी फराह ख़ान के साथ अपने हुस्न का जलवा दिखाते हुए रंगाीला हो रही थीं. Javed Akhtar Birthday Party दिव्या दत्ता लाल रंग के शरारे में गज़ब ढा रही थीं. उस पर मैचिंग करते गहने और क़ातिल मुस्कान, भई वाह क्या बात है. Javed Akhtar Birthday Party आमिर ख़ान पत्नी किरण राव के साथ रेट्रो लुक में कुछ अलग ही दिख रहे थे. वैसे भी यह जोड़ा जहां कहीं जाता है, अपनी छाप छोड़ जाता है. Aamir Khan आशुतोष गोवरिकर भी अपनी धर्मपत्नी के साथ मुस्कुराते हुए रंग जमाने पहुंचे. Javed Akhtar Birthday Partyफोटो: योगेन शाह कह सकते हैं कि जावेद साहब के जन्मदिन पार्टी को यादगार बनाने में बॉलीवुड के स्टार्स ने कोई कसर बाकी नहीं रखी. Javed Akhtar Javed AkhtarJaved Akhtar
ज़िंदगीनामा...
* आज जावेद साहब अपना प्लेटिनम जुबली सालगिरह मना रहे हैं. * वे बचपन से ही कविताएं और गीत लिखा करते थे. * उनका असली नाम जादू है. ये नाम उनके पिता ने उनकी ही लिखी हुई पंक्ति- लम्हा-लम्हा किसी जादू का फ़साना होगा... से लेकर उन्हें दी थी. * स्कूल में उनके मित्र उनसे प्रेमपत्र लिखवाया करते थे. * गीतकार, कवि, शायर व स्क्रिप्ट राइटर जावेदजी का जन्म 17 जनवरी 1945 को पिता जाननिसार अख़्तर के यहां हुआ था. * पिता मशहूर गीतकार थे और मां सैफिया अख़्तर गायिका व लेखिका थीं. * बचपन से ही जावेद उसी माहौल में रहे हैं, ऐसे में शब्दों से खेलना उनके लिए कोई मुश्किल काम नहीं था. * हिंदी सिनेमा के लिए बेहतरीन गीत लिखनेवाले जावेदजी ने ग़ज़ल को भी एक नया रूप दिया. * जब जावेद मुंबई आए, तब उनके पास रहने के लिए घर भी नहीं था. कई रातें उन्होंने सड़कों पर गुज़ारी थीं. * सलीम ख़ान और जावेद अख़्तर की मुलाक़ात सरहदी लुटेरा फिल्म के सेट पर हुई थी. इस फिल्म में सलीम ख़ान हीरो थे और जावेद क्लैपर बॉय थे. * सलीम ख़ान व जावेद अख़्तर की जोड़ी ने साथ में 24 फिल्में लिखीं, जिनमें से 20 सुपर डुपर हिट रहीं. * उस दौर में स्क्रिप्ट राइटर का नाम फिल्मी पर्दे पर नहीं दिखाया जाता था, लेकिन सलीम-जावेद की फिल्मों ने यह करिश्मा कर दिखाया. * मिस्टर इंडिया फिल्म के बाद सलीम-जावेद की जोड़ी टूट गई. * बतौर गीतकार जावेदजी की पहली फिल्म सिलसिला रही. * बहुत कम लोग जानते हैं कि जावेदजी अपना जन्मदिन अपनी पहली पत्नी हनी ईरानी के साथ शेयर करते हैं. दोनों का ही जन्मदिन 17 जनवरी को है. * जावेदजी कैफ़ी आज़मी को असिस्ट किया करते थे. वहीं उनकी मुलाक़ात शबाना आज़मी से हुई और छह साल तक अफेयर के बाद दोनों ने शादी कर ली. * पद्मश्री और पद्मभूषण से सम्मानित जावेद सर्वश्रेष्ठ गीतकार के लिए पांच राष्ट्रीय और 14 फिल्मफेयर अवॉर्ड्स भी जीत चुके हैं.
Javed Akhtar
जावेद अख़्तर के शानदार संवाद पर एक नज़र...
* मेरे पास मां है... * अरे ओ सांबा कितने आदमी थे... * आज ख़ुश तो बहुत होंगे तुम... * जब तक बैठने को ना कहा जाए, शराफ़त से खड़े रहो... यह पुलिस स्टेशन है, तुम्हारे बाप का घर नहीं है... * मैं आज भी फेंके हुए पैसे नहीं उठाता... * ये हाथ हमको दे दे ठाकुर... * हमारे देश में काम ढूंढ़ना भी एक काम हैे... * मैं जब भी किसी से दुश्मनी मोल लेता हूं, तो सस्ते-महंगे की परवाह नहीं करता... * तू अभी इतना अमीर नहीं हुआ बेटा कि अपनी मां को ख़रीद सके... * इस दुनिया में दो टांगवाला जानवर सबसे ख़तरनाक है... Javed Akhtar
उम्दा गीत, ग़ज़ल, शायरी...
आप भी आइए हमको भी बुलाते रहिए दोस्ती ज़ुर्म नहीं दोस्त बनाते रहिए ज़हर पी जाइए और बांटिए अमृत सबको ज़ख़्म भी खाइए और गीत भी गाते रहिए व़क्त ने लूट लीं लोगों की तमन्नाएं भी ख़्वाब जो देखिए औरों को दिखाते रहिए शक्ल तो आपके भी ज़ेहन में होगी कोई कभी बन जाएगी तस्वीर बनाते रहिए   अगर पलक पे है मोती तो ये नहीं काफ़ी हुनर भी चाहिए अल्फ़ाज़ में पिरोने का   ज़रा-सी बात जो फैली तो दास्तान बनी वो बात ख़त्म हुई दास्तान बाक़ी है   बंध गई थी दिल में कुछ उम्मीद-सी ख़ैर तुम ने जो किया अच्छा किया   छोड़ कर जिस को गए थे आप कोई और था अब मैं कोई और हूं वापस तो आ कर देखिए   अक्ल ये कहती दुनिया मिलती है बाज़ार में दिल मगर ये कहता है कुछ और बेहतर देखिए   मैं पा सका न कभी इस ख़लिश से छुटकारा वो मुझ से जीत भी सकता था जाने क्यूं हारा

- ऊषा गुप्ता

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