- इस योजना के तहत आप एक हज़ार, पांच हज़ार, 10 हज़ार और 50 हज़ार रुपए के सर्टिफिकेट ख़रीद सकते हैं.
- अपने बजट के अनुसार कितने भी सर्टिफिकेट्स, जैसे- 20 हज़ार, 40 हज़ार रुपए के ख़रीद सकते हैं. इन पर कोई प्रतिबंध नहीं है.
- केवीपी ख़रीदते समय अगर चेक से भुगतान करते हैं, तो चेक इश्यू करने की तारीख़ से ही सर्टिफिकेट ख़रीदने की प्रारंभिक तिथि मानी जाएगी, न कि जिस तारीख़ को डाकघर के अकाउंट में पैसा आया है, उस तारीख़ से.
- इन्हें एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के नाम पर, एक शाखा से दूसरी शाखा में आसानी से ट्रांसफर कर सकते हैं.
- इनमें जमा की गई रक़म नौ वर्ष चार महीने में दोगुनी होती है.
- ढाई साल के बाद आप कभी भी इन्हें विड्रॉ कर सकते हैं. श्
- इन सर्टिफिकेट को आप ख़ुद, पत्नी, नाबालिग बच्चों या संयुक्त व्यक्तियों के नाम पर ले सकते हैं.
- 55-60 साल का ही नहीं, उससे अधिक उम्र का व्यक्ति भी डाकघर में खाता खोल सकता है.श्
- कोई भी वरिष्ठ नागरिक एक से अधिक खाते खोल सकता है और अपने बजट के अनुसार संचालित कर सकता है.
- इस बचत योजना की अवधि पांच साल की है और इसमें नामांकन व ट्रांसफर की सुविधा भी है.
- इस खाते में अधिक से अधिक 15 लाख रुपए तक जमा करा सकते हैं.
- वरिष्ठ नागरिक केवल अपनी पत्नी या पति के साथ ही संयुक्त खाता खोल सकते हैं, बच्चों के साथ नहीं.
- एक लाख रुपए से अधिक का भुगतान करने के लिए वरिष्ठ नागरिकों को चेक का इस्तेमाल करना होता है और एक लाख से कम राशि होने पर नक़द राशि जमा कर सकते हैं.
- कोई भी वरिष्ठ नागरिक कितने ही खाते खोल सकता है, लेकिन उनका टोटल 15 लाख से अधिक नहीं होना चाहिए.
- इस योजना में निवेश की गई राशि पर आयकर की धारा 80सी के तहत लाभ मिलता है.
- इस योजना में तिमाही ब्याजदर दी जाती है.
- इस योजना के तहत कम से कम 250 रुपए और अधिक से अधिक डेढ़ लाख रुपए सालाना जमा कर सकते हैं.
- इस योजना के दौरान 14 साल तक तय की गई राशि जमा करनी होती है.
- खाता खोलने की तारीख़ से 21 साल तक ही यह योजना वैध होती है.
- लड़की के 18 साल पूरे होने के बाद अभिभावक 50% जमाराशि निकाल सकते हैं.
- इसमें भी अन्य बचत योजनाओं की तरह तिमाही ब्याजदर संशोधित करके दी जाती है.
- आयकर की धारा 80सी के तहत यह योजना भी टैक्स फ्री है.
- केेवल भारतीय नागरिक ही इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. कोई एनआरआई नहीं.
- एनएससी को दूसरे व्यक्ति के नाम पर ट्रांसफर व नामांकन किया जा सकता है.
- खो जाने पर डुप्लीकेट एनएससी बनाई जा सकती है.श्र आवश्यकता पड़ने पर इस पर लोन भी मिलता हैै.
- मैच्योर होने पर यदि एनएससी की रक़म निकाली नहीं जाती है, तो बैंक एफडी की तरह अपने आप रिन्यू होने की बजाय इस पर सेविंग अकांउट की तरह ब्याज मिलता है.
- एनएससी पर प्रत्येक छह माह में कंपाउंड इंट्रेस्ट मिलता है और वह इंटे्रस्ट उसी में रिइन्वेस्ट हो जाता है.
- अपने बजट के अनुसार सौ रुपए से लेकर अधिकतम कितना भी निवेश कर सकते हैं.
- इसे मैच्योरिटी की अवधि से पहले विड्रॉ नहीं किया जा सकता है.
- पीपीएफ अकाउंट कोई भी व्यक्ति, जैसे-किसान, बिज़नेसमैन, रिक्शेवाला, सर्विसमैन खोल सकता है. इस खाते को खुलवाने की कोई आयु सीमा नहीं है.
- एक व्यक्ति अपने नाम से केवल एक हीपीपीएफ अकाउंट खोल सकता है, उससे ज़्यादा नहीं.
- अगर आपने अपना पीपीएफ अकाउंट खोला है, तो आप उसे 15 साल तक जारी रख सकते हैं.
- इसमें महीने में दो बार राशि जमा कर सकते हैं, लेकिन साल में केवल 12 ट्रांज़ैक्शन ही कर सकते हैं.
- बेहतर होगा कि पीपीएफ अकाउंट में पांच तारीख़ से लेकर महीने की आखिरी तारीख़ के बीच रक़म डिपॉज़िट करें, क्योंकि इन दिनों जो भी मिनिमम बैलेंस आपके अकाउंट में होता है, उस पर ब्याज मिलता है.
- यदि पूरे साल में एक बार भी पीपीएफ अकाउंट में पैसा जमा नहीं करते हैं, तो आपका अकाउंट सस्पेंड कर दिया जाता है, हालांकि बाद में कुछ पिछला बकाया जमा करके उसे दोबारा जारी कर सकते हैं.
- बच्चे के नाम पर दो गार्जियन अलग-अलग पीपीएफ अकाउंट नहीं खोल सकते हैं.
- इसके तहत एक व्यक्ति पर्सनली और जॉइंट दोनों तरह के खाते खोल सकता है.
- 10 साल से कम उम्र के बच्चों के खाते खोले जा सकते हैं और 10 साल के बाद बच्चा अपना खाता स्वयं संचालित कर सकता है.
- इस स्कीम की मैच्योरिटी डेट पांच साल की होती है, लेकिन दो-तीन साल के बाद रक़म निकालने पर कुछ राशि काटकर मिलती है.
- इसमें ट्रांसफर और नामांकन की सुविधा है.
- सिंगल को जॉइंट अकाउंट में और जॉइंट अकाउंट को सिंगल अकाउंट में कभी भी बदला जा सकता है.
- डाकघर की यह आरडी स्कीम स़िर्फ पांच साल के लिए होती है. इससे कम अवधि की नहीं.
- इसमें प्रतिमाह कम से कम 10 रुपए का निवेश करना ज़रूरी है, लेकिन अधिकतम कितना भी जमा कर सकते हैं.
- इस खाते में तिमाही ब्याज मिलता है.
- इस आरडी अकाउंट में जमाराशि पर कोई टैक्स बेनीफिट नहीं मिलता.
- आपने यदि एक से 15 तारीख़ के बीच में खाता खुलवाया है, तो आपको अगले माह की किश्त भी 1-15 के बीच में जमा करनी होती. यदि 16 से 30/31 तारीख के बीच में खाता खोला है, तो अगले माह भी इस समयावधि में राशि जमा करनी होती है.
- अगर निर्धारित अंतिम तिथि तक किश्त जमा नहीं करते हैं, लेट किश्त के साथ एक फीसदी प्रतिमाह की दर से जुर्माना जमा करना होता है.
- यदि खाते में लगातार चार किश्त जमा नहीं की है, तो पोस्ट ऑफिस अपने आप खाता बंद कर देता है.
- आरडी अकाउंट बंद हो गया है, तो अगले दो महीनों में आवेदन देकर खाता रिस्टार्ट कर सकते हैं.
- इस अकाउंट को केवल 20 रुपए में खोला जा सकता है, लेकिन अगर चेकबुक चाहिए, तो 500 रुपए से अकाउंट खोलना होगा.
- सारा लेन-देन नक़द करना चाहते हैं, तो खाते में 50 रुपए न्यूनतम बैलेंस होना चाहिए. अगर चेक के द्वारा करना चाहते हैं, तो मिनिमम बैलेंस 1,500 रुपए तक होना चाहिए.
- पोस्ट ऑफिस में एक व्यक्ति केवल एक सिंगल या जॉइंट अकाउंट ही खोल सकता है.
- खाता खोलने के बाद उसे चालू रखने के लिए तीन साल में कम से कम एक बार ट्रांज़ैक्शन करना ज़रूरी है.
- खाता चाहे सिंगल हो या जॉइंट, दोनों में चार फीसदी की दर से वार्षिक ब्याज मिलता है.
- बच्चों के नाम पर भी पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट खोल सकते हैं.
- बच्चों के नाम पर भी ये टर्म डिपॉज़िट स्कीम ले सकते हैं .
- इसके तहत न्यूनतम 200 रुपए से लेकर अपने बजट के अनुसार टर्म डिपॉज़िट कर सकते हैं.
- इस योजना में चार पीरियड ऑप्शन होते हैं- एक साल, दो साल, तीन साल और पांच साल. अपनी योजना के अनुसार इनका लाभ उठाया जा सकता है.
- जितने लंबे समय के लिए टर्म डिपॉज़िट लेंगे, उतना अधिक ब्याज मिलता है.
- पांच सालवाले टर्म डिपॉज़िट पर आयकर की धारा 80सी के तहत छूट मिलती है.
- मैच्योर होने पर टर्म डिपॉज़िट अकाउंट को रिन्यू करा सकते हैं, लेकिन रिन्यू कराते समय उस समय नई ब्याज दर के अनुसार ब्याज मिलता है.
- टर्म डिपॉज़िट आरंभ होने के छह महीने तक पैसा नहीं निकाल सकते हैं. अगर छह महीने और एक साल के बीच में पैसा निकालते हैं, तो सेविंग अकाउंट की ब्याज दर के अनुसार ब्याज मिलता है, टर्म डिपॉज़िट के अनुसार नहीं.
- इस टर्म डिपॉज़िट के आधार पर लोन भी ले सकते हैं.अलर्ट: डाकघर की विभिन्न योजनाओं में मिलनेवाले ब्याज की सही दर जानने के लिए अपने नज़दीकी पोस्ट ऑफिस में जाएं, क्योंकि कुछ योजनाओं में ब्याज दर की गणना तिमाही और अर्धवार्षिक के आधार पर की जाती है, इसलिए यहां पर दी गई ब्याज दर अनुमानित है.
- पूनम नागेंद्र शर्मा
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