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5) काजल काजल आंखों में लगाई जानेवाली काले रंग की स्याही को कहते हैं. काजल महिला की आंखों व रूप को निखारता है. धार्मिक मान्यता मान्यताओं के अनुसार, काजल लगाने से स्त्री पर किसी की बुरी नज़र का कुप्रभाव नहीं पड़ता. काजल से आंखों से संबंधित कई रोगों से बचाव होता है. काजल से भरी आंखें स्त्री के हृदय के प्यार व कोमलता को दर्शाती हैं. वैज्ञानिक मान्यता वैज्ञानिक मान्यताओं के अनुसार, काजल आंखों को ठंडक देता है. आंखों में काजल लगाने से नुक़सानदायक सूर्य की किरणों व धूल-मिट्टी से आंखों का बचाव होता है. 6) मेहंदी मेहंदी लगाने का शौक लगभग सभी महिलाओं को होता है. लड़की कुंआरी हो या शादीशुदा हर महिला मेहंदी लगाने के मौ़के तलाशती रहती है. सोलह शृंगार में मेहंदी महत्वपूर्ण मानी गई है. धार्मिक मान्यता मानयताओं के अनुसार, मेहंदी का गहरा रंग पति-पत्नी के बीच के गहरे प्रेम से संबंध रखता है. मेहंदी का रंग जितना लाल और गहरा होता है, पति-पत्नी के बीच प्रेम उतना ही गहरा होता है. वैज्ञानिक मान्यता वैज्ञानिक मान्यताओं के अनुसार मेहंदी दुल्हन को तनाव से दूर रहने में सहायता करती है. मेहंदी की ठंडक और ख़ुशबू दुल्हन को ख़ुश व ऊर्जावान बनाए रखती है. 7) चूड़ियां चूड़ियां हर सुहागन का सबसे महत्वपूर्ण शृंगार हैं. महिलाओं के लिए कांच, लाक, सोने, चांदी की चूड़ियां सबसे महत्वपूर्ण मानी गई हैं. धार्मिक मान्यता मान्यताओं के अनुसार, चूड़ियां पति-पत्नी के भाग्य और संपन्नता की प्रतीक हैं. यह भी मान्यता है कि महिलाओं को पति की लंबी उम्र व अच्छे स्वास्थ्य के लिए हमेशा चूड़ी पहनने की सलाह दी जाती है. चूड़ियों का सीधा संबंध चंद्रमा से भी माना जाता है. वैज्ञानिक मान्यता वैज्ञानिक मान्यताओं के अनुसार, चूड़ियों से उत्पन्न होनेवाली ध्वनि महिलाओं की हड्डियों को मज़बूत करने में सहायक होती है. महिलाओं के रक्त के परिसंचरण में भी चूड़ियां सहायक होती हैं. 8) मंगलसूत्र मंगलसूत्र एक ऐसा सूत्र है, जो शादी के समय वर द्वारा वधू के गले में बांधा जाता है और उसके बाद जब तक महिला सौभाग्यवती रहती है, तब तक वह निरंतर मंगलसूत्र पहनती है. मंगलसूत्र पति-पत्नी को ज़िंदगीभर एकसूत्र में बांधे रखता है. धार्मिक मान्यता ऐसी मान्यता है कि मंगलसूत्र सकारात्मक ऊर्जा को अपनी ओर आकर्षित कर महिला के दिमाग़ और मन को शांत रखता है. मंगलसूत्र जितना लंबा होगा और हृदय के पास होगा वह उतना ही फ़ायदेमंद होगा. मंगलसूत्र के काले मोती महिला की प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मज़बूत करते हैं. वैज्ञानिक मान्यता वैज्ञानिक मान्यताओं के अनुसार, मंगलसूत्र सोने से निर्मित होता है और सोना शरीर में बल व ओज बढ़ानेवाली धातु है, इसलिए मंगलसूत्र शारीरिक ऊर्जा का क्षय होने से रोकता है.ये भी पढ़ें: चूड़ियां पहनने के 5 धार्मिक और वैज्ञानिक लाभ (Why Do Indian Women Wear Bangles-Science Behind Indian Ornaments)
9) कर्णफूल/ईयररिंग्स कर्णफूल यानी ईयररिंग्स-झुमके, कुंडल, गोल, लंंबे आदि आकार व डिज़ाइन में पाए जाते हैं. आमतौर पर महिलाएं सोने, चांदी, कुंदन आदि धातु से बने ईयररिंग्स पहनती हैं. धार्मिक मान्यता मान्यताओं के अनुसार, कर्णफूल यानी ईयररिंग्स महिला के स्वास्थ्य से सीधा संबंध रखते हैं. ये महिला के चेहरे की ख़ूबसूरती को निखारते हैं. इसके बिना महिला का शृंगार अधूरा रहता है. वैज्ञानिक मान्यता वैज्ञानिक मान्यताओं के अनुसार हमारे कर्णपाली (ईयरलोब) पर बहुत से एक्यूपंक्चर व एक्यूप्रेशर पॉइंट्स होते हैं, जिन पर सही दबाव दिया जाए, तो माहवारी के दिनों में होनेवाले दर्द से राहत मिलती है. ईयररिंग्स उन्हीं प्रेशर पॉइंट्स पर दबाव डालते हैं. साथ ही ये किडनी और मूत्राशय (ब्लैडर) को भी स्वस्थ बनाए रखते हैं. 10) बाजूबंद ये बाजू के ऊपरी हिस्से में पहना जाता है. बाजूबंद सोने, चांदी, कुंदन या अन्य मूल्यवान धातु या पत्थर से बना होता है. धार्मिक मान्यता मान्यताओं के अनुसार, बाजूबंद महिलाओं के शरीर में ताक़त बनाए रखने व पूरे शरीर में उसका संचार करने में सहायक होता है. वैज्ञानिक मान्यता वैज्ञानिक मान्यताओं के अनुसार, बाजूबंद बाजू पर सही मात्रा में दबाव डालकर रक्तसंचार बढ़ाने में सहायता करता है. 11) कमरबंद कमरबंद धातु व अलग-अलग तरह के मूल्यवान पत्थरों से मिलकर बना होता है. कमरबंद नाभि के ऊपरी हिस्से में बांधा जाता है. धार्मिक मान्यता मान्यताओं के अनुसार, महिला के लिए कमरबंद बहुत आवश्यक है. चांदी का कमरबंद महिलाओं के लिए शुभ माना जाता है. वैज्ञानिक मान्यता वैज्ञानिक मान्यताओं के अनुसार, चांदी का कमरबंद पहनने से महिलाओं को माहवारी तथा गर्भावस्था में होनेवाले सभी तरह के दर्द से राहत मिलती है. चांदी का कमरबंद पहनने से महिलाओं में मोटापा भी नहीं बढ़ता. 12) मांगटीका मांगटीका दुल्हन को मांग में पहनाया जानेवाला ज़ेवर है. यह सोने, चांदी, कुंदन, जरकन, हीरे, मोती आदि से बनाया जाता है. धार्मिक मान्यता मान्यताओं के अनुसार, मांगटीका महिला के यश व सौभाग्य का प्रतीक है. मांगटीका यह दर्शाता है कि महिला को अपने से जुड़े लोगों का हमेशा आदर करना है. वैज्ञानिक मान्यता वैज्ञानिक मान्यताओं के अनुसार मांगटीका महिलाओं के शारीरिक तापमान को नियंत्रित करता है, जिससे उनकी सूझबूझ व निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है.ये भी पढ़ें: बॉलीवुड सेलिब्रिटीज़ का रत्न प्रेम: क्या रत्न चमकाते हैं इनकी क़िस्मत? (10 Bollywood Celebrities And Their Lucky Astrological Gemstones)
13) अंगूठी शादी की सबसे पहली रस्म अंगूठी से ही शुरू की जाती है, जिसमें लड़का-लड़की एक दूसरे को अंगूठी पहनाकर सगाई की रस्म पूरी करते हैं. धार्मिक मान्यता मान्यताओं के अनुसार, अंगूठी पति-पत्नी के प्रेम की प्रतीक होती है, इसे पहनने से पति-पत्नी के हृदय में एक-दूसरे के लिए सदैव प्रेम बना रहता है. वैज्ञानिक मान्यता वैज्ञानिक मान्यताओं के अनुसार, अनामिका उंगली की नसें सीधे हृदय व दिमाग़ से जुड़ी होती हैं, इन पर प्रेशर पड़ने से दिल व दिमाग़ स्वस्थ रहता है. 14) पायल पैरों में पहनी जानेवाली पायल चांदी की ही सबसे उत्तम व शुभ मानी जाती है. पायल कभी भी सोने की नहीं होनी चाहिए. शादी के समय मामा द्वारा दुल्हन के पैरों में पायल पहनाई जाती है या ससुराल से देवर की तरफ़ से यह तोहफ़ा अपनी भाभी के लिए भेजा जाता है. धार्मिक मान्यता मान्यताओं के अनुसार, महिला के पैरों में पायल संपन्नता की प्रतीक होती है. घर की बहू को घर की लक्ष्मी माना गया है, इसी कारण घर में संपन्नता बनाए रखने के लिए महिला को पायल पहनाई जाती है. वैज्ञानिक मान्यता वैज्ञानिक मान्यताओं के अनुसार, चांदी की पायल महिला को जोड़ों व हड्डियों के दर्द से राहत देती है. साथ ही पायल के घुंघरू से उत्पन्न होनेवाली ध्वनि से नकारात्मक ऊर्जा घर से दूर रहती है. 15) बिछिया हर वैवाहिक महिला पैरों की उंगलियों में बिछिया पहनती है. बिछिया भी चांदी की ही सबसे शुभ मानी गई है. धार्मिक मान्यता महिलाओं के लिए पैरों की उंगलियों में बिछिया पहनना शुभ व आवश्यक माना गया है. ऐसी मान्यता है कि बिछिया पहनने से महिलाओं का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और घर में संपन्नता बनी रहती है. वैज्ञानिक मान्यता वैज्ञानिक मान्यताओं के अनुसार, महिलाओं के पैरों की उंगलियों की नसें उनके गर्भाशय से जुड़ी होती हैं, बिछिया पहनने से उन्हें गर्भावस्था व गर्भाशय से जुड़ी समस्याओं से राहत मिलती है. बिछिया पहनने से महिलाओं का ब्लड प्रेशर भी नियंत्रित रहता है. 16) इत्र सुगंध ख़ासकर गुलाब के फूल की सुगंध सीधे रूप से प्रेम से संबंध रखती है. सुगंध को प्रेम का प्रतीक माना गया है और यह पति-पत्नी को एक दूसरे की ओर आकर्षित करती है. धार्मिक मान्यता सौभाग्यवती महिला के लिए गुलाब की सुगंध सबसे उत्तम मानी जाती है. गुलाब प्रेम का प्रतीक है, इसलिए गुलाब का इत्र लगाने से पति हमेशा पत्नी की ओर आकर्षित रहता है. वैज्ञानिक मान्यता वैज्ञानिक मान्यताओं के अनुसार, इत्र मानसिक तनाव दूरकर तरोताज़ा रखता है. गुलाब की सुगंध दूसरों को अपनी ओर आकर्षित करती है. इत्र को नर्व पॉइंट्स पर लगाना चाहिए. - कमला बडोनी
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